एनआरआई (NRI) से सम्बन्धित जानकारी
किसी व्यक्ति के द्वारा अपने देश को किसी कारणवश छोड़ कर किसी दूसरे देश में बसने तथा वही पर अपना निवास स्थान बना लेने वाले लोगो को NRI कहते है | भारत देश के अनेको व्यक्ति दूसरे देश में अपना जीवन व्यतीत कर रहे है | भारत के मूल निवासी होने के बाद भी अपना निवास स्थान विदेश में बना चुके है तथा वहा की नागरिकता भी प्राप्त कर चुके है |

व्यक्ति जिस देश का मूल निवासी होता है उस देश की संस्कृति से आत्मिक रूप से जुड़ा होने के कारण दूसरे देश का निवासी बन जाने के बाद भी अपनी जन्मभूमि की सभ्यता और संस्कृति का विस्तार करता रहता है, साथ ही दूसरे देश में व्यवसाय या नौकरी करके उस देश के उत्थान में सहयोंग भी करता रहता है | यहाँ पर आपको “एनआरआई (NRI) क्या होता है, NRI का फुल फॉर्म, NRI का मतलब क्या है, इसके विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है|
NRI का मतलब
भारत देश के बहुत से नागरिक विदेशो में रह रहे है तथा अनिश्चित काल के लिए विदेश के ही नागरिक हो गए है | अधिकतर भारतीय नागरिक उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से अधिक समय से विदेश में निवास कर रहे है तथा देश के प्रतिभाशाली छात्र जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयो तथा संस्थाओ जैसे NIT, IIM तथा IITआदि से शिक्षा प्राप्त करने के बाद उच्च पद एवं नौकरी प्राप्त करने की लालसा से विदेशो में जा बसे है | वही दूसरे देश के आर्थिक विकास में सहयोगी भी है | इसके आलावा ऐसे लोग जिनके माता-पिता भारतीय नागरिक है तथा उनका जन्म विदेश में होने के कारणवश वहा की नागरिकता प्राप्त हो गयी है |
NRI शब्द का प्रयोग उन लोगो के लिए किया जाता है जो निवासी देश के होते है लेकिन विदेश में रहने के कारण वहा की नागरिकता प्राप्त हो चुकी है | भारत की लगभग 2 करोड़ की आबादी इस समय विदेशो में निवास कर रही है साथ ही वहा के जनसँख्या घनत्व में भी अपना योगदान दे रही है |
जीएनपी (GNP) और एनएनपी (NNP) का फुल फॉर्म क्या है
NRI का फुल फॉर्म तथा अर्थ
NRI का फुलफॉर्म Non-Resident Indian (नॉन रेजिडेंट इंडियन) होता है जिसका हिंदी में अर्थ “अनिवासी भारतीय” है, अपने विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के उद्देश्य से भारतीय नागरिक विदेशो में बस गए है वह NRI होते है|
NRI बनने के मुख्य कारण
सामान्यतः NRI बनने के अनेक कारण होते है लेकिन मुख्य कारण इस प्रकार है
1. रोजगार प्राप्त करने के उद्देश्य से |
2. यात्रा और अवकाश के कारण |
3. विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से |
4. उपचार कराने के उद्देश्य से |
4. प्रशिक्षण प्राप्त करने के कारण |
5. व्यावसायिक उद्देश्य की पूर्ति के कारण से \
NRI के लिए कर (Tax) प्रावधान तथा स्टेटस (Status)
फेमा (FEMA) प्रावधानों के अंतर्गत NRI को कर में वरीयता प्रदान की जाती है | NRI लोगो की आय का वह हिस्सा जो भारत से प्राप्त होता है उसके लिए कर भारत में देना होता है तथा इसके अतिरिक्त जो आय विदेश से प्राप्त होती है उसका कर विदेश में जमा करना होता है | NRI के द्वारा भारत में भेजा गया धन विदेशी मुद्रा भंडार में सम्मिलित किया जाता है |
आयकर विभाग के द्वारा NRI का स्टेटस निर्धारित किया जाता है, व्यक्ति किस उद्देश्य के अंतर्गत विदेश में रह रहा है तथा कितने समय तक वो भारत देश में रहा है यदि व्यक्ति 182 दिन से अधिक भारत में रुका हुआ है तो उसे रेसिडेंट कहते है | आयकर विभाग को दोहरे कर नियमो के कारण परेशानी न उठानी पड़े इसलिए फेमा प्रावधान के अंतर्गत ये NRI की नागरिकता के स्टेटॅस को नहीं बल्कि आयकर विभाग के स्टेटस को प्रस्तुत करता है |
आधार कार्ड (Aadhar Card)
विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक के लिए भी आधार कार्ड आवश्यक है, आधार कार्ड को देश की नागरिकता के साथ नहीं सम्मिलित किया जाता है यह केवल भारतीय नागरिकता का प्रमाण होता है तथा NRI को दोनों देशो के आधार कार्ड की आवश्यकता होती है | व्यवसाय एवं व्यक्तिगत सम्बन्धी कार्य सुचारु रूप से चल सके इसके लिए आधार कार्ड आवश्यक है |
NRI के सिद्धांत
भारत के किसी व्यक्ति के द्वारा छह महीने या उससे भी अधिक समय भारत के बाहर रहने वाले व्यक्ति को NRI कहते है या किसी भी वर्ष 60 दिन भारत में रहा हो या कुल 4 वर्षो में कम से कम 365 दिन भारत में रहने वाले व्यक्ति को रेजिडेंट मान लिया जाता है या कुल 183 दिन भारत के बाहर रहने वाले नागरिक को NRI कहते है, साथ ही NRI व्यक्ति को वोट देने का भी अधिकार होता है|
भारतीय मूल के चर्चित NRI
भारत के प्रसिद्ध NRI लोगो के नाम इस प्रकार है
- हाशिम अमला
- सुन्दर मूर्ति
- आनंद सत्यानंद
- लिल्ली सिंह
- कल्पना चावला
- वहीद अली
- मनोज पंजाबी
- श्री प्रकाश लोहिया
इस पृष्ठ पर आप को NRI के विषय में सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराया गया है, अब उम्मीद करता हूँ आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी|