सीडीओ (CDO) कैसे बने |Know How To Become CDO & CDO Officer Salary IN Hindi

सीडीओ (CDO) ऑफिसर से सम्बन्धित जानकारी

भारत के बहुत बड़ा देश है, इतने बड़े देश को चलाने के लिए इसे राज्यों में विभाजित किया गया तथा राज्यों को चलाने के लिए जिला, ब्लाक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। देश को राज्यों, जिलों, ब्लाक में विभाजित करनें का उद्देश्य यह है, ताकि सरकार द्वारा दी जानें वाली सुविधाओं का लाभ देश के प्रत्येक व्यक्ति को मिल सके| यदि किसी को कोई समस्या होती है, तो वह अपनी समस्याओं का समाधान अपने संबंधित अधिकारियों को बता सके जब इन क्षेत्रों में अधिकारियों की आवश्यकता पड़ी तो सरकार ने विभिन्न विभाग में बांट दिया जिससे कि शिकायत कर्ता तथा कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाया जा सके। जिले के अंतर्गत ब्लाक और ग्रामीण क्षेत्र आते है, जिसके लिए  जिले स्तर पर एक अधिकारी होता है, जिसे हम सीडीओ कहते है| आईये जानते है सीडीओ (CDO) कैसे बने, इसका फुल फॉर्म, कार्य और सैलरी के बारे में|

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सीडीओ फुल फॉर्म (CDO Full Form)

सीडीओ का फुल फॉर्म चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर (Chief Development Officer) है, जिसे हम हिंदी में मुख्य विकास अधिकारी कहते है| राज्य के प्रत्येक जिलें में मुख्य विकास अधिकारी का एक पद होता है| 

सीडीओ क्या होता है (What Is CDO)

सीडीओ जिले स्तर पर एक प्रशासनिक पद है| सीडीओ राज्य सरकार तथा प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति उत्तरदाई होता है। सीडीओ का मुख्य कार्य जिले में शहरी तथा ग्रामीण इलाको के विकास के लिए कार्य करना है| सरकार द्वारा जारी योजनाओं का लाभ शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पहुचना होता है| सरकारी योजनाओ का लाभ कितने लोगो को प्राप्त हुआ कितनें लोग शेष रहे गये, इस सभी का विवरण सीडीओ के पास होता है| शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं से सम्बंधित कोई समस्या होती है, तो उसका निराकरण इन्ही के द्वारा किया जाता है|     

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सीडीओं (CDO) के अधिकार 

सीडीओ को अपने जिले के अंतर्गत आने वाले सभी ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) की मीटिंग की अध्यक्षता करने का पूर्ण अधिकार होता है|सीडीओ जिले के अंतर्गत आने वाले सभी ब्लॉक और ग्रामीण क्षेत्रों का एक बड़ा अधिकारी होता है जो राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं को ग्रामीण और शहरी इलाकों मे लागू करने का आदेश देता है और उनकी समय-समय पर जाँच करता है अगर किसी योजना मे कोई समस्या आ रही है तो सरकार से सीधे बात करने के लिए जिम्मेदार होता है, इसके अलावा यदि ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) उसके निर्देश के मुताबिक कार्य नहीं करते है, तो वह उन सभी पर सख्त कार्यवाही अर्थात बर्खास्त कर सकता है|

सीडीओ बननें हेतु शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification)

सीडीओ बननें के लिए अभ्यर्थी को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक होना अनिवार्य है|

सीडीओ बननें हेतु आयु मापदंड (Age)

आरक्षित श्रेणी के अनुसार आयु सीमा को अलग-अलग बांटा गया है, इन्हें नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है| सामान्य रूप से आवेदक की आयु 21 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए|

सीडीओ कैसे बने (How to become CDO)

सीडीओ बनने के लिए आपको संघ लोक सेवा आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करना होगा। यह परीक्षा तीन चरणों में होती हैं| जिसका पहला चरण प्राथमिक परीक्षा, दूसरा चरण मुख्य परीक्षा तथा तीसरा चरण साक्षात्कार होता है। इस पद के लिए आपको तीनों परीक्षाएं उत्तीर्ण करना अनिवार्य है| परीक्षा का पैटर्न राज्य तथा केंद्र परीक्षा आयोग द्वारा निर्धारित किया जाता है,उनके पास यह अधिकार होता है कि इस परीक्षा से संबंधित फेरबदल कर सकें।

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प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination)

प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत 150- 150 नंबर के 2 प्रश्न पत्र होते है, इसके लिए 2 घंटे की समय अवधि निर्धारित होती है।

मुख्य परीक्षा (Main Exam)

प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त करनें वाले अभ्यर्थी को मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाता है|  मुख्य परीक्षा में प्रायः 200 – 200 अंक के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते है।

साक्षात्कार (Interview)

प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त करने नवाले छात्रों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है| इंटरव्यू अर्थात साक्षात्कार इस परीक्षा का सबसे अहम् चरण होता है| जिसमे अभ्यर्थी से योग्यता और तार्किक सवाल किए जाते है, और उनकी योग्यता का आकलन किया जाता है|  इसी प्रदर्शन के आधार पर अभ्यर्थी का चयन किया जाता है।

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सीडीओ की शक्तियां (Power Of CDO)

  • CDO अपने जिले के अंतर्गत आने वाले ब्लॉक तथा ग्रामीण क्षेत्रों का सबसे बड़ा अधिकारी होता है।
  • सीडीओ विकास से संबंधित सभी योजनाओं की अध्यक्षता करता है|
  • यह किसी भी योजनाओं को लागू करने का निर्देश दे सकता है।
  • यदि कोई ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
  • यदि कोई योजना ग्रामीण क्षेत्रो तक नहीं पहुंच पा रही है, तो उससे संबंधित अधिकारियों को वह दंडित कर सकता है।
  • सीडीओ केवल अपने सीनियर अधिकारियों को ही रिपोर्ट देता है।
  • यदि सीडीओ को ऐसा लगता है कि इस विकास कार्य में किसी प्रकार की बाधा आ रही है तो वह सरकार से सीधे बोल सकता है।
  • यदि विकास से संबंधित कार्यों में अवरोध पैदा करता है तो वह उसे गिरफ्तार भी करवा सकता है।
  • सीडीओ जिले में सिर्फ जिलाधिकारी के प्रति उत्तरदाई होता है| सीडीओ जिलाधिकारी को अपनी जानकारी तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।

सीडीओ सैलरी (CDO Salary)

चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर का वेतन लगभग 37400 से 67000 है, इसके साथ कई प्रकार के भत्ते भी प्रदान किये जाते है | समय- समय पर सरकार के निर्देश पर वेतन में बढोत्तरी की जाती है| इसके अलावा यदि इस पद पर चयनित अधिकारी किसी सरकारी काम से बाहर जाता है तो उसका सारा खर्च प्रशासन ही उठाता है।

सीडीओ के कार्य (CDO ke karya)

  • सीडीओ का मुख्य कार्य अपने जिले के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक कस्बे, गाँव, तहसील, शहर के निर्माण कार्य को देखना और उनका संचालन करना होता है।
  • भारत सरकार व राज्य सरकार के द्वारा बनाई गयी जन कल्याणकारी योजनाओं को आम नागरिकों तक पहुँचाना और उनका क्रियान्वयन सुनिश्नित करना।
  • यदि जिले के निर्माण कार्य में किसी तरह का भ्रष्टाचार हो रहा हैं तो संबंधित अधिकारी या व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही करना व उसे जेल में भिजवाना।
  • जिले के विकास में हो रही अनियमितताओं का ध्यान रखना और विकास कार्यों का पूर्ण रूप से संचालन करना।
  • ब्लॉक विकास अधिकारी को निर्देश देना व उनके कार्यों की समीक्षा करना।
  • गाँव के सचिव, सहायक इत्यादि को भी निर्देश देना।
  • जिले के कलेक्टर, विधायक, सांसद को अपने द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यों की सूची देना।

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परीक्षा की तैयारी कैसे करें (Exam Preparation)

आज का युग प्रतिस्पर्धा का युग है, और आजकल प्रतिस्पर्धा निरंतर बढ़ती ही जा रही है| प्रतिस्पर्धा के कारण ही परीक्षा के पैटर्न में भी समय-समय पर बदलाव होता रहता है|  किसी भी क्षेत्र की परीक्षा के लिए एक आयोग द्वारा निर्धारित सिलेबस होता है| सभी अभ्यर्थी सिलेबस के अनुसार ही परीक्षा की तैयारी करते है| यदि आप इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते है, तो इसके लिए आपको एक अच्छी रणनीति की आवश्यकता होगी। 

1.पढ़ाई के लिए उपयुक्त टाइम टेबल बनाएं

टाइम टेबल बनाने का मतलब समय का निर्धारण होता है| यदि आप अपनी दिनचर्या में एक टाइम टेबल बना लेते हैं तो यह आपको सफलता दिलानें में बहुत ही सहायक सिद्ध होगा| ध्यान रखे कि टाइम टेबल लचीला तथा आवश्यकता अनुसार फेरबदल करने योग्य होना चाहिए ।

यदि आपनें किसी विषय को 1 घंटे में समाप्त करने का समय निर्धारित किया है, तो उसे 1 घंटे ही पढ़ें तथा दूसरे सब्जेक्ट को पढ़ना शुरू कर दें इस तरह से आप एक अच्छा टाइम टेबल बनाकर परीक्षा में सफल हो पाएंगे|

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2.परीक्षा पैटर्न के अनुसार तैयारी

किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त करनें के लिए उसके परीक्षा पैटर्न की सटीक जानकारी होनी चाहिए| परीक्षा पैटर्न के अनुसार ही संबंधित विषयों का अध्ययन करें तथा उस पेटर्न के अनुसार पूछे गए सवाल की संख्या के आधार पर विषयों को तैयार करें इस तरह से आप पैटर्न का समझना जरूरी हो जाता है।

3.पाठ्यक्रम को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करे

पाठ्यक्रम को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करनें से आप पढ़नें में भ्रमित नहीं होंगे| अधिकांश छात्र पूरी किताब एक साथ पढ़ने का प्रयास करते हैं, जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यदि आप किसी विषय को छोटे-छोटे टुकड़ों में टॉपिक वाइज विभाजित कर लेते है तो आपको पढ़ने में आसानी होगी तथा आप इसे लंबे समय तक याद रख पाएंगे।

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4.उपयुक्त स्थान का चयन

पढ़ाई के सबसे आवश्यक है कि आप एक उपयुक्त स्थान का चयन करे, क्योंकि शांति तथा उपयुक्त स्थान ही आपके चयन का आधार बन सकता है, जहां पर आप पढ़ाई कर रहे हैं| वह शांत क्षेत्र होना चाहिए। उस जगह में पढ़ाई से संबंधित पुस्तक तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए इस तरह से काम अपने लक्ष्य की ओर बड़े आसानी से बढ़ पाएंगे|

5.शॉर्ट नोट्स बनाये

आप अपनी इच्छानुसार शॉर्ट नोट्स बना सकते हैं| जब आप प्राथमिक परीक्षा की तैयारी कर रहे हो तब यह नोट्स आपके लिए आवश्यक होगी आपको शॉर्ट नोट्स बड़े आसानी से दुकानों में मिल जाएंगे परंतु उनमें से भी जो आपको महत्वपूर्ण लगते हैं उनका अलग से एक नोट अवश्य बनाएं।

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