वर्चुअल रैली क्या है | वर्चुअल का अर्थ | Virtual Meaning in Hindi

भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश के रूप में जाना जाता है | यदि हम देश में होनें वाली रैलियों की बात करे, यहाँ किसी न किसी मुद्दे को लेकर लोगो द्वारा अक्सर रैलियों का आयोजन किया जाता है | वर्तमान समय में वर्चुअल रैली शब्द चारों ओर चर्चा में है | यहाँ तक कि प्रधानमंत्री या किसी गणमान्य व्यक्ति द्वारा किसी कार्यक्रम का शिलान्यास भी वर्चुअल रूप से किया जा रहा है | उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से सभी राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करनें के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है |

दूसरी ओर कोरोना के संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग द्वारा रैलियों के आयोजन पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगा दिया गया है | ऐसे में पोलेटिकल पार्टियों द्वारा वर्चुअल रैलिया आयोजित की जा रही है | आखिर यह वर्चुअल रैली क्या है ? वर्चुअल रैली का क्या मतलब है, वर्चुअल का अर्थ और इससे सम्बंधित पूरी जानकारी आपको यहाँ प्रदान की जा रही है |

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वर्चुअल का अर्थ(Virtual Meaning in Hindi)

एक बड़े जनसमूह को संबोधित करने या किसी अमुख व्यक्ति द्वारा रैली कर कर माध्यम से जनसमूह को प्रभावित करने के लिए रैली का आयोजन किया जाता है | इस रैली को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य उस रैली में उपस्थित बड़े जनसमूह को अपने भाषण अर्थात वक्तव्य के माध्यम से प्रभावित करना है | हमारे देश में सबसे अधिक रैलियों का आयोजन चुनाव के दौरान मतदाताओं को अपनी पार्टी की ओर आकर्षित करने अर्थात उन्हें लुभाने के लिए किया जाता है |

जैसा की हम सभी जानते है, कि विगत दो वर्षो से कोरोना के कारण जान-माल की हानि के साथ ही लोगो की आर्थिक हालात काफी अस्थिर हो चुके है | हालाँकि कोरोना को लेकर स्थितियां काफी सामान्य हो चुकी है परन्तु इसका खतरा अभी भी बरक़रार है | चुनावों के तिथियाँ सार्वजानिक होने के पश्चात सभी दलों द्वारा वर्चुअल रैलिया आयोजित की जा रही है |

वर्तुअल रैली का सीधा मतलब राजनैतिक दलों या कोई नेता डिजिटल तरीके से जनसमूह को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया, फेसबुक लाइव, यूट्यूब और ज़ूम ऐप आदि के माध्यम से जनता को सम्बोधित करने को ‘वर्चुअल रैली’ कहते है |

वर्चुअल रैली कैसे होती हैं (How are Virtual Rallies)

वर्चुअल रैलियां मुख्य रूप से रियल टाइम इवेंट पर आधारित होती है। इन रैलियों में लोगो को आकर्षित करनें के लिए वीडियो, ग्राफिक्स और पोल के माध्यम से कुछ इस तरह से लोगो के समक्ष पेश किया जाता है, जिससे वह अमुख व्यक्ति की बात को आसानी से समझ सके | इसमें पोलेटिकल पार्टियों के प्रमुख अलग-अलग थीम या विषय पर फोकस कर अपनी बातों को जनसमूह तक पहुचाने का कार्य किया जाता है | हमारे सामनें ऐसे कई उदाहरण है, जैसे प्रधानमंत्री जी के द्वारा ‘मन की बात’ और विभिन्न प्रकार की नई योजनाओं का शिलान्यास  वर्चुअल रैलियों के माध्यम से किया जा रहा है |

देश में वर्चुअल रैली का प्रयोग पहली बार कब किया गया (First Virtual Rally in India)

देश में पहली बार वर्चुअल रैली का प्रयोग भारत के प्रधानमंत्री जी के द्वारा अपने दूसरे कार्यकाल का 1 वर्ष पूरा होने पर बीजेपी के नेशनल प्रेसिडेंट जे० पी० नड्डा जी के द्वारा किया गया था | जबकि इस वर्चुअल रैली को लोकप्रिय और आकर्षक बनानें का कार्य भारत के गृहमंत्री अमित शाह जी नेपश्चिम बंगाल और बिहार में चुनाव के प्रचार के लिए किया था |

आपकी जानकरी के लिए बता दें, कि वर्चुअल रैलियों का आयोजन भारत में ही नहीं बल्कि यह दुनिया के विभिन्न देशो में किया जा रहा है | अभी कुछ समय पूर्व अमेरिका में होनें वाले राष्ट्रपति चुनाव में इस प्रकार की रैलियां आयोजित की जा चुकी है |    

वर्चुअल रैली का फॉर्मेट (Virtual Rally)

यदि हम वर्चुअल रैली के फॉर्मेट अर्थात प्रारूप की बात करे, तो यह डिजिटल उपकरणों के माध्यम से रियल टाइम इवेंट पर आधारित होती है | इस रैलियों को आयोजित करनें में आधुनिक यंत्रो का उपयोग किया जाता है, ताकि इनका प्रसारण सम्पूर्ण क्षेत्र में बिना किसी रूकावट की किया जा सके | इसमें आम जनता तक अपनी पहुँच या उपस्थित दर्ज कराने के लिए प्रत्येक गाँव औए शहरों आदि में मुख्य स्थानों पर बड़ी डिजिटल स्क्रीन, एलईडी और स्मार्टफोन में भी वर्चुअल रैली को प्रचारित किया जाता है।

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आम जनसभा और वर्चुअल रैली में अंतर क्या है (Difference Between General Rally and Virtual Rally)

साधारण शब्दों में कहे, तो आम जनसभा में मुख्य अथितिगण और जनता के बीच का संवाद प्रत्यक्ष रूप से आमने सामने होता है और स्वाभाविक रूप से किसी भी व्यक्ति द्वारा सीधे किये जाने वाले संवाद का प्रभाव काफी गहरा होता है | जिसके कारण इलेक्शन या किसी प्रकार की अन्य गोष्टी या सभा के आयोजन में जनसभा या रैली का आयोजन कर अपनी बात को लोगो तक पहुचाने का कार्य किया जाता है |

कोरोना के प्रभाव से जनसभाओं के आयोजन पर प्रतिबन्ध लगाने के पश्चात वर्चुअल रैली का आयोजन किया जा रहा है | इस प्रकार की रैलियों की सबसे खास बात यह है, कि इसे कई दिनों बाद भी देखा व सुना जा सकता है| लेकिन यहाँ समस्या इस बात की है, ऐसे लोग जो काफी निर्धन है और उनके पास ऐसा कोई साधन उपलब्ध नही है, जिसके माध्यम से वह इन वर्चुअल रैलियों में शामिल हो सके |

यदि हम आम जनसभा और वर्चुअल रैली में अंतर की बात करे, तो आम जनसभा को संबोधित करने वाले नेताओं को जनता की प्रतिक्रियाएं अर्थात फीडबैक तुरंत ही मिल जाता है | जिससे उन्हें इस बात का अनुमान लग जाता है, कि आखिर आमजन किस बात को लेकर अधिक उतसाहित है और वह क्या चाहते है | जबकि ऐसा वर्चुअल रैली में नहीं ऐसा कुछ भी संभव नही होता है |

वर्चुअल रैली कितनी प्रभावी होती है

आज के तकनीकी दौर में स्मार्ट फोन-सोशल मीडिया का उपयोग काफी बढ़-चढ़ कर किया जा रहा है और इस चुनावी दौर में राजनीतिक दलों द्वारा आमजनों को आकर्षित और प्रभावित करनें के कार्य इन्ही के माध्यम से किया जा रहा है | एक साधारण जनसभा या मीटिंग का प्रभाव लोगो पर एक सीमित समय तक प्रभावी होता है, जबकि सोशल मीडिया के माध्यम से रैलियों में भाषण, संवाद को अधिक से अधिक समय तक कई बार प्रसारित किया जा सकता है | 

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