भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक कहा जाता है और यहाँ की शासन प्रणाली एक लिखित संविधान पर आधारित है। संविधान के मुताबिक यहाँ पर सरकार का चयन जनता द्वारा मतदान प्रक्रिया के माध्यम से होता है | भारत में मुख्य रूप से प्रत्येक 5 वर्ष में चुनाव कराये जाते है| भारत विभिन्न राज्यों वाला देश है और प्रत्येक राज्य में सरकार बनाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव संपन्न कराये जाते है | इस चुनाव में ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टिया शामिल होती है, जिसमें नागरिकों द्वारा मतदान के माध्यम से चयनित प्रतिनिधि को विधायक (MLA) कहते है |

विधायक बनने के पश्चात वह 5 वर्ष तक या राज्यपाल द्वारा निकाय भंग होने तक अपनी सीटों पर बने रहते हैं । विधानसभा चुनाव कैसे होता है, इसके बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी के साथ ही विधान सभा चुनाव लड़ने हेतु पात्रता और दस्तावेजों के बारें में पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
विधानसभा चुनाव क्या है (Assembly Electionin Hindi)
भारतीय शासन प्रणाली की संघीय संरचना तीन-स्तरीय है, जिसमें संघ या केंद्र सरकार, सर्वोच्च कार्यकारी पद धारण करने वाले प्रथम स्तर का गठन करती है। केंद्र सरकार अपनी कुछ शक्तियों को राज्य सरकार को सौंपती है, जो संघीय ढांचे में दूसरे स्तर का गठन करती है। सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के शासन के तहत राज्यों को विशेष कार्यकारी शक्तियाँ निहित हैं। तीसरे और अंतिम स्तर में पंचायतें और नगर पालिकाएं शामिल हैं जो स्थानीय स्तर के शासन में शामिल हैं।
भारतीय संविधान के अनुसार, भारत के प्रत्येक राज्य में विधान सभा के सदस्यों (एमएलए) द्वारा संचालित एक विधान सभा होनी चाहिए। विधायक एक चुनावी जिले (निर्वाचन क्षेत्र) के मतदाताओं द्वारा चुने गए लोगों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि होते हैं। दूसरे शब्दों में विधानसभा चुनाव भारत के राज्यों में कराए जाने वाले राज्य-स्तरीय चुनाव हैं। इन चुनावों में प्रत्येक राज्य की जनता अपने राज्य-स्तर के शासन के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है जिन्हें विधायक कहा जाता है।
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विधानसभा चुनाव कैसे होता है (Assembly Elections Process)
भारत में राज्यों को विधानसभा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और इन क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष की अवधि पूरी होनें के पश्चात विधानसभा चुनाव संपन्न कराये जाते है | हालाँकि राज्यों की जनसँख्या के आधार पर सभी राज्यों में विधानसभा सीटों की संख्या एक समान नही होती है | इन सीटों पर होनें वाले इलेक्शन को विधानसभा चुनाव कहते है | इस चुनाव में विभिन्न प्रकार की राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के साथ-साथ निर्दलीय पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव में भाग लेते है | आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीटों की कुल संख्या 484 है और इसे भारत के सबसे बड़े राज्य के रूप में जाना जाता है |
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विधायक की चुनाव प्रक्रिया (MLA Election Process)
विधायक सीधे एक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं द्वारा चुने जाते हैं, विधायक के चुनाव की प्रक्रिया इस प्रकार है-
- विधानसभा चुनाव वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल की समाप्ति के बाद अर्थात प्रत्येक 5 वर्ष की अवधि के बाद संपन्न कराये जाते है।
- प्रत्येक राज्य को जनसंख्या के आधार पर अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों या विशिष्ट क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।
- इन निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों द्वारा वोट दिया जाता है।
- विधान सभा चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को इस इलेक्शन से सम्बंधित प्रत्येक पात्रता मानदंड को पूरा करना आवश्यक होता है |
- उम्मीदवार या तो किसी विशिष्ट राजनीतिक दल से संबद्ध हो सकते हैं या स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं।
- इस चुनाव में प्रत्याशियों को सीधे एक मतदाता के माध्यम से चुना जाता है, जो सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के अनुसार मतदान करता है।
- किसी राज्य के राज्यपाल के पास एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्य को नामित करने की कार्यकारी शक्ति होती है, यदि उक्त व्यक्ति के पास विधानसभा में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है।
- विधानसभा में पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाता है और 6 माह के अन्दर पुनः चुनाव कराये जाते है |
- पब्लिक रिप्रजेंटेशन एक्ट 1951 की धारा 34(1) (ख) के अनुसार, इस इलेक्शन में खड़ा होने वाला प्रत्याशी यदि एससी (SC), एसटी (ST) वर्ग से सम्बंधित है, तो उन्हें 5000 रुपये सिक्योरिटी डिपाजिट करनी होती है|
- यदि चुनाव चुनाव लड़नें वाला प्रत्याशी जनरल कैटेगरी से सम्बंधित होनें पर उन्हें 10,000 रुपये सिक्योरिटी डिपाजिट के रूप में जमा करना होता है|
- पब्लिक रिप्रजेंटेशन एक्ट1951 की धारा 33(7) के मुताबिक, एक व्यक्ति अधिक से अधिक सिर्फ 2 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ सकते है |
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के अनुसार, यह चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को चुनाव में होनें वाले व्यय से सम्बंधित ब्यौरा या विवरण इलेक्शन कमीशन को 1 माह के अन्दर प्रस्तुत करना होता है |
विधानसभा चुनाव लड़ने हेतु पात्रता (Contest Assembly ElectionsEligibility)
विधायकों को विधायी (कानून बनाने), वित्तीय (बिल, अनुदान और कर प्रस्तावों को पारित करना), कार्यकारी (सत्तारूढ़ सरकार का नियंत्रण), और चुनावी (राष्ट्रपति की नियुक्ति, राज्यसभा के सदस्यों, विधान सभा के अध्यक्ष) शक्तियों के साथ निहित किया जाता है। विधायक बनने के लिए पात्रता इस प्रकार है-
- विधानसभा चुनाव लड़ने हेतु उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है।
- इलेक्शन लड़ने वाले व्यक्ति की आयु 25 वर्ष से कम नही होनी चाहिए।
- जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, उम्मीदवार को उस राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदाता होना चाहिए जिसका वह प्रतिनिधित्व कर रहा है।
- चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को भारत सरकार के अंतर्गत किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।
- उम्मीदवार को मानसिक रूप से पूर्णतया स्वस्थ होना चाहिए
- पब्लिक रिप्रजेंटेशन एक्ट1951 में कहा गया है, कि कोई भी विधायक दोषी पाया गया और अदालत द्वारा दोषी पाए जानें पर वह इस पद पर नहीं रह सकता।
विधानसभा का कार्यकाल (Term Of Assembly)
भारतीय संविधान के मुताबिक, विधान सभा की आर्य अवधि 5 साल निर्धरित की गयी है | प्रत्येक 5 वर्ष की अवधि पूरी हो जानें पर पश्चात पुनः चुनाव संपन्न कराये जाते है | हालाँकि राज्य के राज्यपाल को यह अधिकार होता है, कि वह किसी आपातकाल की स्थिति में विधानसभा का कार्यकाल एक बार मे 1 वर्ष के लिए बढ़ा सकते है परन्तु स्थिति सामान्य होनें पर 6 महीने के अन्दर उसका विघटन अवश्य हो जाना चाहिए |
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