रेंट एग्रीमेन्ट क्या होता है | Rent Agreement Process in Hindi

रेंट एग्रीमेंट से सम्बंधित जानकारी

वर्तमान समय में किराया अतिरिक्त आमदनी का एक अच्छा स्त्रोत है| आज भी हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग है, जो अपने खाली पड़े मकान या प्रॉपर्टी को किराये पर देते है| इससे उन्हें अच्छी आमदनी भी होती है और दूसरी तरफ जरूरतमंद लोगो को रहनें के लिए एक स्थान मिल जाता है| आज के इस महंगाई के दौर में अपना स्वयं का मकान बनवाना काफी कठिन है, जिसके कारण अधिकांश लोग मकान किराए पर लेकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं |

किराये पर प्रॉपर्टी लेते या देते समय प्रॉपर्टी के मालिक और किरायेदार के बीच के कुछ महत्वपूर्ण बातों पर समझौता होता हैं, जिसे रेंट एग्रीमेन्ट पर लिखा जाता है| आज हम यहाँ आपके समक्ष रेंट एग्रीमेन्ट के बारें में चर्चा करेंगे, आईये जानते है कि रेंट एग्रीमेन्ट क्या होता है और रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) कैसे बनवाये ?

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रेंट एग्रीमेन्ट क्या होता है (What Is Rent Agreement)

रैंट एग्रीमैंट एक ऐसा दस्तावेज होता है, जो किसी भी संपत्ति (Property) को किराए (Rent) पर देने से पहले प्रॉपर्टी मालिक (Property Owner) और किराएदार (Tenant) द्वारा किये गये समझौते (Agreement) के आधार पर तैयार किया जाता है| दूसरे शब्दों में, किसी प्रॉपर्टी को किराए पर देने से पहले किराएदार और संपत्ति के स्वामी द्वारा लिखित समझौता तैयार करते है, जिसे किरायानामा या रेंट एग्रीमेंट कहते है|

इस किरायानामा या रेंट एग्रीमेंट में मकान के किराये आदि से सम्बंधित अनेक प्रकार की शर्ते लिखी होती है, जिस पर प्रॉपर्टी ऑनर और किरायेदार की सहमति से दोनों लोगो के हस्ताक्षर होते है| यह रेंट एग्रीमेंट दोनों पक्षों के लिए काफी लाभदायक होता है, इसके साथ ही किसी प्रकार की कानूनी कार्यवाही के लिए यह एक साक्ष्य के रूप में कार्य करता है|

चूँकि रेंट एग्रीमेंट दोनों पक्षों की सहमति होनें पर ही बनाया जाता है, इस एग्रीमेंट में सभी प्रकार की शर्ते और नियम जैसे कि मासिक किराया, किराये पर रहनें की अवधि, किराया कब और कितना बढ़ेगा, बिजली का बिल आदि से सम्बंधित अनेक प्रकार की बातों का उल्लेख किया जाता है| यदि भवन स्वामी या किराएदार द्वारा किसी प्रकार के बदलाव का प्रस्ताव रखा जाता है, तो इसके लिए उन्हें 1 माह पहले नोटिस देना आवश्यक है|

रेंट एग्रीमेंट की आवश्यकता क्यों होती है? (Why rent agreement is needed?)

रेंट एग्रीमेंट दोनों ही पक्षों को कानूनी कार्रवाई में सक्षम बनाता है। इसके मुख्य मुख्य लाभ इस प्रकार से हैं-

  • रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक एवं किरादार दोनों ही पक्षों को किसी भी प्रकार के विवाद से बचाता है एवं कानूनी कार्रवाई जैसे मुकदमे आदि के खिलाफ सक्षम बनाता है।
  • रेंट एग्रीमेंट में प्रापर्टी के इस्तेमाल से संबंधित सभी शर्तों का उल्लेख रहता है, जिन पर किराएदार के हस्ताक्षर रहते हैं। किसी भी प्रकार के मिसयूज पर मकान मालिक इसे कानूनी दस्तावेज की तरह इस्तेमाल कर मुकदमा करा सकता है, यही बात किराएदार के लिए भी फिट बैठती है।
  • यदि किराएदार प्रापर्टी छोड़ता है तो वह रेंट एग्रीमेंट का हवाला देकर एडवांस वापस पाने में सक्षम होता है।
  • यदि किराएदार मकान मालिक के साथ किसी प्रकार का बुरा व्यवहार करता है अथवा नियमों का पालन नहीं करता तो मकान मालिक को किराएदार को प्रापर्टी से बाहर करने में सहायता मिलती है।

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रेंट एग्रीमेंट बनवानें हेतु आवश्यक दस्तावेज (Documents For Rent Agreement)

  • भवन स्वामी और किराएदार दोनों पक्षों के मूल आधार के साथ उनकी छाया प्रति
  • दो गवाह, जिनके पास आइडेंटी प्रूफ के लिए मूल आधार या अन्य कोई साक्ष्य उपलब्ध हो
  • भवन स्वामी और किराएदार के पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • 100 रुपये का स्टाम्प पेपर
  • सिक्योरिटी मनी के साथ मकान का किराया

रेंट एग्रीमेंट में शामिल होनें वाली महत्वपूर्ण बातें (Important Things Included In Rent Agreement)

  • रेंट एग्रीमेंट सदैव 100 रुपये के स्टांप पेपर पर बनवाना चाहिए, क्योंकि स्टांप पेपर एक्ट के मुताबिक, किसी भी तरह का सामान्य किरायानामा 100 रुपये के स्टांप पेपर पर होना चाहिए |
  • किरायानामें में स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए, कि किस प्रॉपर्टी का कौन सा भाग और कितनें समय के लिए किराये पर लिया/ दिया जा रहा है|
  • रेंट एग्रीमेंट में दोनों पक्षों अर्थात प्रॉपर्टी मालिक और किराएदार का नाम आधार कार्ड के अनुसार स्पष्ट रूप से लिखे होनें चाहिए|
  • रेंट एग्रीमेंट में दो गवाहो के हस्ताक्षर होना आवश्यक है, क्योंकि बिना गवाहों के किरायानामा कानूनी रूप से वैध नहीं माना जाता है।
  • किराये पर ली गयी संपत्ति का किराया देने की तिथि अवश्य लिखी होनी चाहिए, यदि किराया देने में देरी होनें पर पेनल्टी के बारें में अवश्य लिखे| इसके साथ ही किराएदार द्वारा मकान मालिक को सिक्योरिटी के रूप में दी जानें वाली धनराशि का उल्लेख करे|
  • बिजली, पानी या अन्य किसी सुविधा के लिए शुल्क का भुगतान किराये में शामिल है, या नहीं है? इसका उल्लेख एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से होना चाहिए|
  • यदि किसी कारणवश संपत्ति स्वामी द्वारा घर खाली कराने या किराएदार द्वारा घर छोड़ने से एक माह पहले नोटिस के माध्यम से सूचना देना आवश्यक है, और इस बात का जिक्र एग्रीमेंट में किया जाना आवश्यक है|
  • संपत्ति या भवन का किराया कितने समय में और कितने प्रतिशत बढेगा, इसका उल्लेख एग्रीमेंट में होना आवश्यक है। इसके आलावा यदि किराया बढ़ाने से सम्बंधित अन्य कोई शर्त है, तो इस बात का उल्लेख एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से होना चाहिए|
  • किराये पर ली गयी संपत्ति या घर में रहने वाले बालिग और नाबालिक, विवाहित और अविवाहित सदस्यों के नाम एग्रीमैंट में दर्ज होनें चाहिए, ताकि किराए की राशि इनमें से किसी एक से ली जा सके |

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रेंट एग्रीमेंट कैसे बनवाये (How To Get Rent Agreement)

यदि आप किसी प्रॉपर्टी या मकान को रेंट पर लेने या देने जा रहे है, तो आपको रेंट एग्रीमेंट अवश्य बनवाना चाहिए, ताकि किसी प्रकार का विवाद होनें पर आसानी से उसका निस्तारण किया जा सके और उचित पक्ष को इसका लाभ मिल सके| आप यह एग्रीमेंट किसी अच्छे वकील के माध्यम से बनवा सकते है| एक रेंट एग्रीमेंट में उन सभी बातों का उल्लेख किया जाना आवश्यक है, जिस पर दोनों पक्षों की सहमति है|

रेंट एग्रीमेंट के नियम एवं शर्तें 

  • रेंट एग्रीमेंट में किराएदारी की अवधि का साफ साफ उल्लेख हो। आपको बता दें कि यह वह अधिकतम अवधि होती है, जिसके बाद लीज/किराया एग्रीमेंट को रिन्यू (renew) किया जाता है अथवा उसे निरस्त किया जाता है।
  • रेंट एग्रीमेंट में उन शर्तों का उल्लेख अवश्य करें, जिनका पालन न करने पर किराएदार को बेदखल किया जा सकता है। जैसे-किराएदार मकान को सब लेट नहीं करेगा आदि।
  • रेंट एग्रीमेंट में लाॅकइन पीरियड (lock-in period) एवं समझौता समाप्ति की अवधि (period of contract) को स्पष्ट तौर पर लिखें। आपको बता दें दोस्तों कि लाॅक-इन पीरियड वह न्यूनतम अवधि होती है, जिसमें किराएदार प्रापर्टी खाली नहीं कर सकता।
  • रेंट एग्रीमेंट में किराया (rent), मेंटिनेंस लागत (maintenance cost) एवं भुगतान का तरीका (mode of payment) यह सब स्पष्ट हो।
  • यह भी स्पष्ट हो कि मकान मालिक किराये में कब वृद्धि करेगा और कितनी। आम तौर पर यह वृद्धि सालाना (annual) और 10 प्रतिशत तक होती है।
  • रेंट एग्रीमेंट में संपत्ति को सब-लेट (sub-let) किया जा सकता है या नहीं, इस बात का उल्लेख होना चाहिए।
  • रेंट एग्रीमेंट में पावर आफ अटार्नी (power of attorney) से संबंधित ब्योरे का उल्लेख हो।

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रेंट एग्रीमेंट का प्रारूप (Rent Agreement Format)

मैं …………………………..पुत्र ……………………………..निवासी पता………………….. ……………………………….. देश का निवासी हूँ|

प्रथम पक्ष

नाम …………………………….पिता का नाम …………………………..स्थायी पता ……………………………….द्वितीय पक्ष है|

1.यह कि प्रथम पक्ष ……………………..के नाम मकान ग्राम / शहर …………………जिला ………………………………………………….में स्थित है/

2. प्रथम पक्ष का इस संपत्ति पर हर प्रकार से मालिकाना हक़ प्राप्त है|

3.यह कि द्वितीय पक्ष नें प्रथम पक्ष के मकान में से 2 कमरे और जगह साथ में टॉयलेट और बाथरूम है,जिसका मासिक किराया रुपये ……………………. है / जो दिनांक …………… से …………………………….. तक लिया गया है |

4.यह मकान सिर्फ 2 माह के लिए किराये पर दिया गया है, उसके बाद बिना किसी भय से स्थगित किया जा सकता है| इसमें द्वितीय पक्ष को कोई परेशानी नहीं होगी|

5. द्वितीय पक्ष द्वारा मकान का मासिक किराया प्रत्येक हर माह की 10 तारीख को देय होगा।

6. प्रथम पक्ष के इस भवन में बिजली के लिए 7 रुपये प्रति यूनिट की दर से देय होगा, जो कि किराये की राशि से अलग है तथा पानी के लिए कोई शुल्क अलग से नही लिया जायेगा|

7.यह की प्रथम पक्ष इस अवधि से पूर्व मकान खाली करानें की स्थिति में इसको जानकारी द्वितीय पक्ष को 1 माह पहले लिखित रूप से देनी होगी|

8.यह कि दोनों पक्षों के मध्य किरायेदारी आपसी सहमति पर बिना किसी विवाद के चलता रहता है, तो यह एग्रीमेंट भविष्य में अग्रिम अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है|

9.यह है, कि द्वितीय पक्ष भवन के किसी भी निर्माण मे किसी भी प्रकार की कोई तोड़-फोड या नया निर्माण नही करेगा तथा किसी अन्य व्यक्ति को किराये पर नही देगा|

10. इस प्रकार दोनों पक्षों के मध्य जितनी भी शर्तों पर सहमति हुई है, उन्हें इस एग्रीमेंट पर लिखा जाना आवश्यक है|

ह० गवाह- 1 ह० गवाह- 2

नाम ……….. नाम ………..

पता …………… पता ……………

ह०किरायेदार ह० मकान मालिक

नाम………………. नाम………………….

दिनांक………….. दिनांक……………….

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रेंट एग्रीमेंट का प्रारूप पीडीऍफ़ (Rent Agreement Format PDF)

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