देश में अध्यापक, डॉक्टर, वकील और इंजीनियर का पद प्राप्त करना बेहद आसान है, लेकिन वहीं जो लोग एक फिलॉसफर के रूप में कार्य करने का सपना देखते है, तो उनके लिए यह रास्ता तय करना बेहद ही मुश्किल होता है, क्योंकि एक फिलॉसफर बनना कोई मामूली बात नहीं होती है | एक फिलॉसफार वह व्यक्ति होता है, जो लोगों के भविष्य के बारे में कुछ बाते पहले से ही बता देता है | इसलिए एक फिलॉसफार के रूप में कार्य करने वाले व्यक्ति को बहुत ही तेज दिमाग वाला व्यक्ति माना जाता है, क्योंकि वह ऐसे कार्यों को पूरा करता, जो दुनिया में और कोई भी नहीं कर सकता है |

फिलॉसफर बनना कोई आसान काम नहीं है | इसलिए यदि आप एक फिलॉसफर बनना चाहते है, और दूसरे लोगों के भविष्य के बारे में बताने चाहते है, तो इस लेख में आपको दार्शनिक (फिलॉसफर) कौन होता है | Philosopher Kaise Bane in Hindi | दर्शनशास्त्र में क्या पढ़ाया जाता है | भारतीय दार्शनिकों के नाम आदि की पोरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
दार्शनिक (फिलॉसफर) कौन होता है ( What is Philosopher ) ?
एक दार्शनिक (फिलॉसफर)वह व्यक्ति होता है जो भविष्य की तैयारी पहले से ही कर लेता है और इसके साथ ही वह फिलॉसफरकी प्रैक्टिस भी जारी रखता है । फिलॉसफर शब्द ग्रीक भाषा Philosophos से मिलकर बना हुआ होता है, जिसका अर्थ ‘लवर ऑफ विजडम’ होता है | वहीं यदि अब वर्तमान समय की बात की जाए तो फिलॉसफर एक बुद्धिजीवी (इंटेलेक्चुअल) के रूप में जाना जाता है और यह फिलॉसफर की एक या अधिक ब्रांचेज़ में योगदान प्रदान करने का काम करता है, उदाहरण के तौर पर, सौंदर्यशास्त्र, नैतिकता, ज्ञानमीमांसा, विज्ञान का दर्शन, तर्कशास्त्र, तत्वमीमांसा, सामाजिक सिद्धांत, धर्म का दर्शन और राजनीतिक दर्शन आदि। 1968 में आई स्टेनली क्यूब्रिक की फिल्म 2001: A Space Odyssey में फिलॉसफर के बारे में दिखाया गया है | कहा जाए तो फिलॉसफर हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग होता है |
दार्शनिक (फिलॉसफर) बनने के लिए स्किल्स ( Skills to be a Philosopher )
दार्शनिक (फिलॉसफर) बनने के लिए ट्रांस्फ़ेरेबल स्किल्स को विकसित करना बेहद ज़रूरी है। अन्य आवश्यक स्किल्स नीचे दी गई हैं:-
- इंटेलेक्चुअल स्किल्स |
- क्रिटिकल |
- एनालिटिकल |
- सिंथेटाइज़िंग |
- प्रॉब्लम-सॉल्विंग |
- कम्युनिकेशन स्किल्स |
- रिटन |
- ओरल |
- ऑर्गनाइजेशनल स्किल्स |
- वर्किंग इंडेपेंडेंटली |
- पहल करना |
- टाइम मैनेजमेंट |
- इंटरपर्सनल स्किल्स |
- दूसरों के साथ काम करने की क्षमता होनी चाहिए |
- दूसरों को प्रेरित करने की क्षमता हमेशा बनाये रखना चाहिए |
- फ्लेक्सिबिलिटी |
- एडेप्टिबिलिटी |
- रिसर्च स्किल्स |
फिलॉसफर के सब फ़ील्ड्स ( Philosopher are all Fields )
लॉजिक ( Logic)
एक फिलॉसफार बनने वाले व्यक्ति के अंदर एक अच्छी भाषा और लॉजिक का होना बहुत ही आवश्यक माना जाता है | इसके साथ ही फिलॉसफर का दिमाग अत्याधिक तेज और उसके अंदर अलग से एक प्रकार का लॉजिक होना चाहिए | लॉजिक का मुख्य रूप से दो वाक्यों का निर्माण किया गया हैं प्रीमाइसेस, सिलोजिस्म | प्रीमाइसेस को प्रमुख रूप से निष्कर्ष निकालने के लिए प्रयोग में लाया जाता है और वहीं निष्कर्ष निकालने वाले लॉजिक को सिलोजिस्म कहते है | लोकप्रिय यूनानी दार्शनिक Aristotle (अरस्तु) ने इसका प्रारम्भ किया था |
एथिक्स (Ethics )
देश में काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति सही और गलत में अंतर निकाल ही लेते है, यदि उनके सामने कुछ गलत होता है तो वह उसे कह देते है, और अगर सही हो रहा तो वह खुश हो जाते है | इसी तरह एथिक्स का संबंध भी सही और गलत की परिभाषा से है, जो एक फिलॉसफर की एथिक्स को लेकर कुछ अलग ही पहचान है |
मेटाफिजिक्स ( Metaphysics )
मेटाफिजिक्स फिलोसोफिकल के लिए एक ऐसा महत्वपूर्ण जरिया रहा है, जो प्रमुख रूप से दुनिया के स्वभाव की जानकारी प्रदान करने का काम करता है | इसलिए इसे फिलॉसफर डिबेट का एक प्राइमरी एरिया कहा जाता है |
फिलॉसफर बनने के लिए कोर्सेज ( Courses to become a Philosopher )
दार्शनिक बनने के लिए UG, PG आदि कोर्सेज के नाम, अवधि इस प्रकार हैं:-
कोर्सेज | अवधि |
BA in Philosophy | 3 वर्ष |
MA in Philosophy | 2 वर्ष |
Master of Philosophy (MPhil) | 2 वर्ष |
PhD | 2 वर्ष |
फिलॉसफर कैसे बनें (How Philosopher )
बैचलर्स डिग्री प्राप्त करें (Get Bachelor Degree )
एक फिलॉसफर बनने के लिए आपके पास बैचलर्स डिग्री का होना आवश्यक होता है और इसके साथ आप इस डिग्री को अधिक से अधिक अंकों के साथ प्राप्त करें |
पीएचडी डिग्री प्राप्त करें (Get PHD Degree )
एक फिलॉसफार बनने के लिए आपके पास पीएचडी की डिग्री होना अनिवार्य है, क्योंकि कई कॉलेज ऐसे भी होते है, जहाँ पर कुछ अभ्यर्थियों को बैचलर्स की डिग्री प्राप्त कर लेने के पश्चात् एक एप्लिकेशन फॉर्म जमा करवाया जाता है और इसके बाद फिलॉसफर बनने के लिए PhD की डिग्री प्राप्त करने के लिए अनुमति प्रदान कर देते है | PhD कोर्स करने के दौरान उसमें एक डिज़रटेशन के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई जाती है, जो एक फिलॉसफर बनने में विशिष्ट विषय पर एक बड़ा रिसर्च के समय काम आ सकता है |
स्पेशलिटी चुनें (Specialty Lime)
यदि आप एक फिलॉसफार प्रोफेसर बन जाते है और आपको आगे की रिसर्च में कई दिक्कते आ रही है, तो आप अपनी इस तरह की परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए किसी एक स्पेशलिटी का चुनाव कर लें | आप सदैव ऐसे स्पेशलिटी का चुनाव करें, जिसे आप से भी अच्छा ज्ञान प्राप्त हो | जैसे आप एथिक्स, एक्सपेरिमेंटल फिलोसोफी, एंशिएंट यूनानी फिलोसोफी, मॉडर्न फिलोसोफी, फिलोसोफी और मेडिसिन, मेटाफिजिक्स आदि स्पेशलिटी से सम्पर्क कर सकते है, जो आपको अपने करियर में एक नीश बनाने में सहायता प्रदान करेंगे |
लेख पब्लिश करें ( Make articles public )
एक सफल और दुनिया के मशहूर फिलॉसफर बनने के लिए आपको फिलॉसफार से सम्बंधित लेख लिखकर पब्लिश करते रहना चाहिए | आप अपने द्वारा तैयार किये गये लेखों को सहकर्मी समीक्षा मैगजीन्स के लिए पब्लिश कर सकते है | यदि आप अपने लेखों को लाखों लोगों के साथ शेयर करेंगे, तो आपको फिलॉसफर विचारों में मदद प्राप्त होगी | इसके साथ ही लोगों द्वारा आपकी पहचान भी बढ़ती जायेगी |
नौकरी की तलाश में रहें ( Looking for a job )
फिलॉसफार से सम्बन्धित कोर्स करने के बाद आपको स्थानीय कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में फिलॉसफार प्रोफेसर जॉब के लिए तलाश जारी कर देनी चाहिए | इसके बाद आप अपनी क्वालिफकेशन के मुताबिक़, एक फिलॉसफर के रूप में जॉब की शुरुआत कर दें और फिर आप धीरे-धीरे एक मशहूर फिलॉसफर के रूप में पहचाने जाने लगेंगे |
फिलॉसफर बनने के लिए योग्यता ( Eligibility to become a Philosopher )
दार्शनिक ( फिलॉसफर) बनने के लिए योग्यता इस प्रकार है:-
- दार्शनिक ( फिलॉसफर) बनने के लिए आपको सर्वप्रथम बैचलर्स कोर्सेज करने होते है, जिसके लिए आप किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा की परीक्षा में सफलता प्राप्त करना अनिवार्य होता है, जिसमें आपको 45% अंक प्राप्त करने आवश्क है |
- यदि आप अपने मास्टर्स से सम्बन्धित कोर्स करना चाहते है, तो इसके लिए आपको सबसे पहले किसी भी विषय में BA प्रोग्राम या BA (Hons) में सफल होना होता है | इसके साथ ही इसमें आपको न्यूनतम 55% अंकों के साथ ग्रेजुएशन परीक्षा पास करना होता है |
- वहीं MPhil करने के लिए आपको सर्वप्रथम किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटीज से किसी भी फील्ड से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त करनी होती है, जिसमें आपको कम से कम 60% अंक प्राप्त करने होते है |
- फिलॉसफर बनने के लिए यदि आप PhD करने के इच्छुक है, तो इसके लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटीज से MA या MPhil में सफलता प्राप्त करनी होती है |
- यदि आप अपने देश से बाहर जाकर किसी अन्य देश में फिलॉसफार का कोर्स करते है, इसके लिए आपको इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट जैसे IELTS, TOEFL के अंक प्राप्त करने होते है |
टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज ( Top Indian Universities )
फिलॉसफर कोर्सेज प्रदान करने वाली टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज के नाम इस प्रकार हैं:-
यूनिवर्सिटीज | औसत सालाना फीस (INR) |
प्रबंधन अध्ययन संस्थान, निम्स विश्वविद्यालय | 50,000 |
निज़ाम कॉलेज | 13,800 |
क्राइस्ट यूनिवर्सिटी | 70,000- 1.02 लाख |
एमिटी विश्वविद्यालय, ग्वालियर | 2,19,000 लाख |
एमएलएसयू – मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय | 16,390 |
श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय | 75,000-1.60 लाख |
बैंगलोर विश्वविद्यालय | 14,000 |
टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज (Top Foreign Universities )
फिलॉसफार के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज के नाम इस प्रकार हैं:-
यूनिवर्सिटीज | सालाना औसत फीस |
पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय | USD 32,052 (INR 24.03 लाख) |
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्केले | USD 43,176 (INR 32.38 लाख) |
हार्वर्ड विश्वविद्यालय | USD 47,074 (INR 35.30 लाख) |
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय | GBP 21,732 (INR 21.73 लाख) |
अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल (एलएसई) | GBP 21,570 (INR 21.57 लाख) |
येल विश्वविद्यालय | USD 55,540 (INR 41.65 लाख) |
नोट्रे डेम विश्वविद्यालय | USD 53,391 (INR 40.04 लाख) |
टोरंटो विश्वविद्यालय | CAD 42,765 (INR 25.65 लाख) |
प्रिंसटन विश्वविद्यालय | USD 53,757 (INR 40.31 लाख) |
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय | GBP 9,250 (INR 9.25 लाख) |
दर्शनशास्त्र में क्या पढ़ाया जाता है ( What is taught in Philosopher ) ?
दर्शनशास्त्र एक ऐसा शास्त्र होता है, जिसमें लोगों के विचारों और उनकी सोचने की क्षमता के बारे में बताया गया है | इसलिए आप अपने जीवन में जितना अधिक दर्शनशास्त्र पढ़ने का प्रयास करते रहेंगे, आप उतने ही बेहतर दार्शनिक बनने मन कामयाबी भी प्राप्त कर सकते है |
- दर्शनशास्त्र में पढ़ाई को अत्याधिक महत्व दिया गया है | पढ़ाई को लेकर दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर एंथनी ग्रेलिंग ने “अत्यधिक बौद्धिक महत्व” को एक कर्तव्य निभाने के रूप में बताया है और इसके साथ ही सुबह में साहित्यिक कार्यों और सुबह का समय गुजरने के बाद दिन में दार्शनिक कार्यों को पढ़ने का सुझाव दर्शनशास्त्र के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया है |
- दर्शनशास्त्र में आप क्लासिक्स को अपनी पढ़ाई का जरिया बना सकते है, इसमें आपको कुछ सबसे स्थायी और शक्तिशाली दार्शनिक विचार जैसे – प्लेटो, अरस्तू, ऑगस्टीन, थॉमस एक्विनास, डन्स स्कॉटस, ह्यूम, डेसकार्टेस और कांट आदि लंबे-दार्शनिकों केर बारे में जानकारी प्राप्त हो सकती है
- यदि आप इनके द्वारा की गई सरंचना से पूरी तरह से सन्तुष नहीं है, तो आपके लिए दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त करना भी अच्छा तरीका है, क्योंकि आप पढ़ाई के माध्यम से भी इनकी सरंचना आसानी से कर सकते है, लेकिन कई महान दार्शनिकों ने इसमें अपने शब्दों का भी अच्छे से उच्चारण किया है |
भारतीय दार्शनिकों के नाम (Name of Indian Philosopher )
हमारे देश की भूमि ने कई ऐसे महानतम दार्शनिकों को जन्म दिया है, जिनकी जितनी भी अधिक व्याख्या की जाए उतनी ही कम होगी , क्योंकि आपको हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली इस सूची में कुछ ऐसे व्यक्ति के नाम सामने आयेंगे जिनका धर्म से एक अलग ही नाता है | आइये पढ़ते है भारतीय दार्शनिकों के विषय में –
1.गौतम बुद्ध
गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था | इनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म की शुरुआत की गई थी |
2.भीमराव आम्बेडकर
भीमराव रामजी आम्बेडकर (14 अप्रैल, 1891 – 6 दिसंबर, 1956) को डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से जाने जाते है | यह लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। बाबासाहब ने दलितों के विपक्ष में सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था।
3.कृष्ण
श्रीकृष्ण, हिन्दू धर्म में भगवान का एक रूप हैं, जिन्होंने धरती पर विष्णु के 8वें अवतार के रूप के रूप में जन्म लिया था | श्रीकृष्ण को आदि नामो कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी पुकारा जाता है |
4.रजनीश (ओशो)
ओशो (मूल नाम रजनीश) का जन्म चंद्र मोहन जैन, 11 दिसम्बर 1931 को हुआ था |
5.बोधिधर्म
बोधिधर्म एक महान भारतीय बौद्ध भिक्षु प्रकार के साधू महात्मा थे | इन्होंने 520 या 526 ई. में चीन पहुंचकर ध्यान-सम्प्रदाय (झेन बौद्ध धर्म) के निर्माण के कार्य को सम्पन्न किया था |
6. गुरु नानक
गुरु नानक जी का जन्म 23 अप्रैल 1469 में हुआ था |
7.महावीर
महावीर जैन धर्म के चौंबीसवें (24वें) तीर्थंकर है। जिनका जन्म ईसा से 599 वर्ष पूर्व , वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था।
8. चाणक्य
चाणक्य का जन्म ईसापूर्व 376 में हुआ था | चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे।
9. स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी,1863 में हुआ था और उनकी मृत्यु 4 जुलाई,1902 में हो गई थी |
10.बुद्धघोष
बुद्धघोष, पालि साहित्य के एक महान भारतीय बौद्धाचार्य और विद्वान के रूप में परचलित थे |
11.अष्टावक्र
अष्टावक्र अद्वैत वेदान्त के महत्वपूर्ण ग्रन्थ अष्टावक्र गीता के महान ऋषि हैं।
12. महात्मा गांधी
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था , जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी है | गांधी जी का निधन 30 जनवरी 1948 में हो गया था |
13. नागार्जुन (दार्शनिक)
नागार्जुन (बौद्धदर्शन) शून्यवाद के प्रतिष्ठापक तथा माध्यमिक मत के पुरस्कारक प्राप्त करने वाले बौद्ध आचार्य थे, जिनके बारे में कहा जाता है, कि सापेक्षिकता का सिद्धांत इन्होंने उसी समय दे दिया था |
14.रमण महर्षि
रमण महर्षि का जन्म 1879 में हुआ था | यह अद्यतन काल के महान ऋषि और संत के रूप में जाने जाते है | इनका निधन 1950 ई. में हो गया था |
15.जिद्दू कृष्णमूर्ति
जिद्दू कृष्णमूर्ति का जन्म 12 मई 1895 में हुआ था | निधन 17 फरवरी 1986 में हो गया था |
16.रवीन्द्रनाथ टैगोर
रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 में हुआ था और उनकी मृत्यु 7 अगस्त, 1941में हो गई थी |
17.वात्स्यायन
वात्स्यायन या मल्लंग वात्स्यायन भारत के एक प्राचीन दार्शनिक के रूप में विख्यात है |
18. असंग
बौद्ध आचार्य असंग, योगाचार परंपरा के आदिप्रवर्तक है |
19.चंद्रकीर्ति
चंद्रकीर्ति – बौद्ध माध्यमिक सिद्धांत के व्याख्याता एक अचार्य के रूप में जाने जाते है |
20.आदि शंकराचार्य
आदि शंकर भारत के एक महान दार्शनिक एवं धर्मप्रवर्तक के रूप में विख्यात है |
21.अजातशत्रु
अजातशत्रु मगध के एक प्रतापी सम्राट के रूप में प्रचलित थे |
22.बसव
गुरु बसव या बसवेश्वर का जन्म 1134 ई. में हुआ था और इनका निधन 1196 ई. में हो गया था |
23.धर्मकीर्ति
धर्मकीर्ति (7वीं सती) भारत के विद्वान एवं भारतीय दार्शनिक तर्कशास्त्र के संस्थापकों में से एक थे |
24. जमदग्नि ऋषि
जमदग्नि ऋषि एक ऋषि बहुत ही प्रसिद्ध और ज्ञानी ऋषि थे |
25.अरविन्द घोष
अरविन्द घोष या श्री अरविन्द एक योगी एवं दार्शनिकके रूप जाने जाते थे | इनका जन्म 15 अगस्त 1872 में कलकत्ता में हुआ था |
26.अत्रि
अत्री ब्रमहा जी के मानस पुत्रों में से एक थे, जो एक वैदिक ऋषि बन गये थे |
27. वशिष्ठ
वशिष्ठ वैदिक काल के प्रसिद्ध ऋषि थे।
28.कश्यप
कश्यप ऋषि भी एक वैदिक ऋषि थे।
29. गोरखनाथ
गोरखनाथ या गोरक्षनाथ जी महाराज प्रथम शताब्दी के पूर्व नाथ योगी कहे जाते थे |
30.चार्वाक दर्शन
चार्वाक दर्शन एक प्राचीन भारतीय भौतिकवादी नास्तिक दर्शन कहा जाता है |
31.परमहंस योगानन्द
रमहंस योगानन्द का जन्म 5 जनवरी 1893 में हुआ था और इनका निधन 7 मार्च 1952 में हो गया था |
32.सर्वपल्ली राधाकृष्णन
डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 ई. में हुआ था और इनका निधन 17 अप्रैल 1975 में हो गया था |
33. सप्तर्षि
सप्तर्षि (सप्त + ऋषि) सात ऋषियों को कहा जाता है, जिनका उल्लेख वेद एवं अन्य हिन्दू ग्रन्थों में कई बार किया गया है |
34. विश्वामित्र
विश्वामित्र वैदिक काल के विख्यात ऋषि थे।
35. पाणिनि
पाणिनि (700 ई पू) संस्कृत भाषा के सबसे बड़े वैयाकरण के रूप विख्यात हुए हैं। पाणिनि का जन्म तत्कालीन उत्तर पश्चिम भारत के गांधार में हुआ था।
36. पार्श्वनाथ
भगवान पार्श्वनाथ जैन धर्म के तेइसवें (23वें) तीर्थंकर बने थे |
37. कणाद
हजारों साल पहले महर्षि कणाद ने द्रव्य के परमाणु होने का रहस्य के बारे में बताया था |
38.तिरुवल्लुवर
तिरुवल्लुवर एक प्रख्यात तमिल कवि के रूप में प्रचलित थे |
39. मक्खलि गोसाल
मक्खलि गोसाल, महावीर स्वामी के समकालीन रहते थे |
40.कपिल
कपिल प्राचीन भारत के एक बहुत ही प्रभावशाली मुनि बन चुके थे |
41.बादरायण
बादरायण वेदान्त के न्याय-प्रस्थान के प्रवर्तक ग्रन्थ ब्रह्मसूत्र के रचयिता के रूप में प्रसिद्ध थे |
42.रामानुजाचार्य
रामानुजाचार्य का जन्म 1017 ई. में हुआ था और इनकी मृत्यु 1137 ई. में हो गई थी
43. वसुबन्धु
वसुबन्धु बौद्ध एक महान नैयायिक थे।
44.भारद्वाज ऋषि
भारद्वाज ऋषि प्राचीन भारतीय ऋषि थे।
45.गदाधर भट्टाचार्य
गदाधर भट्टाचार्य का जन्म 1650 ई. में हुआ था | इन्हें नव्य न्याय के यशस्वी नैयायिक के रूप में जाने जाते थे |
46. नारायण गुरु
नारायण गुरु भारत के महान संत एवं समाजसुधारक के रूप में विख्यात थे |
47. देवगुरु बृहस्पति
बृहस्पति देव तो हर जगह विदमान रहते है |
48. जैमिनि
जैमिनि प्राचीन भारत के एक महान और प्रचलित ऋषि थे।
49. दिङ्नाग
दिङ्नाग का जन्म 480 ई. में हुआ था और इनकी मृत्यु 540 ई. में हो गई थी | यह भारतीय दार्शनिक एवं बौद्ध न्याय के संस्थापकों में से एक है |
50.कुमारिल भट्ट
कुमारिल भट्ट (लगभग 650 ई) मीमांसा दर्शन के दो प्रधान संप्रदायों में से एक भटसंप्रदाय के संस्थापक के रूप में स्थगित किये थे |
51. वाल्मीकि
52. श्री वल्लभाचार्य
53. शाण्डिल्य ( ऋषि )
54. वसुगुप्त
55. याज्ञवल्क्य
56. संजय वेरातिपुत्र (संजय बेलाथिपुत्त)
57. आरुणि (उद्दालक)
58. पराशर ऋषि
59. दीर्घतमस
60. श्रीहर्ष
61. भर्तृहरि
62. चैतन्य महाप्रभु
63. वाजश्रवसपुत्र नचिकेता
64. पतंजलि
65. आत्रेय
66. पं श्रीराम शर्मा आचार्य
67. श्री जीव गोस्वामी
68. रैक्व
69. अक्षपाद गौतम
70. माधवाचार्य
71. वररुचि कात्यायन
72. स्वामी श्रील भक्तिवेदांत प्रभुपाद
73. गौडपादाचार्य
74. अजित केशकंबली
75. भावविवेक
76. कुन्दकुन्द
77. कृष्ण चन्द्र भट्टाचार्य
78. दयान्द सरस्वती
79. प्रवाहण जैवली
80. जयराशि भट्ट
81. रघुनाथ शिरोमणि
82. प्रभाकर
83. पिप्पलाद
84. उद्योतकर
85. उमास्वामी (उमास्वाति )
86. उदयनाचार्य
87. एकनाथ इश्वरण
88. मुहम्मद इक़बाल
89. वाचस्पति मिश्र
90. गंगेश उपाध्याय
91. महर्षि महेश योगी
92. आचार्य आनन्दवर्धन
93. वीरचन्द गाँधी
94. वीरचन्द गाँधी
95. श्रीमद राजचन्द्र
96. ईश्वरकृष्ण