स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) क्या है,

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) से संबंधित जानकारी

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) – स्वतंत्र भारत के प्रथम उप प्रधानमन्त्री तथा प्रथम गृहमन्त्री सरदार वल्लभभाई पटेल जी के भारत निर्माण में सहयोग को भारत की जनता को बताने के लिए 31 अक्टूबर 2013 को उनके जन्म दिन के अवसर पर तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशालकाय मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास किया था , जो वर्ष 2018 में बनकर तैयार हुई, जिसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के अवसर पर किया गया | इस पेज पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) क्या है, विश्व की सबसे ऊँची स्मारक के बारें में विस्तार से जानकारी दे रहे है|

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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) क्या है ?

भारत को एक सूत्र में बांधने का श्रेय प्राप्त सरदार वल्लभभाई पटेल जी को समर्पित यह विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति है | इसकी ऊंचाई 182 मीटर है, ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण में 2,989 करोड़ रुपये खर्च हुए है | इस मूर्ति का कुल वजन 1700 टन है, इसको बनाने में 85% कॉपर, 5% टिन, 5% लेड और 5% जिंक का प्रयोग किया गया है| अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट https://statueofunity.in पर विजिट कर सकते है |

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विश्व की सबसे ऊँची स्मारक कौन है (Which is The World’s Highest Monument)?

वर्तमान समय में विश्व की सबसे ऊँची स्मारक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है, इसकी ऊंचाई 182 मीटर है, इससे पूर्व सबसे ऊँची स्मारक “स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध (चीन)” थी जिसकी ऊंचाई 153 मीटर है| स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो के द्वारा किया गया है तथा इसके शिल्पकार राम सुतार जी है | राम सुतार जी को भारत सरकार ने पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित किया है | राम सुतार जी को टैगोर कल्चरल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है |

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सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति (Statue of Sardar Vallabhbhai Patel)

सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति गुजरात राज्य में सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है, जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है, इस मूर्ति का निर्माण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया गया है | इस मूर्ति के कारण भारत के सम्मान में अत्यधिक वृद्धि हुई है | आधार सहित इस मूर्ति की कुल ऊँचाई 240 मीटर है जिसमे 58 मीटर का आधार तथा 182 मीटर की मूर्ति है |

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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की विशेषता (Feature of Statue of Unity)

  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर कांस्य लेपन किया गया है|
  • सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति तक पहुँचने के लिये लिफ्ट की सुविधा प्रदान की गयी है|
  • मूर्ति का आधार तीन स्तर है, प्रदर्शनी फ्लोर, छज्जा और छत | छत पर स्मारक उपवन, विशाल संग्रहालय तथा प्रदर्शनी हॉल का निर्माण किया गया है, यहां पर सरदार वल्लभभाई पटेल के भारत निर्माण में किये गए सहयोग का प्रदर्शन किया गया है|
  • यहाँ पर नदी से 500 फिट ऊँचा आब्जर्वर डेक का निर्माण किया गया है, इस स्थान से दो सौ व्यक्ति एक साथ मूर्ति को देख सकते है |
  • नाव के माध्यम से 5 मिनट में मूर्ति तक पहुँचा जा सकता है|
  • यहां पर लोगों को सुविधा प्रदान करने हेतु एक आधुनिक पब्लिक प्लाज़ा का निर्माण किया गया है | इस प्लाज़ा में खाने- पीने की सुविधा के साथ उपहार की दुकानें, रिटेल और पर्यटन में सहयोग करने वाली व्यवस्था की गयी है, जिससे पर्यटकों को अच्छा अनुभव प्राप्त हो सके, जो विदेश में जाकर भारत की प्रशंसा कर सके|
  • प्रत्येक सोमवार को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्मारक को रखरखाव हेतु बंद रखा जाता है|

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कुछ महत्त्पूर्ण तथ्य

1.स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (भारत)182 मीटर
2.स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध (चीन)153 मीटर
3.यू्शिकु दाईबुत्शु (जापान)120 मीटर
4.लैक्युन सेककया बुद्धा म्यांमार (बर्मा)116 मीटर
5.स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (अमेरिका)93 मीटर
6.द मदरलैंड कॉल्स (रूस)85 मीटर
7.क्राइस्ट द रीडीमर (ब्राजील)38 मीटर

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण

  • मात्र 33 महीनों में तैयार हुई यह प्रतिमा, चीन के केंद्रीय हेनान प्रांत में स्थित स्प्रिंग टेंपल की 11 सालों में निर्मित 153 मीटर ऊँची प्रतिमा (अब तक विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा का दर्जा प्राप्त था) से भी ऊँची है और न्यूयॉर्क की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मी.) की ऊँचाई से करीब दोगुनी है।
  • प्रतिमा के निर्माण के लिये भारत भर के किसानों से ‘लोहा कैंपेन’ के तहत, आवश्यक लोहे को इकट्ठा किया गया था।
  • इस मूर्ति का डिज़ाइन पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित मूर्तिकार ‘राम वनजी सुतर’ ने तैयार किया था।
  • प्रतिमा का निर्माण भारत की लार्सन एवं टूब्रो कंपनी तथा राज्य संचालित सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड द्वारा किया गया।
  • इसके निर्माण के लिये गुजरात सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट (SVPRET) का गठन किया था।

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