नई शिक्षा नीति क्या है | शिक्षा नीति में कितने भाग है | New Education Policy in Hindi Download PDF

नई शिक्षा निति से सम्बंधित जानकारी

देश की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट द्वारा नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिल गयी है| नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षण व्यवस्था में कई अहम् बदलाव किये जायेंगे| देश में अभी तक जो शिक्षा नीति चल रही है, वह 1986 में राजीव गांधी सरकार के दौरान लागू की गई थी और अब देश को यह नई शिक्षा नीति 34 वर्षो बाद मिली है| सरकार का मानना है, कि बदलते समय के साथ शिक्षण व्यवस्था में बदलाव जरूरी है, जिसके तहत नई शिक्षा नीति लागू की जाएगी|

इस नीति के अंतर्गत मानव संसाधन विकास मंत्रालय को शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जायेगा| यदि आप भी नई शिक्षा नीति क्या है, शिक्षा नीति में कितने भाग है और इस नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था में क्या-क्या बदलाव होंगे, इसके बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी दे रहे है|

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नई शिक्षा नीति क्या है (What Is New Education Policy)

नई शिक्षा नीति द्वारा सरकार नें भारतीय शिक्षण व्यवस्था में कई संधोधन किए हैं। इसमें से सबसे पहला मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम संशोधित कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है| इसका मतलब यह है, कि एचआरडी मंत्री को शिक्षा मंत्री कहा जाएगा| नई शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत देश में लागू 10+2 सिस्टम को समाप्त कर 5+3+3+4 सिस्टम को लाया जा रहा है अर्थात अभी तक कक्षा 1 से लेकर कक्षा 10 तक क्लासेस होती है और छात्र के दसवीं पास होनें के उपरांत 11वीं में आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस में किसी एक स्ट्रीम का चयन कर पढ़ाई करनी होती है परन्तु नई शिक्षा नीति में यह व्यवस्था समाप्त कर दी गयी है|

नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षा व्यवस्था (10+2) की जगह (5+3+3+4) के सिद्धांत पर कार्य करेगी| इसका अर्थ यह है, कि पहले 5 साल बच्चा प्री स्कूल और कक्षा 1 और 2 में पढ़ेगा, इस तरह बच्चे के 5 वर्ष पूरे हो जाएगे| इसके बाद कक्षा 3, 4 और 5 की पढ़ाई करेगा और इस बीच बच्चे की उम्र 8 साल से 11 साल की हो जाएगी| इसके बाद 6, 7 और 8 की पढ़ाई होगी, जिसमें बच्चे की आयु 11 से 14 वर्ष और 14 से 18 साल की उम्र में छात्र 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई कर सकेंगे। इसके बाद छात्र कालेज स्तर की पढ़ाई करेंगे|

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शिक्षा नीति के भाग (5+3+3+4)

नई शिक्षण व्यवस्था 5+3+3+4 पर आधारित होगी, इसका सीधा अर्थ यह है कि शिक्षा व्यवस्था को 4 चरणों में विभाजित किया गया है| इसमें प्राइमरी से 2 कक्षा तक एक चरण, फिर 3 से 5 तक दूसरा चरण, 6 से 8 तक तीसरा चरण और 9 से 12वीं तक अंतिम भाग होगा।

1.फाउंडेशन स्टेज (Foundation Stage)

फाउंडेशन स्टेज के अंतर्गत बच्चा पहले तीन वर्ष तक आंगनबाड़ी में प्री-स्कूलिंग शिक्षा लेंगे, इसके बाद बच्चा अगले 2 वर्ष में कक्षा एक एवं दो में पढ़ेंगे। बच्चों की इन 5 वर्षो की पढ़ाई के लिए एक नया पाठ्यक्रम तैयार किया जायेगा, जिसमें एक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जायेगा|

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2.प्रीप्रेटरी स्टेज (Preparatory Stage)

प्रीप्रेटरी स्टेज के अंतर्गत बच्चों को कक्षा 3 से 5 तक की पढ़ाई करई जाएगी| इस दौरान उन्हें साइंस, मैथ्स और आर्ट इत्यादि की पढ़ाई कराई जाएगी| इसमें 8 से 11 वर्ष तक की आयु के बच्चों को शामिल किया जायेगा|

3.मिडिल स्टेज (Middle Stage)

मिडिल स्टेज के अंतर्गत 11 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को शामिल किया जाएगा, जिसमें कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई करायी जाएगी| कक्षा 6 से ही छात्रों को कौशल विकास से सम्बंधित कोर्स कराए जाएंगे।

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4.सेकेंडरी स्टेज (Secondary Stage)

सेकेंडरी स्टेज के तहत कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के छात्रों की पढ़ाई दो चरणों में होगी, इस दौरान छात्रों को विषयों का गहन अध्ययन कराया जाएगा, इसमें छात्रों को अपनी पसंद का विषय चुननें की स्वतंत्रता होगी|

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नई शिक्षा नीति से होनें वाले बदलाव (New Education Policy Changes)

नई शिक्षा नीति से शिक्षण व्यवस्था में होनें वाले बदलाव इस प्रकार है-

1.मातृभाषा पर विशेष ध्यान (Special Attention To Mother Tongue)

न्यू एजुकेशन पालिसी में कक्षा 5 तक की पढ़ाई क्षेत्रीय भाषा में कराने का प्रावधान रखा गया है| इसका मलतब यह है, कि पंजाब में रहने वाले छात्र की पढ़ाई पंजाबी में, तमिलनाडु में रहने वाले छात्र की पढ़ाई तमिल में और महाराष्ट्र में रहने वाले छात्रों की पढ़ाई मराठी में होगी।

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2.विषयों की सीमा समाप्त (Subject Limit Reached)

नई शिक्षा नीति में विषयों की सीमा को समाप्त कर दिया गया है, अभी तक 10वीं के बाद छात्र को आर्ट, कामर्स या साइंस किसी एक स्ट्रीम को लेना होता था और साइंस का छात्र कामर्स नहीं पढ़ सकता था| अब ऐसा नहीं होगा, कोई भी अपनी इच्छानुसार विषयों का चयन कर सकता है|

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3.बोर्ड परीक्षाएं हुई आसान (Board Exams Easier)

छात्र दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर अक्सर तनाव में रहते हैं और हमेशा विषयों को रटने में लगे रहते है परन्तु नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने की पूरी कोशिश की गई है।

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4.ग्रेजुएशन पहले से आसान (Graduation Easier)

नई शिक्षा नीति में स्नातक अर्थात ग्रेजुएशन की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया गया है| ग्रेजुएशन करनें के दौरान यदि कोई छात्र बीच में पढ़ाई छोड़कर चला जाता था तो उसे ग्रेजुएट नहीं माना जाता था। नई शिक्षा नीति के अनुसार ग्रेजुएशन छात्र द्वारा 1 वर्ष की पढ़ाई पूरी करनें पर सर्टिफिकेट दूसरा साल पूरा करने पर डिप्लोमा उसके बाद डिग्री प्रदान की जाएगी।

5.विदेशी भाषा सिखानें पर विशेष ध्यान (Learn Foreign Languages)

वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनानें के लिए नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को विदेशी भाषाये सिखाई जाएँगी, जिसमें स्पेनिश, चाइनीज़, फ्रेंच, जैपनीज आदि शामिल होंगी|

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6.कौशल विकास पर विशेष ध्यान (Emphasis On Skill Development)

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों को कक्षा 6 से कोडिंग और आदि की तकनीकी शिक्षा दी जाएगी ताकि बच्चे आगे चलकर सॉफ्टवेयर, एप आदि बना सके| इससे सबसे बड़ा लाभ यह होगा, यदि कोई छात्र किसी कारणवश उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाता है अथवा नौकरी नहीं मिल पाती है, तो वह अपना स्वयं का व्यवसाय कर सकता है|

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