Shiksha Mitra Kya Hai | शिक्षा मित्र कैसे बने, योग्यता | वेतन व कार्य जाने

आजकल सभी लोग नौकरी करना चाहते है, तो आप अपने आस-पास के किसी भी स्कूल या कॉलेज में शिक्षक की नौकरी भी कर सकते है। जो एक बहुत ही बेहतरीन नौकरी है। लेकिन आजकल तो शिक्षक नौकरी प्राप्त करने के लिए टेट,सीटीईटी परीक्षाओं को पास करने के बाद ही किसी कॉलेज या स्कूल में शिक्षक की पोस्ट पर अपॉइंटमेंट कर सकते है। पहले देखने को मिलता था कि राज्य के बहुत से विद्यालयों में शिक्षकों की बहुत ज्यादा कमी होती थी जिस कारण छात्रों को ठीक प्रकार से शिक्षा प्राप्त नहीं हो पाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योकि इस समस्या के निवारण के लिए सरकार ने शिक्षा मित्र(Shiksha Mitra yojana) की शुएरूआत की। लेकिन आपको बता दे कि शिक्षामित्र की नौकरी सरकारी नौकरी नहीं होती हैं। इसलिए आप शिक्षा मित्र का नाम सुनकर हैरान न हो हम आपको Shiksha Mitra से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त कराएंगे। इसलिए आप हमारी पोस्ट को अंत तक ज़रूर पढ़े।

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शिक्षा मित्र क्या है

Shiksha Mitra योजना स्कूल कॉलेजो में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए और सर्व शिक्षा अभियान को गति को सार्वभौमिक बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2001 में शुभारम्भ की गई।पहले कई राज्य ऐसे थे जहां बहुत से विद्यालयों में शिक्षकों की बहुत कमी थी जिस कारणवश छात्रों को ठीक प्रकार से शिक्षा प्राप्त नहीं हो पाती थी। इस समस्या के निवारण के लिए ही Shiksha Mitra योजना की स्थापना की गई हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा को सुदृढ़ करने और शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिये Shiksha Mitra योजना के तहत नियुक्त किये गये उप-शिक्षक (Para-teachers) हैं। जिनकी सेलरी कम्पलीट टीचर्स के बराबर नहीं होती है।

Shiksha Mitra के कार्य

  • किसी भी स्कूल कॉलेजों में छात्रों को विभिन्न प्रकार के विषयों को पढ़ाने का कार्य एक Shiksha Mitra का ही होता है।
  • प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को ज्ञान सीखने का काम भी एक शिक्षा मित्र का ही होता है।
  • स्कूल कॉलेजों में बहुत से ऐसे कार्य जो दफ्तरों के होते हैं उसमें भी शिक्षा मित्र की नियुक्ति की जाती है।
  • शिक्षामित्र सरकार का एक ऐसा कर्मचारी है, जो कि किसी भी विद्यालय के सही पठन-पाठन के कार्य को सिस्टेमैटिक ढंग से करेगा।
  • स्कूल कॉलेजों में होने वाले वार्षिक महोत्सव को अपने हिसाब से व्यवस्थित करना और छात्र छात्राओं को उसके लिए तैयार करने का कार्य Shiksha Mitra का ही होता है।

शिक्षा मित्र कैसे बने

शिक्षामित्र की नौकरी प्राप्त करने के लिए सबसे पहले आपको टीईटी प्रतियोगिता टेस्ट में सफलता प्राप्त करनी आवश्यक है। यदि कोई अभ्यर्थी जब तक टीईटी की परीक्षा में सफल नहीं होता हैं, तो आप शिक्षामित्र की नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते है। इसलिए इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। जिस में न्यूनतम 25 से अधिक अंक प्राप्त करना होता है। यदि आप लिखित परीक्षा में न्यूनतम अंक प्राप्त करने के पश्चात् आप मेरिट में अपनी जगह को सुनिश्चित कर सकते है ,तभी आपको Shiksha Mitra की भर्ती में नियुक्ति प्राप्त हो सकती है।

शिक्षा मित्र(Shiksha Mitra) बनने के लिए योग्यता

  • शिक्षामित्र का पद प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को बारहवीं के बाद बीएड, या बीटीसी करना अनिवार्य है।
  • B.Ed पास करने के बाद आपको टीईटी की परीक्षा में भी सफलता प्राप्त करनी होती है।
  • यदि आप टीईटी की परीक्षा में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते , तब तक शिक्षामित्र की लिखित परीक्षा में नहीं बैठ सकते है।
  • शिक्षा मित्र बनने के लिए होने वाली परीक्षा को यदि कोई अभ्यार्थी दो बार दे चुका है तो तीसरी बार वह इस परीक्षा के लिए मान्य नहीं होगा।

शिक्षामित्र का वेतन

शिक्षा मित्रो को इस कार्य के लिए प्रति माह 2250 रुपए मानदेय दिया जाता था । लेकिन अब राज्य सरकार ने इनकी सेवाओ से प्रभावित होकर 2006 में 3500 रूपये प्रति माह मानदेय देना शुरु किया।इन शिक्षा मित्रो को 11 माह के शिक्षा सत्र के लिए रखा गया जिनमे इन्हे कोई भी विशेष अवकाश नहीं दिया गया। परन्तु अब वर्तमान समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा एक शिक्षामित्र को 10,000 प्रतिमाह वेतन प्रदान किया जाता हैं |