आईटीआर क्या है | ITR कौन फाइल कर सकता है, इनकम टैक्स भरने का क्या लाभ है |

देश के किसी भी व्यक्ति द्वारा कमाई गयी आमदनी पर केंद्र सरकार द्वारा कर (Tax) वसूला जाता है | सरकार द्वारा वसूले गए इस कर को आयकर (Income Tax) कहा जाता है | आयकर से प्राप्त होने वाली कमाई का उपयोग सरकार अपनी गतिविधियों और जनता की सुविधाओं और सेवाओं को प्रदान करने में करती है |

वर्ष में एक बार कर देने वाले व्यक्ति को आईटीआर फॉर्म में सरकार को अपनी आमदनी, खर्च, निवेश और टैक्स देनदारी के बारे में बताना होता है | इस पोस्ट में आपको आईटीआर क्या है, इनकम टैक्स भरने का क्या फायदा है, ITR Full Form in Hindi PDF इसके बारे में विस्तार से बताया जा रहा है |

आयकर क्या है

ITR का Full Form

आईटीआर (ITR – Income Tax Return) यानी इनकम टैक्स रिटर्न एक टैक्स रिटर्न फॉर्म है जिसका इस्तेमाल टैक्स देने वाले लोग इंडियन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अपनी इनकम और संपत्ति की रिपोर्ट करने के लिए करते हैं।

आईटीआर क्या है (What is ITR)

आईटीआर (ITR – Income Tax Return) यह आय से सम्बंधित एक फॉर्म होता है | इसमें फॉर्म में आयकर देने वाले व्यक्ति को अपनी आय, टैक्स के बारे में आयकर विभाग को बताना होता है | किसी व्यक्ति की आमदनी के आधार पर उसकी टैक्स देनदारी की सीमा तय होती है | अगर रिटर्न में यह सुनिश्चित हो जाता है, कि किसी वर्ष में टैक्स अधिक भर दिया गया है, तो करदाता को आयकर विभाग से इनकम टैक्स रिफंड लेने का अधिकार होता है |

आयकर कानून के अनुसार, किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष की आमदनी को प्रत्येक वर्ष आयकर रिटर्न फाइल किया जाना जरूरी होता है | ITR आमदनी वेतन, कारोबार में लाभ, किराया या लाभांश, पूँजीगत लाभ, ब्याज या अन्य स्रोतों से होने वाली आय के रूप में हो सकती है|

टैक्स रिटर्न को व्यक्ति या कंपनी द्वारा निर्धारित समय के अंदर भरना जरूरी होता है | यदि करदाता निर्धारित समय के अंदर रिटर्न को नहीं भर पाता है, तो उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है |

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आईटीआर (ITR) के लाभ

  1. ITR भरने से लोन लेने में आसानी – आपको यह भी बता दे की अगर आप आईटीआर भरते है तो आपको बैंक से आसानी से लोन भी मिल सकता है। क्योंकि अगर आप आईटीआर भरते है तो उससे आपकी इनकम के बारे में पता चलता है। जिससे की बैंक वाले आपको आसानी से लोन दे सकते है।
  2. बिज़नेस बढ़ाना – आईटीआर की मदद से आपका बिज़नेस भी बढ़ सकता है वो ऐसे की अगर आप सही समय पर आईटीआर भरते हो तो उसकी वजह से बहुत से फायदे है की कई सरकारी कम्पनिया या फिर प्राइवेट कम्पनिया उन्ही बिजनेसमैन से सामान लेती है जो की लगातार कुछ समय जैसे 5-6 सालों से लगातार आईटीआर भर रहा हो और जब आपका अधिक सामान बिकेगा तो आपका बिज़नेस भी बढने लगेगा।
  3. आसानी से प्रॉपर्टी खरीद सकते है – अगर आप प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करना पसंद करते है तो भी आपको आईटीआर भरनी चाहिए क्योंकि अगर आप कोई बड़ी प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हो तो उसके लिए आपको अधिक पैसो की आवश्यकता पड़ेगी। जिसके लिए आपको बैंक की आवश्यकता पड़ती है और अगर आप बैंक से अधिक पैसे निकलते हो तो इनकम टैक्स आपके पास राइड भी कर सकती है परन्तु अगर आप आईटीआर भरते है तो आपके हर किसी पैसे की जानकारी इनकम टैक्स वालो को रहेगी जिससे की आपको अधिक पैसे लाने या देने में कोई परेशानी की बात नहीं होगी।
  4. बड़ा बीमा करवाने में आसानी – ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बड़ी कम्पनिया बीमा करने के लिए आईटीआर मांगती है और जब वह आपकी आईटीआर देखेंगे तो वह अधिक से अधिक बीमा देने का प्रयास करेंगे।
  5. आईटीआर की मदद से वीसा मिलने में भी आसानी होती है।
  6. आईटीआर एड्रेस प्रूफ के भी काम आता है।

ITR कौन फाइल कर सकता है

कोई भी व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय Income Tax Act 1961 की धारा 139 (1) के अंतर्गत टैक्स के दायरे (वित्तीय वर्ष 2.5 लाख रु. से अधिक है)  में आती है, उसे ITR फाइल करना जरूरी होता है |

भारत के बाहर कार्य करने वाले या भारत में व्यवसाय करने वाली कोई भी निजी या सार्वजनिक कंपनी, फर्म, HUF (हिंदू अविभाजित परिवार), AOP (व्यक्तियों का संघ), निकाय तथा वह सभी जो वर्ष के कुल लाभ/नुकसान की घोषणा और अपने कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है | वह सभी ITR फाइल करने का अधिकार रखते है |

  • व्यक्ति जिनकी आयु 60 वर्ष से कम और वार्षिक आय 2.5 लाख रु. से अधिक हो, ITR फाइल कर सकते है |
  • 60 से 80 वर्ष की आयु वाले व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रु. या उससे  अधिक है |
  • वह व्यक्ति जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक है, और उसकी वार्षिक आय 10 लाख रूपए से ज्यादा है |
  • किसी भी प्रकार की कंपनी या संगठन टैक्स भरने के लिए बाध्य है, चाहे उसे लाभ हो या हानि |
  • यदि आप किसी तरह की हानि हो अगले वित्तीय वर्ष (Financial Year) में ले जाना चाहते हो तो |
  • भारत का वह नागरिक जिसकी विदेश में किसी तरह की संपत्ति या कारोबार है |
  • किसी तरह के लोन या किसी वीजा के आवेदन करने पर भी ITR की आवश्यकता होती है |
  • किसी धर्म स्थान, किसी अनुसन्धान, संघ, शैक्षिक केंद्र, चिकित्सा केंद्र, गैर सरकारी विश्वविद्यालय से यदि किसी व्यक्ति की इनकम होती है, तो उसे भी ITR भरना जरूरी होता है |
  • इसके अतिरिक्त यदि कोई NRI (भारत का अप्रवासी व्यक्ति) जिसके पास भारत से आय के स्त्रोत है उन्हें भी ITR फाइल करना होता |

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आईटीआर फाइल करने के लिए जरूरी दस्तावेज (Documents Required For ITR)

  • यदि आप ऑनलाइन आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहते है, तो उसके लिए आपको कई तरह के प्रासंगिक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है |
  • बैंक खता पासबुक (Bank Account Details)
  • पोस्ट ऑफिस बचत खता पास बुक
  • PPF खाता पासबुक
  • सैलरी स्लिप (Salary Slip)
  • आधार कार्ड (Aadhar Card)
  • पैन कार्ड (Pan Card)
  • फॉर्म -16 – आपका नियोक्ता आपको टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करता है, जिसमे आपको अपनी सैलरी और काटे गए TDS का विवरण देना होता है |

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  • फॉर्म-16ए – यदि टीडीएस, सैलरी के बजाय फिक्स्ड डिपॉजिट, रेकरिंग डिपॉजिट इत्यादि से मिलने वाले ब्याज पर काटा गया है।
  • फॉर्म-16बी- यदि आपने कोई संपत्ति बेचीं है तो आपको खरीददार द्वारा फॉर्म-16बी को भरकर दिया जाता है | जिसमे आपके द्वारा भुगतान किये गए रकम पर काटे गए TDS का ब्यौरा दिया होता है |
  • फॉर्म-16सी- मकान मालिक को उसके किरायेदार द्वारा दिया जाता है, इसमें मकान मालिक को मिले किराये पर काटे गए टीडीएस का ब्यौरा मौजूद होता है | 
  • फॉर्म- 26AS – यह आपके संयुक्त वर्ष का टैक्स स्टेटमेंट होता है। इसमें आपके पैन पर जमा किए गए तमाम टैक्स का ब्यौरा उपस्थित होता है।
  • आपके नियोक्ता द्वारा काटा गया टीडीएस
  • बैंकों द्वारा काटे गए टीडीएस
  • आपको किए गए भुगतान के एवज में किसी अन्य संगठन द्वारा काटे गए टीडीएस
  • आपके द्वारा जमा अडवांस टैक्स
  • आपके द्वारा भुगतान सेल्फ-असेसमेंट टैक्स
  • टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्रूफ
  • सेक्शन 80डी से लेकर 80यू के तहत आपके कटौती मांग करने का प्रूफ (खुद और आपके परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम, एजुकेशन लोन पर ब्याज)
  • बैंक से प्राप्त होम लोन स्टेटमेंट

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आईटीआर फॉर्म के प्रकार (Types of ITR Forms)

INCOME TAX की आधिकारिक वेबसाइट पर अनेक प्रकार के फॉर्म उपस्थित होते है, जिन्हे विभिन्न प्रकार के आय और कर भरने वालो के आधार पर ITR फाइल करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है | वर्ष 2019-20 में, ITR-1 से ITR-7 के लिए सात फॉर्म निर्धारित है | इसमें कुछ फॉर्म अन्य फॉर्म की तुलना में बड़े हो सकते है | जिनमे कुछ और जानकारियों को माँगा जा सकता है | इसलिए अपनी आवश्यकता के अनुसार ही फॉर्म का चुनाव करे |

  • ITR-1: यह एक सामान्य फॉर्म होता है | इस फॉर्म को एक ऐसे व्यक्ति द्वारा फाइल किया जाता है, जिसकी आय वेतन,पेंशन,एक घर संपत्ति,ब्याज या अन्य तरीको (घोड़े की दौड़ से कमाए पैसे या लाटरी) आदि से होती है,तथा उसकी कुल आय 50 लाख रूपए तक हो |
  • ITR-2: इस फॉर्म को HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के द्वारा प्रयोग में लाया जाता है, किन्तु उन्हें किसी व्यवसाय या अन्य पेशे से लाभ नहीं होता है |
  • ITR-3: यह फॉर्म उन अलग-अलग व्यक्तियों या HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए है,जिनकी आय का स्त्रोत किसी व्यवसाय या पेशा होता है |
  • ITR-4: वह व्यक्ति जिनके पास व्यवसाय या पेशे से आने वाली अनुमानित नहीं होती है, उनके द्वारा इस फॉर्म को उपयोग में लाया जाना चाहिए |
  • ITR-5: यह फॉर्म व्यक्तियों, HUF (हिंदू अविभाजित परिवार), कंपनी और फॉर्म ITR-7 फाइल करने वाले व्यक्तियों के अलावा अन्य सभी के लिए होता है |
  • ITR-6: इस फॉर्म को उन सभी कंपनियों के लिए तैयार किया गया है,जो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 11 के अंतर्गत छूट का दावा नहीं करते है |
  • ITR-7: यह फॉर्म व्यवसायों सहित उन सभी लोगो के लिए है,जिन्हे धारा 139(4A), धारा 139(4B), धारा 139(4C), धारा 139(4D), धारा 139 (4E) या 139 (4F) के अंतर्गत रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है |

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आईटीआर ऑनलाइन फाइल करने की प्रक्रिया (Process to File ITR Online)

आयकर विभाफ द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-2018 के लिए एक लिंक ई-फाइलिंग सॉफ्टवेयर को जारी किया गया था, जिसमे सभी तरह से फार्मों को फाइल करने के लिए सुविधा प्रदान की गयी है | इसमें बिना किसी एक्सेल या जावा सॉफ्टवेयर को डाउनलोड किये ITR 1 और ITR 4 को पूरी तरह से ऑनलाइन भरा जा सकता है | यंहा पर आपको ITR फाइल करने की प्रक्रिया को बताया गया है |

  • सर्वप्रथम आपको इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है |
  • आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल कर आ जाता है |

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  • यदि आप ई-फाइलिंग में नए है तो आप पोर्टल में रजिस्ट्रेशन कर ले |
  • यदि आप पहले से रेजिस्टर्ड है, तो आपको लॉगिन के विकल्प पर क्लिक कर अपने खाते पर जाये |
  • इसमें आपको असेसमेंट वर्ष को चुनना होगा,सबमिशन मोड के अनुसार ITR फॉर्म का नाम (ITR-1 या ITR-4) चुने फिर Prepare and Submit Online” पर क्लिक करना होगा |
  • यदि आप पहले ऑनलाइन ITR फाइल कर चुके है, तो आपको उन जानकारियों को चुनने का विकल्प मिल जाता है | जिन्हे आप पहले फार्म में भर चुके है | उन जानकारियों को चुने और “Continue” पर क्लिक करें |
  • आपके सामने फॉर्म का पहला पन्ना खुल कर आ जायेगा | फार्म को सही तरह से भरने और गलती से बचने के लिए आरम्भ में दिए गए निर्देशों का पालन करें |
  • निर्देशों को पढ़ने के बाद आप अपनी आवश्यक जानकारी जैसे :- ‘General information‘, ‘Income details‘, ‘Tax details‘ ‘Taxes paid and verification‘ and और ITR के रूप में ’80G’
  • आप आधार OTP या EVC (इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड) का उपयोग कर या ई-फाइलिंग की तारीख से 120 दिनों के भीतर ITR V का प्रिंटआउट हस्ताक्षर कर,बैंगलोर के लिए भेजकर इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपनी टैक्स  रिटर्न फाइल कर सकते है |
  • इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपकी ITR फाइल हो जाने के बाद आपके पास एक रसीद को रेजिस्टर्ड मेल पर भेज दिया जाता है |
  • आपके द्वारा ITR की पुष्टि हो जाने के बाद, विभाग उसकी प्रक्रिया को शुरू कर देता है | और आपको रजिस्टर्ड ईमेल पर या रजिस्टर्ड मोबाइल पर एक SMS कर विभाग द्वारा आपको सूचित कर दिया जाता है |
  • भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अलावा आप अन्य प्राइवेट सेक्टर से भी ITR फाइल कर सकते है | जिसमे बदले में आपको कुछ शुल्क देना होता है |

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आईटीआर फॉर्म कैसे डाउनलोड करें (Download ITR Form)

  • यदि आप ITR फॉर्म को डाउनलोड कर सकते है, तो उसके लिए आपको आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा |
  • आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल कर आ जायेगा |
  • इस होम पेज में आपको ‘Form/Downloads’ के विकल्प पर क्लिक करना होगा |
  • ड्रॉप-डाउन मेन्यू से ‘Income Tax Returns’ विकल्प चुनें |
  • इस तरह से आप ITR फॉर्म को डाउनलोड कर सकते है |

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