प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement  Directorate) क्या है और इसके क्या काम है – पूरी जानकारी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) से सम्बन्धित जानकारी

ईडी का नाम हम अक्सर ही समाचार पत्रों, न्यूज़ और लोगो को आपस में बात करते हुए सुनते है| आपने देखा होगा कि जब कोई हाई प्रोफाइल केस होता है, तो उसमें ईडी का नाम अवश्य लिया जाता है। हालाँकि बहुत से लोग ईडी (ED) के बारे में नहीं जानते है| दरअसल ईडी (ED) भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन एक विशेष वित्तीय जांच एजेंसी है, जो भारत में विदेशी सम्पत्ति मामला, धन-शोधन अर्थात मनी लांड्रिंग, आय से अधिक संपत्ति की जांच और पूछताछ करती है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) क्या है, फुल फार्म, कार्य और इसके अधिकार के बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से जानकारी दे रहे है|    

ED Full Form in Hindi

प्रवर्तन निदेशालय क्या है (What Is ED)

ईडी को हिंदी में प्रवर्तन निदेशालय कहते है| इस निदेशालय का गठन 1 मई 1956 को किया गया था, उस समय इसे प्रवर्तन इकाई का नाम दिया गया था| वर्ष 1957 में इस इकाई का नाम बदलकर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement  Directorate) कर दिया गया था| यह एक ऐसी खुफिया एजेंसी है, जो हमारे देश में वित्तीय संबंधित अपराधों पर नजर रखती है| किसी भी प्रकार की आर्थिक उथल-पुथल होनें की स्थिति में ईडी कि यह जिम्मेदारी होती है, कि उक्त प्रकरण की जाँच करे| ईडी के पास आर्थिक रूप से कानून लागू करने की शक्ति होती है|

यदि कोई नागरिक विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 और धन शोधक निरोधक अधिनियम 2002 का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही करनें तथा उसे गिरफ्तार का अधिकार प्रवर्तन निदेशालय को दिया गया है|

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ईडी का फुल फॉर्म (Full Form Of ED)

ईडी (ED) का फुल फॉर्म Directorate of Enforcement या Directorate General of Economic Enforcement कहा जाता है| हिंदी भाषा में इसे प्रवर्तन निदेशालय के नाम से जाना जाता है|

1 जून 2000 को फेमा लागू कर दिया गया कुछ समय के बाद फेमा से सम्बंधित सभी मामलें भी ईडी के अधिकार क्षेत्र में कर दिए गए | वर्तमान समय ईडी फेरा 1973 और फेमा 1999 के अंतर्गत कार्यवाही करता है।वहीं, वर्तमान समय में ईडी के पांच मुख्य कार्यालय है जो कि मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता  में स्थित है।

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ईडी के अधिकार (Rights Of ED)

ईडी अर्थात प्रवर्तन निदेशालय को फेरा 1973 और फेमा 1999 यह दो अधिनियम के तहत भारत सरकार की सभी तरह की वित्तीय जांच करने का अधिकार ईडी को प्रदान किया गया है। इसके अलावा सरकार ने ईडी को विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत उल्लंघन से निपटने की भी पूरी छूट दी है। सरकार द्वारा ईडी को कुछ और अधिकार भी प्राप्त है जो इस प्रकार है-

  • ईडी के पास विदेश में किसी भी संपत्ति पर कार्यवाही करके रोकथाम करने का अधिकार होता है।
  • मनी लांड्रिंग के आरोप में पाए गए लोगों के खिलाफ जब्ती, गिरफ्तारी और खोज करने का अधिकार भी ईडी को प्राप्त है।
  • वित्तीय रूप से देश में गैर कानून हो रहे कार्य को लेकर उस पर कार्रवाई करने का अधिकार ईडी को प्राप्त है।

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ईडी कार्य कैसे करता है (How Does ED Work)

प्रवर्तन निदेशालय का मुख्य कार्य फेमा के प्रावधानों के संदिग्ध उल्लंघन की गहनता से जांच करना है। इसके साथ ही लेन-देन से संबंधित मामले, फॉरेन एक्सचेंज से जुड़े मामलों की जांच करना भी ईडी का मुख्य कार्य माना जाता है। प्रवर्तन निदेशालय अर्थात ईडी के 10 जोनल कार्यालय है, जिसमें से प्रत्येक में एक उपनिदेशक और 11 उप क्षेत्रीय कार्यालय है।

1.आयात मूल्य को कम तथा निर्यात मूल्य को अधिक आंकना

यदि किसी व्यक्ति द्वारा निर्यात मूल्य को अधिक तथा आयात मूल्य का कम आकलन किया जा रहा है, तो ऐसी स्थिति में प्रवर्तन निदेशालय उस व्यक्ति पर जाँच कर तत्काल रूप से कार्यवाही करता है|  

2.फारेन में संपत्ति की खरीद पर

यदि कोई व्यक्ति विदेशो में संपत्ति खरीदता है, तो ईडी उसके बारें में जाँच करती है अर्थात पूरा आर्थिक विवरण लेती है| 

3.हवाला लेन-देन

लेनदेन की सम्पति की जांच करना, ED द्वारा inquiry करने पर व्यक्ति के लेनदेन की जाँच की जाती है।

4.भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा एकत्र करना

यदि किसी व्यक्ति नें भरी मात्र में विदेशी मुद्रा एकत्र करके रखा है, तो इसकी जांच भी ईडी के द्वारा की जाती है।

5.विदेशी मुद्रा का अवैध व्यापार करनें पर

यदि किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा का अवैध व्यापार किया जा रहा है, और उसकी अनुमति भी नही है| तो ऐसी स्थिति में ईडी जांच करती है। 

6.अवैध संपत्ति को ज़ब्त करना

ईडी के पास फेमा उल्लेखन के तहत दोषी पाए गए लोगों की संपत्ति को ज़ब्त करने का भी अधिकार होता है।

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ईडी द्वारा प्रयुक्त अधिनियम, कानून और नियम (Acts, Laws & Rules Used By ED)

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुछ नियम, कानून और अधिनियमों का प्रयोग किया जाता है, जिनका उल्लंघन होने पर यह निदेशालय सक्रिय हो जाता है –

  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA)
  • विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 (FERA)
  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA)
  • धन शोधन निरोधक अधिनियम (PMLA)
  • पी.एम.एल.ए. के तहत सूचीबद्ध अपराध
  • धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA)
  • भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018
  • विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 (FERA)
  • विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 (संशोधित फेरा)

ईडी का महत्व (Importance of ED)

भारत सरकार ने वित्त मंत्रालय और राजस्व विभाग के तहत प्रवर्तन निदेशालय को महत्वपूर्ण और सर्वोच्च स्थान दिया है। देश में ईडी की महत्वता बहुत अधिक मानी जाती है, क्योंकि ईडी के अधिकारों के कारण ही सरकार वित्तीय कानून का भार उन पर सौपती है ताकि देश में पूरी तरह से कानूनी कार्रवाई और नियमों का पालन किया जाए। प्रवर्तन निदेशालय भारत या विदेश में किसी तरह से संपत्ति द्वारा होने वाली धोखाधड़ी से बचाता है और दोषियों पर उचित कार्रवाई करता है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्य 

  1. प्रवर्तन निदेशालय (ED) मुख्य रूप से फेमा के प्रावधानों के संदिग्ध उल्लंघन की जांच करता है। 
  2. यह लेन-देन से संबंधित मामलों की पूरी जांचा करता है |
  3. फॉरेन एक्सचेंज से जुड़े मामलों की जांच करता है |  
  4. विदेश में किसी तरह की कोई भी संपत्ति खरीदने पर ईडी (Directorate of enforcement) उसकी भी जांच करता है।
  5. ईडी मुख्य रूप से फेमा उल्लेखन के तहत दोषी पाए गए लोगों की संपत्ति को ज़ब्त कर सकता है |

ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय (Regional office of ED)

  • लखनऊ
  • दिल्ली
  • मुंबई
  • पटना
  • कोलकाता
  • बेंगलुरु
  • गुवाहाटी
  • चंडीगढ़
  • पणजी
  • जयपुर
  • अहमदाबाद
  • जालंधर
  • हैदराबाद
  • श्रीनगर

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) की आधिकारिक वेबसाइट:- यहाँ क्लिक करें