मनरेगा योजना (MGNREGA)
मनरेगा केंद्र सरकार के द्वारा चलायी गयी रोजगार प्रदान करने वाली एक योजना है, भारत देश की अधिकतर जनसँख्या ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन व्यतीत कर रही है, ग्रामीण क्षेत्रो में रोजगार के संसाधनो का आभाव होने से ग्रामीण जनता को पूर्णरूप से रोजगार प्राप्त नहीं हो पा रहा है इसलिए रोजगार के संसाधनों में कमी के कारण ग्रामीण जनता शहरों में रोजगार तलाश कर रही है | इस योजना के द्वारा केंद्र सरकार का लक्ष्य ग्रामीण जनता को आजीविका चलाने के लिए रोजगार मुहैया करवाना जिसके लिए मनरेगा योजना का आरम्भ किया गया |
इस योजना के माध्यम से ग्रामीण जनता की रोजगार की समस्या का समाधान किया जा सकेगा तथा इसमें उन्हें कई प्रकार की अन्य सुविधाएं दी जाती है | यदि आप भी ग्रामीण क्षेत्र में रहते है और मनरेगा योजना क्या है; फुल फॉर्म, MGNREGA में ऑनलाइन आवेदन कैसे करे (सूची देखे), इसके विषय में जानना चाहते है तो यहाँ पर पूरी जानकारी दी जा रही है |
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मनरेगा योजना क्या है?
यह केंद्र सरकार की योजना है जिसका पूरा नाम (Fulform) “ महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना” है, इस योजना को राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना (एनआरईजीए) नरेगा के नाम से जाना जाता था लेकिन अब इसका नाम बदल दिया गया है, अब इस योजना को मनरेगा योजना के नाम से जानते है | यह एकमात्र ऐसी योजना है जो ग्रामीण जनता को गारंटी के साथ रोजगार प्रदान करती है तथा काम न मिलने पर लाभार्थी बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए दावा कर सकता हैं। ग्रामीणों किसानो और श्रमिकों के कृषि संकट तथा आर्थिक मंदी के दौरान मनरेगा योजना बहुत बड़े सहायक के रूप में प्रस्तुत हुयी है |
सरकार इस योजना के द्वारा ग्रामीण जनता का शहर की तरफ हो रहे निकास को रोक कर रोजगार प्रदान करना है ताकि उन्हें ग्रामीण परिवेश में ही शहरी सुख-सुविधाएं मुहैया हो सके| वे जिले जो शहर की श्रेणी में आते है उन्हें छोड़कर पुरे भारत को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है, इस योजना के अंतर्गत श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान बैंक या डाकघर के बचत खातों के द्वारा किया जाता है तथा आवश्यकतानुसार नगद भुगतान की व्यवस्था भी विशेष अनुमति लेकर करने की है |
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मनरेगा योजना का शुभारम्भ
इस योजना का शुभारम्भ 7 सितम्बर 2005 में केंद्र सरकार द्वारा किया गया था इस योजना को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी विधान द्वारा अधिनियमित किया गया| इसके बाद इस योजना के नाम पर विचार – विमर्श किया गया तथा पहले इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कहा जाता था, लेकिन बाद में 2 अक्टूबर 2009 को इसका पुनः नामकरण करके महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना कर दिया गया| नरेगा (NREGA) से नाम बदलकर इस योजना का नाम मनरेगा (MANREGA) कर दिया| सरकार द्वारा इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जनता की क्रय शक्ति को बढ़ाना है और उन्हें रोजगार प्रदान करना है|
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मनरेगा योजना के लाभ
1. ग्रामीण भारत के बेरोजगार श्रमिकों हो गारंटी के साथ रोजगार मिलेगा |
2. ग्रामीण परिवेश में ही परिवार के कुशल इच्छुक वयस्क व्यक्ति को 100 कार्य दिवस का गारंटीयुक्त रोजगार प्रदान करती है|
3. ग्रामीण स्त्री या पुरुष को बिना भेदभाव के सामान रूप से कार्य एवं मजदूरी प्रदान की जाती है |
4. केंद्र सरकार के 100 कार्य दिवस को बढाकर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने 150 कार्य दिवस कर दिया है था तथा 50 कार्य दिवस के व्यय का वहन अब राज्य सरकार करेगी
5. इस योजना के अन्तर्गत सिर्फ ग्रामीण निम्न वर्ग के श्रमिकों को लाभ मिलेगा|
6. इस योजना के अंतर्गत परिवार का प्रत्येक वयस्क सदस्य के द्वारा आवेदन किया जा सकता है|
7. पूर्व आवेदन कर चुके व्यक्तियों को 15 दिन के अंदर रोजगार प्रदान किया जाता है और यदि किसी कारणवश 15 दिन के अंदर रोजगार प्राप्त नहीं हो पाता है तो सरकार के द्वारा उसे बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है, यह बेरोजगारी भत्ता पहले 30 दिन का एक चौथाई प्रदान किया जाता है न्यूनतम मजदूरी दर का पचास प्रतिशत 30 दिन के बाद प्रदान किया जाता है|
8. सूखाग्रस्त क्षेत्रों और जनजातीय इलाकों में मनरेगा के अंतर्गत 150 कार्य दिवस रोज़गार का प्रदान करने का प्रावधान है।
मनरेगा योजना की विशेषताए
1. मनरेगा योजना के अंतर्गत लाभार्थीयो में एक-तिहाई महिलाओं का होना अनिवार्य है|
2. प्रावधान के अनुसार विकलांग एवं एकल महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना दिया जायेगा।
3. ग्रामीण परिवारों के वयस्क व्यक्तियों को रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान किया गया है|
4. आवेदन करने के बाद 15 दिनों के अंदर अथवा जिस दिन से कार्य की मांग की हो, आवेदक को रोज़गार प्राप्त होगा|
5. कार्यान्वयन, कार्यों के नियोजन, तथा निगरानी के लिए उत्तरदायी पंचायती राज संस्थाये होंगी|
6. पीने का पानी और प्राथमिक चिकित्सा आदि का प्रावधान मनरेगा योजना के अंतर्गत कर्मचारियों के लिए किया गया है|
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मनरेगा के अंतर्गत आने वाले कार्य
मनरेगा योजना के अंतर्गत श्रमिकों को विभिन्न प्रकार के कार्य दिए जाते है
1. टैंक तथा तालाबों की खुदाई करवाई जाती है|
2. जल संरक्षण करने का काम दिया जाता है |
3. वृक्षारोपण करके सूखे की रोकथाम करने का कार्य दिया जाता है|
4. बाढ़ नियंत्रण करने का कार्य भी दिया जाता है|
5. भूमि का विकास कैसे करना है यह कार्य दिया जाता है|
6. विभिन्न प्रकार के आवास निर्माण का कार्य करवाया जाता है|
7. लघु सिंचाई तथा बागवानी का काम भी कराया जाता है|
8. ग्रामीण सम्पर्क मार्ग निर्माण का कार्य भी करवाया जाता है|
9. छोटे बांधों के निर्माण के कार्य को भी महत्व दिया जाता है|
10. राज्य सरकार की सलाह पर केंद्र सरकार के द्वारा अधिसूचित किया गया कार्य भी कराया जाता है |
मनरेगा के अंतर्गत आवेदन
इस योजना में आवेदन आप दो प्रकार से कर सकते है पहला ग्राम पंचायत में जाकर और दूसरा ऑनलाइन आवेदन कर सकते है| सर्वप्रथम आवेदन करने के लिए ग्राम पंचायत में जाकर रजिस्टर में नाम दर्ज करना होगा तथा बैंक पासबुक, राशन कार्ड, जॉब कार्ड और आधार कार्ड देना होगा| मनरेगा योजना के लिए श्रमिक की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए तथा शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए| इस प्रकार आप ग्राम पंचायत में जाकर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है|
मनरेगा के लिए ऑनलाइन आवेदन
1.इस योजना के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन के लिए आप गूगल में जाकर आधिकारिक वेबसाइट पर nrega.nic.in लिख कर सर्च करना होगा|

2. इसके बाद यह पेज खुलेगा जिस पर Lodge Grivances लिखा होगा उस पर क्लिक करेंगे |

4. इसके बाद मनरेगा योजना का फॉर्म खुल जायेगा|

5. दिए गए फॉर्म में मांगी गयी जानकारी सही-सही भरना होगा जैसे नाम, पता, राज्य का नाम, श्रेणी आदि
6. अंत में सबमिट के क्लिक कर दे आपका फॉर्म पंजीकृत हो जायेगा|
मनरेगा योजना के अंतर्गत मजदूरी
राज्य | मजदूरी (रुपए प्रतिदिन) |
आंध्र प्रदेश | 205 |
अरुणाचल प्रदेश | 192 |
असम | 189 |
बिहार | 171 |
छत्तीसगढ़ | 176 |
गोवा | 254 |
गुजरात | 194 |
हरियाणा | 284 |
हिमाचल प्रदेश | 184 (गैर अनुसूचित क्षेत्र) |
हिमाचल प्रदेश | 230 (अनुसूचित क्षेत्र) |
जम्मू कश्मीर | 186 |
झारखण्ड | 171 |
कर्नाटक | 249 |
केरल | 271 |
महाराष्ट्र | 203 |
मणिपुर | 219 |
मेघालय | 187 |
मिजोरम | 211 |
नागालैंड | 192 |
ओडिशा | 187 |
पंजाब | 240 |
राजस्थान | 199 |
सिक्किम | 192 |
मध्य प्रदेश | 176 |
तमिलनाडु | 224 |
तेलंगाना | 211 |
त्रिपुरा | 192 |
उत्तर प्रदेश | 347 |
उत्तराखंड | 182 |
पश्चिमी बंगाल | 191 |
अंडमान और निकोबार | 250 (अंडमान जिला) |
अंडमान और निकोबार | 264 (निकोबार जिला) |
चंडीगढ़ | 273 |
दादरा और नागर हवेली | 220 |
दमन और दीव | 197 |
लक्ष्यद्वीप | 248 |
पंडूचेरी | 224 |