चंद्र ग्रहण कब लगेगा | चंद्र ग्रहण क्यों होता है |Chandra Grahan in Hindi

चन्द्र ग्रहण हो या फिर सूर्य ग्रहण दोनों ही ग्रहण लोगों के लिए अधिक से अधिक हानिकारक होते है, क्योंकि ग्रहण पड़ते समय लोगों के लिए कुछ कार्य करने वर्जित है | वर्ष 2023 में  29 अक्टूबर को रविवार को चंद्र ग्रहण का प्रकोप लगभग भारत के सभी राज्यों में नजर आयेगा | साल 2023 में 29 अक्टूबर को पड़ने वाला यह चन्द्र ग्रहण आखिरी व दूसरा चंद्र ग्रहण होगा | वैसे तो 8 तारीख़ को नजर आने वाला यह चन्द्र प्रमुख रूप से देश के पूर्वी भागों में और आंशिक ग्रहण शेष राज्यों में नजर आयेगा |

इसलिए यदि आपको अभी तक  चंद्र ग्रहण कब लगेगा | चंद्र ग्रहण क्यों होता है | चंद्र ग्रहण कितने बजे है  सूतक समय | Chandra Grahan in Hindi | इसकी पूरी जानकारी प्रदान की है, जिसे पड़ने के बाद आप कुछ चीजों से बच सकते है |

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चंद्र ग्रहण कब लगेगा (When will the Chandra Grahan) ?

साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा के दिन लगा था यह ग्रहण दुनिया भर के कई हिस्सों में देखा गया लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था. साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 को रविवार के दिन लगेगा. यह साल का अंतिम चंद्र ग्रहण होगा.इस ग्रहण के पड़ने का समय शाम 05 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा और शाम 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा, लेकिन चंद्र ग्रहण की शुरुआत के 9 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल का प्रारम्भ हो जाता है, जिसमें किसी भी शुभ कार्य को नहीं किया जा सकता है और न ही घर और बाहर के मंदिरों में पूजा – पाठ किया जाता है |

चंद्र ग्रहण क्यों होता है (Why does the Chandra Grahan) ?

चन्द्र ग्रहण सूर्य और चंद्रमा की घुणन गति करने के कारण होता है, सरल शब्दों में कहा जाए, तो सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आ जाने से चन्द्र ग्रहण लग जाता है | 8 नवम्बर को पड़ने वाला यह चन्द्र ग्रहण  मेष राशि में प्रारम्भ हो जाएगा, जिसका प्रभाव अच्छा नहीं माना जाता है |

चंद्र ग्रहण कितने बजे है (What time it is Chandra Grahan) ?

वर्ष का नजर आने वाला आख़िरी चन्द्र ग्रहण का प्रारम्भ शाम 05 बजकर 20 मिनट से हो जाएगा, जिसका प्रकोप शाम 06 बजकर 20 मिनट तक दिखाई देगा | इस दौरान आप किसी भी शुभ कार्य को नहीं कर सकते है, क्योंकि ग्रहण पड़ते समय इन कार्यों को करने से अच्छे फल की प्राप्ति नहीं होती है और इसके साथ ही आप शाम 05 बजकर 20 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 20 मिनट तक खाना भी नहीं पका सकते है, क्योंकि इस दौरान कार्य करना पूरी तरह वर्जित माना गया है |


ग्रहण के 4 प्रकार

सूर्य ग्रहण चार प्रकार के होते हैं: 

  • पूर्ण
  • आंशिक
  • संकर और
  • वलयाकार 

। लोगों को ग्रहण का प्रकार इस बात पर निर्भर करता है कि चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के साथ कैसे संरेखित होता है और चंद्रमा पृथ्वी से कितनी दूर है। चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं: पूर्ण, आंशिक और उपछाया।

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सूतक समय (Sootak Time) 

चन्द्र ग्रहण लगने के पहले ग्रहण का सूतक समय का भी प्रारम्भ हो जाता है | 8 नवम्बर को नजर आने वाले चन्द्र ग्रहण का सूतक सुबह 9 बजकर 21 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगा, जो ग्रहण के समापन के साथ ही ख़त्म होता है | ग्रहण का सूतक ग्रहण पड़ने से 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है, जिसके बाद से पूजा-पाठ जैसे शुभ कार्यों को रोक दिया जाता है 

भारत में दिखाई देने वाला चंद्र ग्रहण- (India in Chandra Grahan)

भारत में यह चन्द्र ग्रहण गुवाहाटी, रांची, पटना, सिलिगुड़ी और कोलकाता और दिल्ली के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में नजर आयेंगे, जिसके दौरान इन राज्यों के सभी लोगों को सावधानी रखने की आवश्यकता है | इसके अलावा यदि दुनिया की बात की जाए, तो पूरी दुनिया के मुताबिक़ इस साल का आख़िरी चन्द्र ग्रहण उत्तरी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश हिस्से पेसिफिक,  आर्कटिक, अटलांटिक, हिंद महासागर और अंटार्कटिका के क्षेत्रों में भी नजर आयेगा | 


सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें

सूर्य ग्रहण के बाद सभी जगहों को नमक के पानी से धोना चाहिए, ताकि ग्रहण की नकारात्मक शक्तियां दूर रहें। इसके बाद खुद पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए और घर के देवी-देवताओं को भी स्नान करवाना चाहिए। सूर्य ग्रहण के बाद दान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है।

सूतक काल से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी ( Important Information ) 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़, सूतक समय और पड़ने वाला चन्द्र ग्रहण के समय को मुख्य रूप से एक अशुभ मुहूर्त कहा जाता है। इसलिए इसमें किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों का आयोजन करना अशुभ होता है, क्योंकि इस दौरान शुभ कार्य करने से वह कार्य पूर्ण रूप से नहीं हो पाते है और अच्छे फल की प्राप्त भी नहीं हो पाती है | इसके बाद जब सूतक ग्रहण की समाप्ति हो जाती है, तो सभी धर्म स्थलों को फिर से पवित्र करना आवश्यक होता है |

ग्रहण के दौरान भोजन पकाया और खाया नहीं जाता है और साथ जल का सेवन करना भी वर्जित माना गया है | माना जाता है, कि ग्रहण पड़ने के उपरान्त आप अपने घर की सभी बनी और पहले से रखी चीजों में कुश और तुलसी के कुछ पत्ते डालकर रख सकते है, ऐसा करने से आपकी चीजे सुरक्षित रहेंगी | यदि आप ऐसा नहीं करते है, तो आपको उन चीजों  का सेवन करने के बाद हानि भी पहुँच सकती है | 

चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अधिक से अधिक बचकर रहना होता है और साथ ही उन्हें किसी भी कार्य को करना वर्जित होता है | गर्भवती महिलायें ग्रहण के दौरान रामायण या सुन्दरकाण्ड का पाठ कर सकती है | ऐसे करने से महिला के शिशु पर अच्छा प्रभाव पड़ता है |   

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