SDM कैसे बनते हैं – SDM की तैयारी कैसे करे| योग्यता | एसडीएम का वेतन

आज के समय में सभी युवाओ में सरकारी नौकरी के प्रति अधिक दिलचस्पी देखने को मिलती है | किन्तु बढ़ते कम्पटीशन के चलते सरकारी नौकरी पाना इतना आसान नहीं होता है, इसके लिए कड़ी मेहनत करनीं पड़ती है | लेकिन जब बात हो SDM के पद की तो यह प्रतिस्पर्धा और भी जटिल हो जाती है | एसडीएम किसी जिले का एक बहुत ही सम्मान वाला पद होता है | एक एसडीएम केवल अपने जिले में डीएम के प्रति जवाबदेह होता है |

SDM का पद बहुत ही जिम्मेदारी वाला पद होता है, उसे अपने जिले के कई महत्वपूर्ण कार्यो को भलीभांति पूर्ण करना होता है | यदि आप भी एसडीएम बनना चाहते है, तो उसके लिए आपको कड़ी मेहनत के साथ-साथ सही दिशा निर्देश की भी जरूरत होती है | इस लेख में आपको एसडीएम कैसे बने (SDM Full Form), SDM बनने के लिए योग्यता और वेतन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है |

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एसडीएम का पूरा नाम (SDM Full Form)

SDM को अंग्रेजी में Sub Divisional Magistrate कहते है, तथा हिंदी भाषा में इसे “उप प्रभागीय न्यायाधीश” कहते है | यह एक बड़ा पद होता है, जिसे कई तरह की शक्तिया प्राप्त होती है | तहसील में चल रहे मुकदमों का निपटारा भी एक एसडीएम द्वारा ही किये जाते है, जो मुकदमे राजस्व से सम्बंधित होते है |

एसडीएम बनने के लिए योग्यता (SDM Eligibility)

यदि आप एसडीएम बनने के लिए आवेदन करना चाहते है, तो आपके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होना आवश्यक है, अन्यथा आप इसकी परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर सकते है |

एसडीएम के लिए आयु सीमा (SDM Age Limit)

  • सामान्य श्रेणी के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम 40 वर्ष होनी चाहिए |
  • ओबीसी श्रेणी के लिए न्यूनतम 21 वर्ष व् अधिकतम 45 वर्ष मान्य है |
  • एससी/एसटी श्रेणी के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 45 वर्ष हो |
  • पीडब्लूडी के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा अधिकतम आयु 55 वर्ष रखी गयी है |

एसडीएम बनने के लिए जरूरी पाठ्यक्रम (SDM Required Courses)

राज्य के प्रत्येक जिले में एक उप प्रभागीय न्यायाधीश अधिकारी को नियुक्त किया जाता है | एसडीएम बनने के लिए आप दो तरह से परीक्षाओ को दे सकते है, पहला राज्य स्तर पर सिविल सेवा परीक्षा द्वारा तथा दूसरा राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा स्थापित परीक्षाओ में भाग लेकर SDM अधिकारी बन सकते है | इसके आपको तीन चरणों की परीक्षाओ में सफल होना होता है, जो इस प्रकार है |

  • प्रारम्भिक परीक्षा (Preliminary Exam)
  • मुख्य परीक्षा (Main Exam)
  • साक्षात्कार (Interview)

प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)

परीक्षा के पहले चरण में आपको सामान्य ज्ञान-1 व् सामान्य ज्ञान-2 के प्रश्न पत्र हल करने होते है | यह दोनों ही प्रश्न पत्र 200 अंक के होते है | इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए आपको 33% तक अंक लाने होते है | इस परीक्षा से प्राप्त अंको को मेरिट में नहीं जोड़ा जाता है |

मुख्य परीक्षा (Main Exam)

प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने के पश्चात् आपको मुख्य परीक्षा में सफल होना होता है | इसमें उम्मीदवार को कुल 8 प्रश्न पत्रों को हल करना होता है | इसमें उम्मीदवार को भूगोल, जनरल साइंस, करंट अफेयर्स, भारतीय राजनीति, सामान्य ज्ञान, इतिहास से जुड़े प्रश्न पत्रों के जवाब देने होते है |

क्रम संख्याप्रश्न पत्रअंक
1.हिंदी150 अंक
2.निबंध150 अंक
3.सामान्य अध्ययन 1200 अंक
4.सामान्य अध्ययन 2200 अंक
5.सामान्य अध्ययन 3200 अंक
6.सामान्य अध्ययन 4200 अंक
7.वैकल्पिक विषय पेपर 5200 अंक
8.वैकल्पिक विषय पेपर 6200 अंक

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साक्षात्कार (Interview)

पहले और दूसरे चरण में सफल उम्मीदवारों की योग्यता का आकलन करने के लिए उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है | इसमें उत्तीर्ण होने के लिए उम्मीदवार को चयन अधिकारियो को यह विश्वास दिलाना होता है, कि आप इस पद के लिए योग्य है | यह साक्षात्कार परीक्षा 200 अंको की होती है | यदि उम्मीदवार इसमें सफल हो जाता है, तो उसे एसडीएम के पद पर नियुक्त कर दिया जाता है |

एसडीएम के कार्य (SDM Functions)

एक एसडीएम को कई आधिकारिक शक्तिया प्राप्त होती है, जिसके अंतर्गत वह अपने जिले के भूमि के लेखा-जोखा का कार्य करता है | इसके अलावा भी एसडीएम के कई कार्य होते है, जो इस प्रकार है, विवाह रजिस्ट्रेशन, नवीकरण करवाना, अनेक प्रकार के लाइसेंस जारी करवाना, जिले के सभी भूमियो का लेखा-जोखा, प्राकृतिक आपदा जैसे :- विद्युत प्रभाव, अग्निकांड, बाढ़, शीतलहरों, लू-प्रकोप, अतिवृष्टि, भूकंप, भूस्खलन, कीट आकृमण, बादल फटने, ओलावृष्टि, हिम स्खलन आदि समस्याओ से ग्रसित लोगो को सहायता उपलब्ध कराना एसडीएम का मुख्य कार्य होता है | आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 के साथ-साथ अनेक प्रकार के नाबालिग कृत्यों में मजिस्ट्रेट के विभिन्न कार्यो को भी एक एसडीएम द्वारा किया जाता है |

एसडीएम का वेतन और सुविधाएं (SDM Salary and Facilities)

एक एसडीएम की तनख़्वाह को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है, जिस वजह से अलग-अलग राज्यों में एसडीएम का वेतन अलग-अलग हो सकता है | सामान्य तोर पर एक उप प्रभागीय न्यायाधीश का वेतन 50 से 60 हजार रूपए प्रतिमाह होता है | इसके अतिरिक्त उन्हें अनेक तरह का वेतन भत्ता, टीए, डीए अलग से प्राप्त होता है |

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