संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है, भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियां है। संविधान को 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था जिसे हम प्रति वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते आ रहे है| शुरुआत के समय इसमें 225 अनुच्छेद 22 भाग और 8 अनुसूचियां थी, और अब तक संविधान में 104 संशोधन किए जा चुके हैं। विभिन्न संशोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें कुल 470 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां हैं।

भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अंतर्गत केंद्र सरकार और राज्य सरकार की शक्तियों का विभाजन किया गया है, जिन्हें तीन भागों संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची में विभाजित किया गया है| संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची क्या है, प्रत्येक के विषयों के बारें में आपको यहाँ विस्तार से जानकारी दे रहे है|
संविधान में राज्य तथा केन्द्र सरकार की शक्तियां और अधिकार
भारतीय संविधान में राज्य सरकारों तथा केन्द्र सरकार के बीच अधिकारों अथवा मुद्दों के विभाजन हेतु विभिन्न अनुसूचियाँ परिभाषित की गयी हैं। इनमें से महत्त्वपूर्ण अनुच्छेद 245 और 246 के अन्तर्गत आते हैं। संविधान की 7 अनुसूची राज्यों और संघ के मध्य के अधिकारों का उल्लेख 3 सूचियों के अंतर्गत किया गया है, जो इस प्रकार है-
राज्य सभा के कार्य, शक्तियां और अधिकार
1.संघ सूची (Union List)
संघ सूची में देश से सम्बंधित ऐसे विषयों को समाहित किया गया है, जिनके सम्बन्ध में सम्पूर्ण देश से है। इस सूची में दिये गये विषयों पर केवल केन्द्र सरकार कानून बना सकती है, अर्थात इन विषयों से सम्बंधित कानून बनाने का अधिकार संसद को प्रदान किया गया है|
संघ सूची में विषय (Topics In Union List)
वर्तमान में इस सूची में कुल 100 विषय हैं जिनमें प्रमुख रूप से रक्षा, वैदेशिक मामले, युद्ध व सन्धि, देशीकरण व नागरिकता, विदेशियों का आना-जाना, रेल, बन्दरगाह, हवाई मार्ग, डाकतार, टेलीफोन व बेतार, मुद्रा निर्माण, बैंक, बीमा, खानें व खनिज, आदि।
2.राज्य सूची (State List)
क्षेत्रीय महत्व से सम्बंधित विषयों को राज्य सूची में शामिल किया गया है| इस सूची के विषयों पर विधि निर्माण का अधिकार सामान्यतया राज्यों की व्यवस्थापिकाओं को प्राप्त है।
किस राज्य में कितनी विधान सभा सीटें है
राज्य सूची में विषय (Topics In State List)
वर्तमान समय में इस सूची में 61 विषय हैं, इनमें से कुछ प्रमुख पुलिस, न्याय, जेल, स्थानीय स्वशासन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई और सड़कें आदि है ।
3.समवर्ती सूची (Concurrent List)
इस सूची के विषयों पर संघ तथा राज्यों दोनों को ही कानून निर्माण का अधिकार प्राप्त है। यदि इस सूची के किसी विषय पर संघ तथा राज्य सरकार द्वारा निर्मित कानून परस्पर विरोधी हों, तो सामान्यतः संघ का कानून मान्य होगा।
समवर्ती सूची में विषय (Topics in Concurrent List)
संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची इन तीनों सूचियों के विषयों की संख्या आज भी वही है जो मूल संविधान में थी। वर्ष 1976 में 42वें संवैधानिक संशोधन द्वारा राज्य सूची के चार विषय (शिक्षा, वन, जंगली जानवर तथा पक्षियों की रक्षा और नाप-तौल) समवर्ती सूची में कर दिए गए हैं और समवर्ती सूची में एक नवीन विषय ’जनसंख्या नियन्त्रण और परिवार नियोजन’ शामिल किया गया है। इस प्रकार आज स्थिति यह है कि गणना की दृष्टि से समवर्ती सूची के विषयों की संख्या 52 हो गई है, लेकिन संवैधानिक दृष्टि से समवर्ती सूची के विषयों की संख्या आज भी 47 ही है।
इस सूची में ऐसे विषय शामिल किये गये गए हैं, जिनका महत्व संघ तथा क्षेत्र दोनों ही दृष्टियों से है। इस सूची में कुल 47 विषय हैं, जैसे फौजदारी, विधि तथा प्रक्रिया, निवारक निरोध, विवाह और विवाह-विच्छेद, दत्तक और उत्तराधिकार, कारखाने, श्रमिक संघ, औद्योगिक विवाद, सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक बीमा, पुनर्वास और पुरातत्व, शिक्षा और वन, आदि।
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