पेगासस स्पाईवेयर भारत में एक बार फिर से यह सुर्खियों में बना हुआ है | दरअसल पेगासस एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो ख़ुफ़िया तरीके से किसी भी व्यक्ति के मोबाइल, लैपटॉप आदि से डाटा निकालनें का कार्य करता है | दूसरे शब्दों में, यह आपके मोबाइल से गुपचुप तरीके से डाटा चोरी करनें में सक्षम है | इस समय पेगासस को लेकर भारत में कोहराम मचा हुआ है | यहाँ तक कि इस मामले की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 3 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की गयी है |

पेगासस से सम्बंधित मामला पहली बार वर्ष 2019 में सामनें उस समय आया, जब व्हाट्सऐप यूजर्स को व्हाट्सऐप की तरफ से मैसेज प्राप्त हुआ, कि उनका फ़ोन पेगासस की सहायता से ट्रैक किया जा रहा है | इसके पश्चात पेगासस लगातार सुर्ख़ियों में छाया हुआ है | ऐसे में प्रश्न उठता है, कि आखिर पेगासस स्पाइवेयर क्या है? तथा Pegasus Spyware काम कैसे करता है तो आइये जानते है इसके बारे में |
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पेगासस स्पाईवेयर का क्या मतलब होता है
पेगासस एक प्राइवेट इजरायली कंपनी एनएसओ (NSO Group) द्वारा तैयार किया गया स्पाईवेयर है | यदि हम स्पाईवेयर की बात करे, तो स्पाईवेयर एक विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर होते है, जिनका उपयोग जासूसी से जुड़े कार्यों को अंजाम देने के लिए किया जाता है | यह सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम इतने खतरनाक होते है, कि उपयोगकर्ता को इस बात का आभास नही होता है कि उनके स्मार्टफोन के जरिए उन पर निगरानी राखी जा रही है | एनएसओ द्वारा इस स्पाईवेयर को एक खुफिया साइबर प्रोग्राम के रूप में डेवेलप किया गया था और इसे आतंकवादी गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करनें के उद्देश्य से विकसित किया गया था |
इजरायली कंपनी एनएसओ के अनुसार, इस सॉफ्टवेयर को दुनियाभर के कई देशों में गवर्नमेंट के लिए डेवलप किया गया है | दुनियाभर की कई सरकारे इस सॉफ्टवेयर का उपयोग कुछ लोगों की जासूसी के लिए करती हैं | इसके लिए वह इस सॉफ्टवेयर को कंपनी से खरीदती है, ताकि वह अपनें देश को विभिन्न प्रकार के आंतरिक और बाह्य खतरों से बचा सके | हालाँकि भारत सहित दुनियाभर में पेगासस को लेकर उठने वाले सवालों पर एनएसओ ग्रुप में स्पष्ट किया है, कि कम्पनी यह सॉफ्टवेयर सिर्फ गवर्नमेंट को बेचती है और इसके दुरुपयोग के लिए वह किसी भी रूप से जिम्मेदार नहीं है |
Pegasus Spyware काम कैसे करता है (How Pegasus Spyware Works)
पेगासस स्पाइवेयर को इजरायल की निजी कम्पनी एनएसओ ग्रुप द्वारा दुनिया के विभिन्न देशों की सरकारों को बेंचा जाता है | यह स्पाइवेयर किसी भी प्रकार के फ़ोन, लैपटॉप या कंप्यूटर से डाटा चुरानें में पूरी तरह से सक्षम है | कम्पनी द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है, कि इस सॉफ्टवेयर को जासूसी करनें के उद्देश्य से डेवलप किया गया है | यह टारगेट किये गये मोबाइल से तब तक डाटा चुरा सकता है, जिस समय के लिए इसे प्रोग्राम किया गया हो। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से हैकर यूजर के फोन के डेटा को हजारों किलोमीटर दूर से ऐक्सेस करता रहता है |
सबसे खास बात यह है, कि जिसके फ़ोन की निगरानी की जाती है, उन्हें इस बात की भनक तक नही लगती है | पेगासस के माध्यम से जिस व्यक्ति के फ़ोन की निगरानी करनी होती है, इस सॉफ्टवेयर को अनिवार्य रूप से उस डिवाइस में इंस्टाल करना होता है | इसे इनस्टॉल करनें के लिए सबसे पहले उक्त व्यक्ति के बारें में यह जानकारी प्राप्त की जाती है, कि वह व्यक्ति किन-किन चीजों में इंटरेस्ट रखता है | उसी के अनुरूप उनके पास एक एसएमएस या व्हाट्सएप द्वारा एक टेक्स्ट या वीडियो मैसेज सेंड किया जाता है | जैसे ही वह व्यक्ति उस लिंक पर क्लिक करता है, यह सॉफ्टवेयर उनके फ़ोन में इनस्टॉल हो जाता है |
इस प्रकार सम्बंधित व्यक्ति का फ़ोन हैक कर लिया जाता है | एक बार फ़ोन हैक होनें के पश्चात हैकर उनके फ़ोन के कॉल रिकॉडिंग, मैसेज, ईमेल यहाँ तक कि वीडियो से लेकर कॉन्टेक्ट लिस्ट तक की सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त की जा सकती है | साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से फोन को कई अन्य तरीकों से भी हैक किया जा सकता है | आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि एनएसओ ग्रुप की स्थापना वर्ष 2009 में हुई थी |
पेगासस स्पाईवेयर कौन खरीद सकता है (Who Can Buy Pegasus Spyware)
पेगासस निर्माता इजरायली कम्पनी एनएसओ के मुताबिक, इस स्पाईवेयर को सिर्फ प्राधिकृत सरकारों को विक्रय किया जाता है | आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि दुनियाभर में इस स्पाईवेयर को खरीदनें वाले देशों की सरकारों की संख्या लगभग 60 से अधिक है | इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल मुख्य रूप से इनवेस्टिगेटिव एजेंसीज द्वारा किया जाता है | एनएसओ ग्रुप द्वारा अपनी ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से यह क्लेम किया है, कि इस टेक्नोलॉजी द्वारा इनवेस्टिगेटिव एजेंसीज को टेररिज्म और क्राइम को रोकनें में काफी सहायता मिलती है |
कम्पनी ने स्पष्ट किया है, कि इस सॉफ्टवेयर को बेचनें के पश्चात वह इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल स्वयं करते है और एक बार लाइसेंस बेचनें के पश्चात इससे कम्पनी का किसी भी प्रकार से कोई लेना- देना नही रह जाता है |
पेगासस स्पाईवेयर कितना खतरनाक है (How dangerous is Pegasus spyware)
यदि पेगासस स्पाईवेयर किसी भी डिवाइस में एक बार इनस्टॉल हो जाता है, तो यह अपनी मौजूदगी का कोई भी प्रूफ नहीं छोड़ता है | इसका सीधा अर्थ यह है, कि आपका फ़ोन कब और किस समय हैक कर लिया गया है, इस बात का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते है | सबसे खतरनाक बात यह है, कि यह फ़ोन लॉक होनें की स्थिति में भी अपना वर्क करता रहता है | यहाँ तक कि इस सॉफ्टवेयर नें पिछले कई वर्षों में iPhone के कई मॉडल्स को अपनी चपेट में ले चुका है | कुल मिलाकर यह iPhone की सिक्यूरिटी को भी क्रैक करनें में पूर्ण रूप से सक्षम है |
पेगासस स्पाइवेयर से बचाव कैसे करे (How to protect against Pegasus spyware)
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि अधिकांश कम्पनियों नें फोन के सिक्योरिटी फीचर्स में काफी बदलाव कर दिए है | यदि आप अपनें एंड्रॉयड फोन या आईफोन में ऐप्स के लेटेस्ट वर्जन का यूज़ करते है, तो आपके फोन के हैक होने की संभावना काफी कम हो जाती है | हालाँकि अभी तक किसी भी फ़ोन निर्माता कम्पनी नें इस सॉफ्टवेयर से फ़ोन पूर्ण रूप से सुरक्षित रहनें की बात नही कही है | इसके लिए आपको सिर्फ यह ध्यान रखना होगा, कि आप अपनें अकाउंट की सिक्योरिटी समय-समय पर चेक करते रहे तथा किसी भी प्रकार के अनजानें लिंक या मैसेज पर क्लिक करनें से बचे |