Maulik Adhikar Kya Hai मौलिक अधिकार हमारे देश के प्रत्येक नागरिक के लिए महत्वपूर्ण स्वतंत्रता के अधिकार हैं, जो किसी व्यक्ति विशेष के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है, और इसकी धारा 3 में भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लेख है, जो अनुच्छेद 12 से 35 तक है। संविधान में वर्णित छह मौलिक अधिकार, जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित माना जाता है, शामिल हैं।
प्रारंभ में 7 मौलिक अधिकार माने जाते थे, लेकिन 44वें संवैधानिक संशोधन 1978 में “संपत्ति के अधिकार” को हटा कर कानूनी अधिकार में शामिल किया गया, जिसके बाद से इनकी संख्या अब 6 है। मौलिक Maulik Adhikar Kya Hai अधिकारों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी, जो परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जाती है, निम्नलिखित हैं। Maulik Adhikar Kya Hai इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े.
भारतीय नागरिकों हेतु मौलिक अधिकार
भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों को निम्नलिखित क्रम में विस्तार से बताया गया है:-
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1. समानता का अधिकार (अनुच्छेद – 14 से 18 तक)
- कानून के समक्ष समानता और कानूनों की समान रूप से संरक्षण का अधिकार (अनुच्छेद 14)
- धर्म, जाति, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध संबंधित अधिकार (अनुच्छेद 15)
- सार्वजनिक रोजगार में अवसर की समानता का अधिकार (अनुच्छेद 16)
- अस्पृश्यता का उन्मूलन और इस प्रथा का निषेध का अधिकार (अनुच्छेद 17)
- सैन्य और शैक्षणिक क्षेत्रों को छोड़कर पदवी की समाप्ति का अधिकार (अनुच्छेद 18)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18 में दिया गया अपवाद यह है कि किसी भी राज्य का राज्यपाल अथवा राष्ट्रपति किसी भी न्यायालय के प्रति जवाबदेह नहीं होगा।
2. स्वतंत्रता का अधिकार(अनुच्छेद–19 से 22 तक)
यहाँ अनुच्छेद 19 से 22 तक के मौलिक अधिकारों को एक नए तरीके से प्रस्तुत किया गया है:-
अनुच्छेद 19: स्वतंत्रता से संबंधित 6 अधिकार
(i) भाषण और अभिव्यक्ति का अधिकार
(ii) हथियारों के बिना और शांति से सभा करने का अधिकार
(iii) संगठन या संघ बनाने का अधिकार
(iv) पूरे भारत में स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकार
(v) देश के किसी भी हिस्से में निवास का अधिकार
(vi) कोई भी व्यापार या व्यवसाय करने का अधिकार या संचालित करने का अधिकार
अनुच्छेद 20: अपराधों के सजा के संबंध में संरक्षण का अधिकार
अनुच्छेद 21: जीवन की सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
- किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं रखा जा सकता है
अनुच्छेद 21A: प्राथमिक शिक्षा का अधिकार प्रदान
- यह 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को पूर्ण रूप से शिक्षा का अधिकार दिया गया है।
अनुच्छेद 22: कुछ मामलों के गिरफ्तारी और कस्टडी के खिलाफ संरक्षण का अधिकार
- गिरफ्तारी का कारण बताए बिना किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर के हिरासत में नहीं रखा जा सकता।
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद– 23 & 24)
अनुच्छेद 23: मानव से अवैध व्यापार और जबरन मजदूरी कराने का निषेध का अधिकार
- देह व्यापार, भीख मंगवाने, और अन्य जबरन काम कराने का प्रतिबंध।
अनुच्छेद 24: कारखानों में बाल मजदुर पर प्रतिबंध है तथा मिलने पर दंडीय अपराध का प्रावधान
- किसी भी 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को किसी भी कारखाने या खदान में काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता और न ही किसी अन्य खतरनाक कार्य में संलग्न किया जा सकता है।
4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद-25 से 28 तक)
अनुच्छेद 25: मान्यता और पेशा चयन, धर्म चयन और इसके प्रचार की स्वतंत्रता का अधिकार
- पूर्ण रूप से मान्यता और पेशा चयन, धर्म चयन और उसके प्रचार की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है।
अनुच्छेद 26: धार्मिक कर्म के प्रबंधन की स्वतंत्रता का अधिकार
- धार्मिक कर्म के प्रबंधन में स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है।
अनुच्छेद 27: किसी भी धर्म के प्रचार हेतु करों के भुगतान से स्वतंत्रता का अधिकार
- राज्य किसी भी नागरिक को किसी भी विशेष प्रकार के धर्म या धार्मिक संस्थानों के प्रचार प्रसार या रखरखाव के लिए कोई कर देने के लिए जबरदस्ती नहीं कर सकता।
अनुच्छेद 28: शिक्षण संस्थानों को पूर्ण रूप से धार्मिक शिक्षा या पूजा में भाग लेने की स्वतंत्रता का अधिकार
- शिक्षण संस्थानों को पूर्ण रूप से धार्मिक शिक्षा या पूजा में भाग लेने की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है।
5. सांस्कृतिक और शैक्षणिक का अधिकार (अनुच्छेद 29 और 30)
अनुच्छेद 29: अल्पसंख्यकों की भाषा, लिपि और संस्कृति का संरक्षण का अधिकार
- पूर्ण रूप से अल्पसंख्यकों की भाषा, लिपि और संस्कृति का संरक्षण का अधिकार प्रदान किया गया है। जहां एक प्रकार का धार्मिक समुदाय अल्पमत में है, तो संविधान उसे अपनी संस्कृति और धार्मिक हितों को संरक्षित करने में सक्षम बनाने का अधिकार देता है।
अनुच्छेद 30: शिक्षण संस्थानों की स्थापना करना और प्रशासन के लिए अल्पसंख्यकों का पूर्ण अधिकार
- अल्पसंख्यक समुदायों को उनकी पसंद के शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और प्रशासन के लिए पूर्ण अधिकार प्रदान किया गया है। राज्य अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा ऐसे बनाए गए शैक्षणिक संस्थानों के प्रति भेदभाव बिलकुल नहीं करेगा।
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6. संवैधानिक उपचार का अधिकार (अनुच्छेद 32)
अपने उपयुक्त विषयों पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद! यहाँ मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए विभिन्न कार्यवाहियों के उपयोग का उत्तराधिकार प्रदान करने के लिए उच्चतम न्यायालय में आवेदन करने का अधिकार है।
न्यायालय को पांच प्रकार की रिट जारी करने की शक्ति प्रदान की गई है, जो हैं:-
- बंदी प्रत्यक्षीकरण: यह उपाय बंदी को न्यायिक देखा जाने का अधिकार प्रदान करता है।
- परमादेश: यह उपाय न्यायालय को अपील या पुनर्विचार के लिए अधिकार प्रदान करता है।
- प्रतिषेध लेख: यह उपाय व्यक्ति को न्यायिक तंत्र के खिलाफ विचाराधीनता का अधिकार प्रदान करता है।
- उत्प्रेषण: यह उपाय न्यायिक जांच के लिए अधिकार प्रदान करता है।
- अधिकार पृच्छ लेख: यह उपाय न्यायिक प्रक्रिया में अधिकार की स्थिति के बारे में प्रश्न उठाने का अधिकार प्रदान करता है।
यह सभी प्रक्रियाएँ संविधान के तहत मान्यता प्राप्त करती हैं और न्यायिक प्रक्रिया में न्यायिक दोषी का पता लगाने और मुआवजा दिलाने में मदद करती हैं।