डॉ भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय | Dr. B.r Ambedkar Biography in Hindi

हमारे सामने बहुत से ऐसे महापुरुष रह चुके हैं। जिन्होंने अपने जीवन में बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया है। परंतु कभी ना हार मानते हुए लगातार आगे बढ़ते रहे हैं और अंत में एक ऊंची पद्धति हासिल की है। क्यूकि काफी बार व्यक्ति को ऐसा प्रतीत होता है की वह मेहनत के बाद भी असफल है। तो ऐसी हस्तियां उनको फिर से खड़ा करने में काफी मदद देती है। वैसे तो ऐसे बहुत से महापुरुष रहे हैं पर आज हम आपको Dr. B.R. Ambedkar Biography के बारे में बताने वाले हैं। डॉक्टर बी आर अंबेडकर जो हर व्यक्ति के लिए हर परिस्थिति में उनके सवालों का जवाब बन सकते हैं। तो चलिए आज हम भी डॉ. बी.आर. अम्बेडकर जीवनी को जानते हुए अपने जीवन में कुछ करने और आगे बढ़ाने की प्रेरणा लेते हैं।

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करेंट अफेयर्स इन हिंदी

Dr. B.R. Ambedkar Biography    

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के महू गांव में हुआ था। डॉक्टर बी आर अंबेडकर एक बहुत ही गरीब परिवार से संबंध रखते थे। डॉक्टर बी आर अंबेडकर दलित परिवार से थे। जिस कारण उनकी जाति को अछूत जाति माना जाता है और इस कारण ही उनका जीवन काफी मुश्किलों से गुजरा। पहले के समय में तो वैसे भी जाति समुदाय को लेकर काफी लड़ाइयां हुई है। इस तरह ही बाबासाहेब आंबेडकर जाति के व्यक्तियों से सामाजिक बहिष्कार अपमान और भेदभाव का बैर रखते थे।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पिता का नाम श्री रामजी मलोजी सकपाल था और इनकी माता जी का नाम भीमाबाई था। इनके पिता ब्रिटिश सेना में मेजर सूबेदार के पद पर कार्य करते थे और माता एक धार्मिक घरेलू महिला थी। इनके माता-पिता और दोस्त रिश्तेदार इनको बचपन में रामजी सकपाल के नाम से बुलाते थे। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का संबंध अछूत जाति से होने की वजह से उन्होंने अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना किया। परंतु हमेशा आगे बढ़ने की चाह रखी है और जीवन में अनेक असफलताएं आने के बाद भी लगातार मेहनत करते हुए सफलता प्राप्त करने की इच्छा रखती है।

Key Highlights Dr. B.R. Ambedkar Biography

नाम  भीमराव अंबेडकर
जन्म14 अप्रैल 1891
जन्म स्थानमध्यप्रदेश के इंदौर शहर के महू में
जन्म का नामभिवा, भीम, भीमराव
धर्मबौद्ध धर्म
राष्ट्रीयता    भारतीय
पेशा  शिक्षाविद्दा र्शनिक, लेखक पत्रकार, समाजशास्त्री,मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्, धर्मशास्त्री, इतिहासविद् प्रोफेसर, सम्पादक विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री,राजनीतिज्ञ आदि।  
व्यवसाय     वकील, प्रोफेसर व राजनीतिज्ञ
जीवन साथीरमाबाई अंबेडकर, डॉ० सविता अंबेडकर  
बच्चेयशवंत अंबेडकर
मृत्यु6 दिसम्बर 1956 (उम्र 65)
  समाधि स्थल          चैत्य भूमि,मुंबई, महाराष्ट्र

बाबासाहेब अंबेडकर की शिक्षा

यदि बात करें उनकी शिक्षा की तो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सतारा के शासकीय हाईस्कूल से प्राप्त की है। इसके बाद इन्होंने 1897 ईस्वी में अपनी माध्यमिक शिक्षा मुंबई से एलपी स्टोन रोड स्थित सरकारी स्कूल से प्राप्त की थी। जब इन्होने स्कूल में प्रवेश किया तो इनको निम्न जाति का होने के कारण काफी अपमान सहन करना पड़ा था। क्यंकि कोई भी इनको अपने पास नहीं बिठाता था। साथ ही इन्हे सवर्ण छात्रों हेतु मटके से पानी नही पिने दिया जाता था। इस कारण बाल्यकाल में जातिवाद के बुरे अनुभवों ने बालक भीम के मन में जातिवाद से लड़ने की इच्छा को जाग्रत कर दिया।

इन्हीं समस्याओं के साथ इन्होंने वर्ष 1907 में मैट्रिक पास की थी। जिसके बाद 1912 बॉम्बे विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एल्फिंस्टन कॉलेज से बी.ए (B.A) की डिग्री प्राप्त की थी। इनको बीए के दौरान जो छात्रवृत्ति प्राप्त हुई थी। उसके माध्यम से यह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए और इसके बाद इन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नाकोत्तर की उपाधि हासिल की है। 

इसके बाद Dr. B.R. Ambedkar ने  विधि की शिक्षा प्राप्त करने के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रवेश ले लिया | वहां पर तीसरे वर्ष उनकी छात्रवृति समाप्त हो गयी | जिसके पश्चात ये भारत लौट आय एवं गायकवाड़ शासकों के यहाँ कार्य करने लगे। जिस समय इन्होने उच्च शिक्षा प्राप्त की और नौकरी करने लगे उसके बाद भी जातिवाद ने डॉ. भीमराव का पीछा नहीं छोड़ा। जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर जातिवाद के खिलाफ लड़ने की ठान ली थी।

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संविधान का निर्माण  

अब सन 1926 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपने आप को मुंबई विधानसभा परिपथ से जोड़ दिया था। डॉ भीमराव अंबेडकर को उनके अच्छे एवं प्रभावित कार्यों के कारण 13 अक्टूबर साल 1935 को सरकारी कानून कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया। इस पद पर इन्होंने 2 साल बहुत मेहनत और लगन के साथ कार्य किया और फिर1936 में स्वतंत्र लेबर पार्टी की स्थापना की उनकी पार्टी ने साल 1937 में केंद्रीय विधानसभा चुनाव लड़े। जिसमें इन्हें15 सीट मिली थी, परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 1941 से 1945 तक इस बीच बहुत सारी विवाद की किताबें लिख डाली है।

वैसे तो भीमराव अंबेडकर के द्वारा लिखी गई सभी किताबें बहुत खास है परंतु “थॉट्स ओं पाकिस्तान”सबसे प्रमुख किताब थी। जो उसे समय बहुत विवादित रहे इस किताब में मुसलमान के लिए एक अलग देश पाकिस्तान भारत के टुकड़े तरीके से विरोध किया गया है। जब हमारा भारत देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था। तो खराब स्वास्थ्य के बावजूद भी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारत के पहले कानून मंत्री बने थे। डाक्टर बाबा साहेब जी ने अपने खराब स्वास्थ्य की चिंता ना ‌करते  हुए हमारे भारत को एक ठोस और संपन्न कानून दिया। उनके द्वारा लिखे गये संविधान 26 जनवरी 1950 में पूरे भारत देश में लागु कर दिया गया था।

इसके बाद 29 अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना के लिए बनी संविधान की मसौदा समिति का अध्यक्ष भी भीमराव अंबेडकर को नियुक्त किया गया था। भारत का संविधान बनाने के लिए अंबेडकर जी ने लगभग 60 देश के संविधान का अध्ययन किया था। जिसके बाद अपने देश में रहने वाले विभिन्न समुदाय जाति धर्म के नागरिकों के विभिन्न पहलुओं को रखते हुए संविधान की किताब बनाई। बाबासाहेब को भारत के संविधान का पिता भी कहा जाता है, क्योंकि हमारे भारत देश में संविधान की किताब का एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान को देखने के बाद कुछ महत्वपूर्ण कथन लिखे गए। अंबेडकर जी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि संविधान (साध्य) काम करने लायक है। भारत का संविधान लचीला है उन्होंने कहा कि देश में यदि कभी कुछ गलत हुआ तो उसका कारण यह नहीं होगा कि हमारे संविधान खराब है। बल्कि इसका उपयोग करने वाला अवश्य रूप से गलत होगा।

डॉ अंबेडकर द्वारा लिखित पुस्तकें 

Dr. B.R. Ambedkar द्वारा निम्नलिखित पुस्तक लिखी गई है। जो कि इस प्रकार है:- 

  • जनता
  • मूलनायक
  • शूद्र कौन और कैसे
  • संघ बनाम स्वतंत्रता
  • महाराष्ट्र भाषाई प्रांत
  • भारत का राष्ट्रीय अंश
  • पाकिस्तान पर विचार
  • रानाडे गांधी और जिन्ना
  • भगवान बुद्ध और बौद्ध धर्म
  • बहिष्कृत भारतजाति विच्छेद
  • श्री गांधी एवं अछूतों की विमुक्ति
  • भारत में लघु कृषि और उनके उपचार
  • रुपए की समस्या: उद्भव और समाधान
  • ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का अभ्युदय
  • भारत में जातियां और उनका मशीनीकरण
  • ब्रिटिश भारत में साम्राज्यवादी वित्त का विकेंद्रीकरण

Dr. B.R. Ambedkar को मिले पुरस्कार/सम्मान

भारत के संविधान पिता को निम्नलिखित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

  • हमारे भारत देश में डॉक्टर साहेब के सम्मान में कई सार्वजनिक संस्थानों का नाम उनके नाम पर रखा गया है। जैसे कि हैदराबाद, आंध्र प्रदेश का डॉ. अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, बी आर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय- मुजफ्फरपुर है। 
  • देश में होने वाली विभिन्न जयंतियों में भारत सरकार ने अंबेडकर जयंती पर सार्वजनिक घोषित कर रखा हैं। 
  • Dr. B.R. Ambedkar ने 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया। 
  • इसके साथ ही बाबा साहेब का एक बड़ा आधिकारिक चित्र भारतीय संसद भवन में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को सम्मानित करने हेतु लगाया गया है।

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डॉ. बी.आर. अम्बेडकर का निधन

भारत के नागरिकों की सेवा कर डॉक्टर अंबेडकर को सन 1948 में मधुमेह बीमारी हुई है। जो कि उन्हें 1954 तक रही थी। इसके बाद 3 सितंबर 1956 में उन्होंने अपनी अंतिम पांडुलिपि बुद्ध और धाम को पूरा किया। फिर 6 सितंबर 1956 को अपने घर दिल्ली में बाबा साहेब ने आखिरी सांस ली। Dr. B.R. Ambedkar जी का अंतिम संस्कार चौपाटी समुद्र तट पर बौद्ध शैली में किया गया।

बाबासाहेब अंबेडकर के कुछ महान विचार

  1. एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है की वह समाज का नौकर बनने के लिए तैयार होता है।
  2. एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना पर्याप्त नहीं है जिसकी आवश्यकता है वो है न्याय एवं राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था।
  3. गलत को गलत कहने की क्षमता नहीं है  तो आप की प्रतिमा व्यर्थ है
  4. संविधान यह एक मात्र वकीलों का दस्तावेज नहीं। यह जीवन का एक माध्यम है।
  5. जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बताये वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है।
  6. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी काम की नहीं।मनुष्य नश्वर है, उसी तरह विचार भी नश्वर है, एक विचार को प्रचार प्रसार की जरूरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की नहीं तो दोनों मुरझा कर मर जाते हैं ।
  7. यदि मुझे लगा संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो इसे जलानेवाला सबसे पहले मैं रहूँगा।
  8. अन्याय से लड़ते हुये आपकी मौत हो जाती है तो आपकी आने वाली पीढ़िया उसका बदला अवश्य लेगी किन्तु अन्याय सहते सहते यदि मर जाओगे तो आने वाली पीढ़िया भी गुलाम बनी रहेगी।
  9. हिम्मत इतनी बडी रखो के किस्मत छोटी लगने लगे ।
  10. किसी का भी स्वाद बदला जा सकता है लेकिन ज़हर को अमृत में परिवर्तित नही किया जा सकता ।

Dr. B.R. Ambedkar Biography से जुड़े प्रश्न

डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जन्म कहाँ हुआ था ?

बाबा भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के महू में हुआ था। इस जगह को आज हम डॉ.अंबेडकर नगर के नाम से जानते हैं।

Dr. B.R. Ambedkar के पिता माता का क्या नाम था

डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के पिता का नाम श्री रामजी वल्द मालोजी सकपाल व माताजी का नाम भीमाबाई था। 

डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के बचपन का नाम क्या था?

अम्बेडकर के बचपन का नाम रामजी सकपाल था।