DAC क्या है : DAC Full Form, (DAC) कोड कैसे जारी होंगे| 

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी देश को डिजिटल बनाने के लिए अनेक तरह के प्रयास करते रहते है | केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए ऐसी ही एक स्कीम लागू करने जा रही है | भारत सरकार का डाक विभाग ऐसी ही एक स्कीम पर काम कर रहा है | जिसे DAC के नाम से जाना जायेगा | यह एक डिजिटल कोड होगा जिसमे देश के प्रत्येक पते के लिए एक यूनिक कोड निर्धारित किया जायेगा | जिसके बाद आप ऑनलाइन शॉपिंग , प्रॉपर्टी टैक्स और eKYC जैसे कार्यो को आसानी से कर सकेंगे |

इसमें आपको ऑनलाइन कार्यो को करने के लिए अपने लम्बे पते को भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी आप बस इस यूनिक कोड को भरकर अपने पते की पूर्ण जानकारी दे सकेंगे | यदि आप इस DAC के बारे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस लेख में आपको DAC क्या है,  तथा डीएसी कोड कैसे कार्य करेगा, इसके अलावा One Nation One Address in Hindi और DAC Full Form क्या है, इसके बारे में विस्तार से बताया जा रहा है |

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डीएसी का फुल फॉर्म (DAC Full Form)

डीएसी का हिंदी उच्चारण डिजिटल एड्रेस कोड तथा अंग्रेजी भाषा में इसे DAC – ‘Digital Address Code’ कहा जाता है, इसके अलावा इसे एक राष्ट्र एक पता (One Nation One Address) के नाम से भी जाना जायेगा | यह कोड भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा जारी किया जायेगा |

डीएसी क्या है (What Is DAC)

यह एक तरह का डिजिटल यूनिक कोड होगा, जिसमे एक यूनिक आइडेंटिटी दी गई होगी | यह कोड आधार की तरह देश के प्रत्येक नागरिक को पते के अनुसार उपलब्ध कराया जायेगा, जिसके बाद आप इस कोड को टाइप कर या क्यूआर कोड के रूप में स्कैन कर सर्विस प्रोवाइड करने वाले एप्स पर इस्तेमाल कर सकेंगे |

इसके इस्तेमाल से आपको अपना पूरा पता भरने की जरूरत नहीं होगी, बस यह साधारण सा कोड भरकर ही आगे की प्रक्रिया को कर सकेंगे | इस कोड के माध्यम से बिना एड्रेस को डालें आप ऑनलाइन डिलीवरी बुक, संपत्ति और कर का भुगतान कर सकेंगे | इसके अलावा इस कोड के माध्यम से आप डिजिटल मैप्स को भी देख सकेंगे |

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Digital Address Code (DAC) को कैसे बनाया जाता है

Digital Address Code को बनाने के लिए देश के प्रत्येक address को आइडेंटिफाइ किया जाएगा। address को आइडेंटिफाइ करने के बाद उसे geospatial coordinates से लिंक कर दिया जाएगा। ऐसा करने से देश के प्रत्येक नागरिक के एड्रेस को उसके सड़क या मोहल्ले से नहीं बल्कि यूनिक नंबर्स और अक्षरों वाले कोड से पहचाना जा सकेगा। हाल ही में डाक विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर Digital Address Code के ड्राफ्ट के अप्रोच पेपर को रिलीज किया है। ताकि स्टेकहोल्डर्स इस पर अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव दे सकें। अगर DAC को अप्रूवल मिल जाता है

डिजिटल एड्रेस कोड की विशेषताएं

  • डिजिटल एड्रेस कोड प्रत्येक एड्रेस/ पते के लिए यूनीक होगा। ध्यान दें कि यहाँ ”एड्रेस’ का मतलब प्रत्येक व्यक्ति का आवासीय पता या ऑफिस या बिजनेस होगा।
  • Digital Address Code (DAC) को एड्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले geo special Co-ordinate से जोड़ा जाएगा। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एड्रेस का प्रतिनिधित्व एड्रेस के एंट्री गेट या गेट पर कोऑर्डिनेट्स करेंगे।
  • जानकारी दे दें कि संवेदनशील प्रतिष्ठानों के लिए डिजिटल एड्रेस कोड जारी नहीं किया जाएगा। इनमे वो प्रतिष्ठान शामिल होंगे जिनके जियोस्पेशल कोऑर्डिनेट्स का खुलासा नहीं किया जा सकता है। ऐसे प्रतिष्ठानों के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी जैसे कि इन्हे ‘पड़ोस’ या शहर के कोऑर्डिनेट्स से जोड़ा जा सकता है।
  • शुरुआत में कुल 12 डिजिट का डिजिटल अड्रेस कोड जारी किया जाएगा।

डीएसी कोड कैसे कार्य करेगा (DAC Code Work)

भारत सरकार द्वारा इस DAC कोड को तैयार किया जा रहा है | डाक विभाग द्वारा अपने सभी हित धारकों से प्रतिक्रिया और सुझावों को प्राप्त करने के लिए अपनी ऑफिसियल वेबसाइट पर एक अनुबंध दृष्टिकोण पत्र जारी कर दिया है | आज के समय में आधार कार्ड को मुख्य तौर पर पते के प्रमाण के लिए इस्तेमाल किया जाता है | किन्तु आधार कार्ड को डिजिटल पते के रूप में प्रमाणित नहीं कर सकते है | दृष्टिकोण पत्र अनुबंध के अनुसार DAC (Digital Address Code) किसी एक पते को एक डिजिटल कोड के रूप में प्रमाणित करने का कार्य करेगा |

इस प्रस्ताव में यह कहा गया है, कि देश के हर नागरिक को एक पहचान और एक पते की जरूरत है, जो बिल्कुल यूनिक हो, तथा भू-स्थानिक निर्देशांक से जुड़ी हो साथ ही सभी नागरिको द्वारा उपयोग भी की जा सके | इस समाधान के लिए केंद्र सरकार ने डिजिटल एड्रेस कोड को प्रस्तावित किया है | यह एक तरह का इनपुट होगा,जिसका इस्तेमाल उपभोक्ताओं द्वारा एप्स में QR Code के रूप में किया जायेगा |

इस यूनिक कोड की खास बात यह होगी कि इसमें DAC को पते का प्रतिनिधित्व करने वाली भूमि को स्थानिक निर्देशांक से जोड़ा जायेगा, जिसमे पते के प्रवेश द्वार पर इस उद्देश्य हेतु पते का प्रतिनिधित्व किया जायेगा | इसके अतिरिक्त संवेदनशील मामलों में इस कोड को जारी नहीं किया जायेगा | किन्तु इसे पड़ोस और शहर के निर्देशांक से जोड़ा जायेगा | इसमें एक अपार्टमेंट के प्रत्येक फ्लैट को अलग-अलग DAC दी जाएगी, तथा हर घर के लिये एक अलग स्थायी डीएसी होगी |

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