जीडीपी (GDP) क्या है | GDP Full Form in Hindi | जीडीपी निकलने का तरीका

जीडीपी (GDP) से सम्बन्धित जानकारी

जीडीपी के द्वारा किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के विकास के स्तर को मापा जा सकता है | जीडीपी का आंकड़ा देश की अर्थव्यवस्था की ऒर संकेत करता है जीडीपी का आकड़ा अधिक होने पर देश की अर्थव्यवस्था के स्तर को अच्छा समझा जाता है, तथा जीडीपी के आकड़े में कमी आने पर देश की विकास दर को अच्छा नहीं समझा जाता है | देश की सरकार के द्वारा देश की आर्थिक नीति का निर्धारण किया जाता है इसलिए जीडीपी कम होने की अवस्था में, इसका दोष सरकार के गलत नीतिकरण की व्यवस्था पर केंद्रित होने के कारण, इसका दोष देश की सरकार को दिया जाता है|

भारत में जीडीपी की गणना तिमाही (हर तीन महीने में ) होती है जीडीपी के अंतर्गत प्रमुख तीन घटक उधोग, कृषि तथा सेवा सयोजित किये गए है | जिसमे जीडीपी का आंकड़ा वस्तुओ के उत्पादन क्षेत्रो में होने वाली वृद्धि के आधार पर देश की अर्थव्यवस्था के विकास को निश्चित पैमाना प्रदान करता है| इस पेज पर आपको जीडीपी (GDP) क्या है, इसका फुल फॉर्म तथा जीडीपी निकालने के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी जाएगी |

ई गन्ना एप्प क्या है

जीडीपी (GDP) क्या है?

जीडीपी देश की अर्थव्यवस्था के विकास की दर को समझने तथा मापने का एक पैमाना है, जीडीपी किसी भी देश की उत्पादित वस्तु तथा सेवा की कीमत पर निर्भर करता है यदि देश की सीमा रेखा के अंदर उत्पादित वस्तुओ का मूल्य अधिक होने का मतलब देश तीव्र गति से विकास कर रहा है तथा इसके विपरीत वस्तु तथा सेवाओं का मूल्य कम होने पर देश की अर्थ व्यवस्था सही नहीं चल रही है| भारत देश में कृषि, उधोग तथा सेवा के उत्पादन के बढ़ने तथा  घटने के औसत के आधार पर जीडीपी की दर निर्भर करती है जीडीपी के बढ़ते हुए आकड़े यह दर्शाते है कि देश की तरक्की किस ऒर अग्रसर है|

जीडीपी का फुल फॉर्म (GDP Full Form in Hindi)

जीडीपी का फुलफॉर्म “ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट” (Gross Domestic Product) होता है, जिसे हिंदी भाषा में सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है| इस शब्द का प्रयोग देश के आर्थिक विकास की गणना के उद्देश्य से किया जाता है|

जीडीपी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अमेरिका के अर्थशास्त्री साइमन ने 1935 -1944 के मध्य किया था, उस समय काल में विश्व की बैंकिंग संस्थाए देश के आर्थिक विकास की दर का अनुमान लगाने का कार्य करती थी| उस समय  देश के आर्थिक विकास का आकलन करने के लिए कोई पैमाना या पैरामीटर उपलब्ध नहीं था जिसके द्वारा अर्थ व्यवस्था के विकास की दर को समझा या समझाया जा सके तब अमेरिका की कांग्रेस के मध्य साइमन ने जीडीपी शब्द का प्रयोग कर उसे तर्क-वितर्क के द्वारा परिभाषित किया जिसके बाद अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जीडीपी शब्द का प्रयोग प्रारम्भ किया तथा इसके बाद से सभी देशो में आर्थिक विकास की गणना में इस शब्द का प्रयोग होने लगा| 

दीक्षा एप्प या पोर्टल क्या है

जीडीपी की गणना

जीडीपी की गणना करने के लिए इस सूत्र का प्रयोग किया जाता है जो इस प्रकार है

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) = निजी खपत + सकल निवेश + सरकारी खर्च + (निर्यात-आयात)

या

GDP (कुल घरेलू उत्पाद) = उपभोग (Consumption) + कुल निवेश

GDP = C + I + G + (X − M)

इस गणना के लिए जीडीपी डिफ्लेटर (अपस्फीतिकारक) बहुत आवश्यक है, इसके द्वारा मुद्रास्फीति को माप सकते है|  इसकी गणना करने के लिए वास्तविक जीडीपी में से अवास्तविक जीडीपी को विभाजित कर 100 से गुणा किया जाता है |

मिशन प्रेरणा क्या है

जीडीपी के प्रकार

जीडीपी की गणना के अंतर्गत देश की वस्तुओं और सेवाओं की कीमत की गणना की जाती है| समय के साथ  इन वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य में परिवर्तन आता रहता है, जिसके लिए जीडीपी की गणना करना आसान नहीं होता, कर (Tax) के आधार पर कई अप्रत्यक्ष और औसत गणना की जाती है, जीडीपी की गणना दो प्रकार से की जाती है-

वास्तविक जीडीपी

देश की जीडीपी की गणना करने के लिए एक आधार वर्ष का निर्धारण किया जाता है, इसमें वस्तुओं और सेवाओं की कीमत को निश्चित कर लिया जाता है इस प्रकार की जीडीपी को वास्तविक जीडीपी कहा जाता है| भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुसार यह आधार वर्ष 2011-12 को माना गया है|

एमएसएमई (MSME) क्या है

अवास्तविक जीडीपी

किसी भी देश की अवास्तविक जीडीपी निकालने के लिए वर्तमान बाज़ार वस्तुओ तथा सेवाओं  की वर्तमान कीमत को आधार माना जाता है, इस कीमत के आधार पर ही जीडीपी की गणना की जाती है | इस प्रकार की गणना से प्राप्त होने वाली जीडीपी को अवास्तविक (नामिक) जीडीपी कहा जाता है| वास्तविक जीडीपी के द्वारा देश के अर्थव्यवस्था के विकास की दर को सही प्रकार से प्रस्तुत करती है | तुलना के आधार पर यह अधिक लाभदायक है |

इस पृष्ठ पर आपको जीडीपी (GDP) क्या होता है, जीडीपी का फुल फॉर्म व जीडीपी की गणना किस प्रकार करते है के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, अब उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी | यदि इससे सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, तो आप कमेंट करके पूँछ सकते है|

धारा 144 क्या है

GDP का इतिहास

  • 1652 और 1674 के बीच डच और अंग्रेजी के बीच अनुचित कराधान के खिलाफ ज़मीदारो की रक्षा करने के लिए विलियम पेटी द्वारा GDP की मूल अवधारणा दी गई है।
  • इस पद्धति को आगे चार्ल्स डेवनेंट द्वारा विकसित किया गया है।
  • इसकी आधुनिक अवधारणा सबसे पहले 1934 में कुज़नेट्स द्वारा विकसित की गई थी।
  • 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के बाद यह किसी देश की अर्थव्यवस्था को मापने का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण बन गया।