प्रत्येक वर्ष पितृ पक्ष 15 दिनों तक मनाये जाते है | ये अधिकतर परिवारों के लिए ऐसे दिन होते है, जिनमें बड़े बुजुर्गो की आत्मा को शान्ति प्रदान करने के लिए पितृ पक्ष को पूरे नियमो सहित मनाये जाते है | इस दौरान लोगों को कई सावधानियां भी बरतनी पड़ती है | पितृ पक्ष के वह 15 दिन घर के मुखिया लोगों द्वारा विधिपूर्वक मनाते है |

इसलिए यदि आपको पितृ पक्ष से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी प्राप्त है, तो आपको इस लेख में पितृ पक्ष से सम्बंधित पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है, तो आइये नीचे जानते है, आगे जानकारी के बारे में-
पितृ पक्ष क्या होता है (What is Pitru Paksha) ?
पितृ पक्ष को सभी लोग अपने पूर्वजों को शान्ति प्रदान करने के लिए उन्होंने प्रतिदिन पानी देते है, और उनकी श्राद्ध भी करते है | वहीं, बहुत से लोग पितृ पक्ष के दौरान ही गया के लिए गया धाम जाते है | गया धाम एक ऐसा स्थान है, जहाँ पर सभी पुराने से पुराने पूर्वजों की आत्मा को शान्ति प्राप्त हो जाती है | इसलिए पितृ पक्ष में अधिकतर लोग गया धाम की यात्रा तय करते है | पितृ पक्ष में ही सभी पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए पूजा – अर्चना की जाती है |
पितृ पक्ष कब से है (Since When is Pitru Paksha) ?

इस वर्ष 2022 में पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सितम्बर दिन शनिवार से हो जायेगी | इसके बाद 25 सितम्बर तक पितृ पक्ष मनाया जाएगा | पितृ पक्ष में किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों को नहीं किया जाता है | वहीं, हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारम्भ हो जाता है और वह आश्विन मास की अमावस्या तक मनाया जाता है | इस दौरान अपने पूर्वजों को शान्ति प्रदान करने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कार्यों को विधिपूर्वक किया जाता है |
पितृ पक्ष में नहीं किये जाने वाले कार्य (Qawwali not to be done in Pitru Paksha)

पितृपक्ष के दौरान पितृ पक्ष मनाने वाले या पितृपक्ष में जो पुरुष अपने पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए उन्हें प्रतिवर्ष पानी देते है, तो ऐसे लोगों को दाढ़ी और बाल नहीं कटवाना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों के मुताबिक, पितृपक्ष के दौरान जो यह कार्य करते है, उन्हें कभी अच्छे धन की प्राप्ति नहीं होती है और वहीं पितृ पक्ष मनाने वाली महिलाओं को इस दौरान किसी भी प्रकार का कोई भी श्रंगार नहीं करना होता है | इस दौरान पुरुष और महिलाओं के ये नियम मने जाने आवश्यक माने गये है |
कौवा को भोजन कराएं (Crow eat the Food)
मान्यता है कि, श्राद्ध वाले दिन कौवा को भोजन कराना आवश्यक मानता जाता है, क्योंकि यदि कौवा के लिए रखा गया भोजन कोई कौवा आकर खा लेता है, तो कहा जाता है, कि कौवा के माध्यम से ही पितरों तक भोजन पहुँच जाता है।
लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल न करें (Do not use Iron Utensils)
श्राद्ध कर्म के दौरान कभी भी लोहे के बर्तनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि, पितृपक्ष के दौरान लोहे के बर्तन का प्रयोग करने से परिवार के लिए अशुभ होता है | इसलिए पितृपक्ष मनाये जाने पर तांबा, पीतल या अन्य धातु के ही बर्तनों में खाना बनाना चाहिए |
दूसरों के घर का भोजन न खाएं (Don’t eat food at other’s House )
पितृपक्ष (Pitru Paksha) में पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करने के दौरान शरीर पर तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और उस दिन पान का भी सेवन नहीं करना चाहिए इसके अलावा पितृ पक्ष के दौरान किसी दूसरे के घर की बनी चीजों को नहीं खाना चाहिए |
नई वस्तु की खरीदारी न करें (Don’t buy new Things)
पितृपक्ष (Pitru Paksha) के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, और साथ ही किसी भी नई वस्तु की खरीदारी भी नही करनी चाहिए | इसके अलावा पितृपक्ष का प्रारम्भ हो जाने के बाद भिखारी या फिर किसी अन्य व्यक्ति को भोजन कराकर ही भेजे | पितृ पक्ष के दौरान पशु-पक्षी जैसे कुत्ते, बिल्ली, कौवा आदि को खाना खिलाने का प्रयास करें | वहीं, मान्यता है कि, पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज किसी भी रूप में आपके द्वार पर आ सकते है |
वर्ष 2022 में पितृ पक्ष का प्रारम्भ (Start in the Pitru Paksha Year 2022)
- पितृ पक्ष 2022 में प्रारंभ : 10 सितंबर 2022, दिन शनिवार
- पितृ पक्ष 2022 का समापन : 25 सितंबर 2022, दिन रविवार
पितृ पक्ष को श्राद्ध नाम के रूप में भी जाना जाता है | इस दौरान बहुत लोग अपने पूर्वजों की श्राद्ध भी करते है | इसलिए मान्यता है, कि इस दौरान अधिकतर लोग अपने पितरों की पूजा-अर्चना करते है, क्योंकि ऐसा करने से वह अपनी कृपा बनाये रखते है | इसके अलावा पितृपक्ष को लोग सोलह श्राद्ध, महालय पक्ष या अपर पक्ष के नाम से भी जानते हैं। पितृ पक्ष के दौरान जब लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते है, तो उस दौरान वह अपने पूर्वजों का तर्पण करने के साथ – साथ ब्राह्मण या जरूरतमंद लोगों को भोजन कराकर उन्हें दान – दक्षिणा प्रदान करते हैं। हिंदू धर्म के मुताबिक़, यदि आपसे आपके पितृ प्रसन्न रहते है, तो देवी-देवता का भी आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहता है, अन्यथा आपकी पूजा – अर्चना व्यर्थ मानी जाती है |
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पितृ पक्ष में श्राद्ध 2022 की तिथियां ( Date of Shradh 2022 in Pitru Paksha )
क्र.स. | तिथियां | वर्ष | श्राद्ध |
1. | 10 सितंबर | 2022 | पूर्णिमा का श्राद्ध/ प्रतिपदा का श्राद्ध |
2. | 11 सितंबर | 2022 | द्वितीया का श्राद्ध |
3. | 12 सितंबर | 2022 | तृतीया का श्राद्ध |
4. | 13 सितंबर | 2022 | चतुर्थी का श्राद्ध |
5. | 14 सितंबर | 2022 | पंचमी का श्राद्ध |
6. | 15 सितंबर | 2022 | षष्ठी का श्राद्ध |
7. | 16 सितंबर | 2022 | सप्तमी का श्राद्ध |
8. | 17 सितंबर | 2022 | अष्टमी का श्राद्ध |
9. | 18 सितंबर | 2022 | नवमी श्राद्ध |
10. | 19 सितंबर | 2022 | दशमी का श्राद्ध |
11. | 20 सितंबर | 2022 | एकादशी का श्राद्ध |
12. | 21 सितंबर | 2022 | द्वादशी/सन्यासियों का श्राद्ध |
13. | 22 सितंबर | 2022 | त्रयोदशी का श्राद्ध |
14. | 23 सितंबर | 2022 | चतुर्दशी का श्राद्ध |
15. | 24 सितंबर | 2022 | अमावस्या का श्राद्ध, सर्वपितृ अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध, महालय श्राद्ध |