क्रिसमस डे (Christmas Day) क्यों मनाते है | क्रिसमस शब्द का अर्थ क्या है | क्रिसमस ट्री का पौधा

दिसंबर महीने की शुरुआत होते ही लोग क्रिसमस डे का इन्तजार करने लगते है और फिर धीरे – धीरे क्रिमस डे को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाने के लिए तैयारी भी करने लगते है | क्रिसमस डे का यह त्योहार इसाई धर्म के लोग बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते है | इसके अलावा अन्य धर्म के लोग भी क्रिसमस डे के इस पर्व को मनाते है |

क्रिसमस डे का पर्व प्रमुख रूप से 25 दिसंबर को मनाया जाता है | इसाई धर्म के साथ-साथ अन्य धर्म के लोग भी इस पर्व को बहुत ही धाम-धाम से मनाते है | इसलिये यदि आप इस पर्व को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहते है, तो इस लेख में आपको क्रिसमस डे सम्बंधित पूरी जानकारी प्रदान की गई, जिसे पढ़कर आप भी इस पर्व को पूरे रीति – रिवाज के साथ मना सकते है | 

भारत के त्योहारों की सूची

क्रिसमस डे कब है (When is Christmas Day) ? 

प्रत्येक वर्ष क्रिसमस डे का यह त्योहार 25 दिसंबर को ही मनाया जाता है | यह त्यौहार प्रमुख रूप से इसाई धर्म के लोगों के लिए बनाया गया है | इसलिए इसाई धर्म के प्रत्येक परिवार इस दिन को बहुत ही ख़ास और अलग बनाने के लिए अपने घरों को अच्छे से सजाते है और उसमें कई तरह की लाइटों का भी इस्तेमाल करते है | इसके अलावा क्रिसमस डे को देश के अधिकतर लोग भी बहुत ही धूमधाम से मनाते है | 

क्रिसमस शब्द का अर्थ क्या है (What is Christmas word) ? 

कैथोलिक इनसाइक्लोपीडिया के मुताबिक,  क्रिसमस एक खुशी का पर्व है, जिसकी उत्पत्ति प्रमुख रूप से ” क्रिस्टेस मैसे” वाक्यांश से हुई है | इसके बाद 1038 में पहली बार इस शब्द को दर्ज कर लिया गया था | इस शब्द का अर्थ  मसीह का मास या क्राइस्ट का मास होता है | 

क्रिसमस डे (Christmas Day) क्यों मनाते है (Why do Celebrate Christmas Day) ? 

माना जाता है, कि 25 दिसम्बर को ईसाइयों में भगवान यीशु का जन्म हुआ था, उनके इस जन्म के शुभ अवसर को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाने के लिए 25 दिसम्बर को क्रिसमस डे रूप में मनाया जाने लगा था | ईसा मसीह और कोई नहीं बल्कि, यीशु मां मेरी और यूसुफ के पुत्र थे, जिनकी पूजा ईश्वर की संतान मानकर की जाती है |

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, नाजरेथ नामक एक स्थान था, जंहा पर एक महिला रहती थी, उस महिला का नाम मरियम था | मरियम का स्वभाव बहुत ही अच्छा और दयालु प्रकति का था | मरियम को एक लड़के से प्रेम था, जिसका नाम यूसुफ था |  एक बार गेब्रियल नामक एक परी मरियम के पास आई और उसने मरियम से कहा कि, आप धरती पर एक बहुत ही महान आत्मा को जन्म देंगी , जिसे लोग ईश्वर  पुत्र के नाम से जानेंगे और उस ईश्वर की संतान का नाम यीशु होगा। 

ईश्वर के द्वारा भेजी गई परी की बात सुनने के बाद मरिया पूरी तरह से असमजत में पड़ गयी और सोचने लगी कि, उसके अविवाहित होते हुए वह पुत्र को जन्म कैसे देगी | ऐसे में परी ने मारिया को समझाते हुए कहा कि, यह सब ईश्वर की महिमा का चमत्कार होगा, उसके चचेरे भाई एलिज़ाबेथ को एक बच्चा प्राप्त होगा , जिसका नाम जॉन बैपटिस्ट रखा जाएगा | वह बच्चा ही आगे भविष्य में    यीशु के जन्म का कारण बनेगा। इसके बाद मारिया यूसुफ से शादी कर लेती है, शादी के तुरंत बाद ही दोनों बेथहलम पहुँच जाते है,  जहाँ पर उनके रहने का प्रबंध नहीं हो पाता है , जिसके कारण उन दोनों को जानवरों के खलियान में ही रहना पड़ जाता है और वहीं पर उन्हें यीशु जैसे ईश्वर संतान की प्राप्ति हो जाती है |  उस दिन 25 दिसम्बर था | इसलिए 25 दिसम्बर को यीशु के  जन्म दिन के अवसर को क्रिसमस डे के नाम से मनाया जाने लगा है | 

मकर संक्रांति कैसे मनाते हैं

क्रिसमस डे में क्या किया जाता है (What is done on Christmas Day) ? 

क्रिसमस डे को धूमधाम के साथ मनाने के लिए 25 दिसम्बर से कुछ दिन पहले ही अधिकतर लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लेकर आते हैं, क्रिसमस ट्री वह पेड़ होता है, जिसे क्रिसमस डे के दिन बहुत ही सुंदर सजाया जाता है, जो देखने में बहुत ही आकर्षक लगता है |  क्रिसमस ट्री का पेड़  दिखने में एक लकड़ी के प्राइवेट के समान की तरह होता है | इस पेड़ की सजावट करने के लिए अधिकतर मोमबत्तियां टॉफियां घंटियों और कुछ अलग – अलग लाइटों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे यह पेड़ पूरी तरह से जगमगा उठता है | इसके साथ ही माना जाता है, कि क्रिसमस ट्री के पेड़ को सजाने से घर में बुरी आत्माओं का वाश नहीं हो पाता है, क्योंकि इस पेड़ से चारों ओर सकारात्मक उर्जायें निकलती है, जिससे घर में सुख, शांति और पैसों की कभी तकलीफ नहीं होती है | 

सांता क्लाज की कहानी (Santa Claus Story) 

क्रिसमस डे के दिन Santa क्लाज की एक ऐसी भूमिका होती है, जिसे क्रिसमस की पूर्व संध्या (Christmas Eve)  को 822 घरों को एक सेकंड में यात्रा करना होता है, माना जाता है, इन चन्द्र सेकेंडों में ही सांता 822 घरों में उपहार भी पहुंचाता है | इसलिए इस दिन अधिकतर लोग स्वयं सांता का किरदार करके अपने से छोटे लोगों को उपहार प्रदान करते है | इसके अलावा 25 दिसम्बर को बहुत से स्कूलों, कॉलेजों में क्रिसमस ट्री पेड़ को सजाने के साथ-साथ डांस , और कुछ खेलों का आयोजन भी किया जाता है | 

क्रिसमस ट्री का पौधा (Christmas Tree ) 

क्रिसमस के दिन हर घर में रंग बिरंगी लाइट और बल्ब को लगाकर क्रिसमस ट्री को तैयार करके क्रिसमस सेलिब्रेट किया जाता है | इस परंपरा को सबसे पहले जर्मनी के द्वारा बीमार बच्चों को खुश करने के लिए किया गया था इसके अलावा कई कथाओं में यह सुनने को भी मिलता है, कि जब ईसा मसीह का जन्म हुआ था, तो ईश्वर और देवताओं ने अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए सदाबहार के वृक्ष लगाएं थे, जिसके बाद किस्मस डे के दिन इस वृक्ष को सजाने की प्रथा भी शुरू कर दी गई गई थी | 

कार्तिक पूर्णिमा कब है