ग्लोबल वार्मिंग क्या है? और इसके कारण एवं प्रभाव देखे

आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग को कौन नहीं जानता, ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसा शब्द है जिससे लगभग हर कोई परिचित है। लेकिन बहुत से लोग ऐसे है जिन्हे ग्लोबल वार्मिंग के अर्थ का पता नहीं है। ग्लोबल वार्मिंग हमारे हिम ग्लेशियरों को तेजी से पिघला रहा है। जिससे समुन्द्र में पानी का लेवल बढ़ता जा रहा है। जो मानव जीवन के लिए बहुत हानिकारक है। और ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्रीन हाउस गैसें जैसे कार्बन-डाइऑक्साइड, मीथेन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन इत्यादि का लेवल भी बढ़ने के कारण पृथ्वी का तापमान में लगातार वृद्धि को ही ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है। यदि आप भी पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंतित है तो आपको ग्लोबल वार्मिंग के बारे में विस्तार से जानना होगा।इसलिए हम आपको अपनी पोस्ट के जरिये ग्लोबल वार्मिंग क्या है, ग्लोबल वार्मिंग के कारण, प्रभाव और इसे रोकने के उपायों के विषय में विस्तार से बताएंगे। आप हमारी पोस्ट को अंत तक ज़रूर पढ़े।

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ग्लोबल वार्मिंग क्या है

पृथ्वी की सतह के निकट औसतन तापमान में वृद्धि होने को ही वैश्विक तापन या ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है। तापमान बढ़ने के कारण हिम ग्लेशियर धीरे धीरे पिघलने लगे है। जिस कारण समुंद्र में पानी का लेवल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जिनका मनुष्यों, जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। 100 वर्षो में पृथ्वी का औसत तापमान लगभग एक डिग्री सेंटीग्रेट बढ़ गया है।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण

ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर समस्या बन गई है, जिनके दो कारण जो निम्नलिखित है

  • प्राकृतिक कारण
  • मानव जनित या कृत्रिम कारण


1. प्राकृतिक कारण

ग्रीन हाउस प्रभाव – ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट एक प्रकार की प्राकृतिक घटना है। परन्तु अब इसकी मात्रा में व्रद्धि हो रही है जिस कारण तापमान में वृद्धि हो रही है। और ग्लोबल वार्मिंग में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

जलवाष्प – जल वाष्प एक प्रकार से ग्रीनहाउस गैस का ही रूप है. जब पृथ्वी का तापमान बढ़ता है तो जल निकायों (जैसे समुद्र, जलाशय) से और अधिक जल वाष्पित होता है, जो वातावरण में रहकर ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा दे रहा है।

ज्वालामुखी – ज्वालामुखी, ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देने वाला सबसे बड़ा प्राकृतिक कारण माना गया है. ज्वालामुखी के फटने पर निकलने वाली राख और धुआं वातावरण में शामिल हो जाते हैं और जलवायु को प्रभावित करते है।

2. मानव जनित या कृत्रिम कारण

वनो का कटाव – पौधे ऑक्सीजन का मुख्य स्त्रोत है जो पर्यावरण को संतुलित रखते है। और प्लांट कार्बन दी ऑक्साइड को ग्रहण करते है और ऑक्सीजन को छोड़ते है। लेकिन घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के कारण लगातार वनो की कटाई चल रही है। जिस कारण पर्यावरण असंतुलित हो गया है। जिससे ग्लोबल वार्मिंग भी बढ़ गई है।

वाहनों का इस्तेमाल – भले ही वाहन हमारे कहीं आने-जाने को सुविधाजनक बनाते हों, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग का ये एक बड़ा कारण हैं। जो बड़ी मात्रा में कार्बन-डाइऑक्साइड वातावरण में छोड़ते हैं, जिस कारण तापमान में वृद्धि होती है।

क्लोरोफ्लोरोकार्बन – गर्मियों के दिनों में हम जिन एयर कंडीशनर (AC) और रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल करते हैं, असल में वही गर्मीं बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। क्लोरोफ्लोरोकार्बन वायुमंडलीय ओजोन परत को प्रभावित करती है। ओजोन परत धरती की सतह को सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है। CFCs, ओजोन परत का ह्रास करती है, और वे पृथ्वी के तापमान को बढ़ाती हैं।

ग्रीनहाउस प्रभाव

  • ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पृथ्वी के तापमान में एक आश्चर्यजनक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. सन 1880 से अब तक 1 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ चुका है।
  • जलवायु असंतुलन ग्लोबल वार्मिंग का ही परिणाम है।
    ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पारिस्थितिकी तंत्र बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
    ग्लोबल वार्मिंग का कृधि पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। क्योकि तापमान बढ़ने के कारण पृथ्वी पर पेड़ पौधे नहीं रहेंगे जिस कारण आने वाले समय में भोजन की कमी हो सकती है।
    ग्लोबल वार्मिंग की वजह से गर्मी और आर्द्रता (humidity) के स्वरूप में बदलाव हो रहा है, ये मच्छर अपने साथ बीमारियों का फैलाव कर रहे हैं।

ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के उपाय

  • हमें ज्यादा से ज्यादा अपने घर और आस पास पेड पौधे लगाने चाहिए।
  • हमें निजी वाहनों का उपयोग कम करना चाहिए।
  • अधिक रिसाइकिल करके हम ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ने से रोक सकते हैं।
  • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल, ग्लोबल वार्मिंग रोकने के प्रभावी तरीकों में शामिल एक तरीका है।
  • हमें energy efficient ऊर्जा उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ग्लोबल वार्मिंग की जानकारी पहुंचानी चाहिए।