हमारे देश में 5 सितम्बर को प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस शिक्षकों (गुरुओं) के सम्मान में मनाया जाने वाला एक ऐसा दिन है, जो कि दुनिया के अधिकतर देशों में अलग अलग दिन मनाया जाता है। इसे अंग्रेजी में टीचर्स डे कहा जाता है। टीचर्स डे पर छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को कार्ड, भाषण और चॉकलेट के रूप में भी अपना स्नेह दिखाते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से Teachers Day क्या है? Teacher’s day Speech in Hindi आदि के बारे में बताएंगे। इसलिए आप हमारे आर्टिकल को अंत तक ज़रूर पढ़े।
शिक्षक दिवस क्या है
शिक्षक दिवस भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है,यह समारोह वर्ष 1962 में प्रथम बार भारत में आयोजित किया गया। टीचर्स डे प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षकों को उनकी कड़ी मेहनत और भविष्य की पीढ़ी को ज्ञान प्रदान करने के लिए समर्पित कर सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। यह गुरुओं के सम्मान करने का एक महत्वपूर्ण दिन है। क्योकि सभी छात्र छात्राए शिक्षकों द्वारा ही शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते है। और समय के साथ विभिन्न कारकों जैसे प्रौद्योगिकी, इंजीनरिंग, मेडिकल आदि सभी शिक्षा के क्षेत्रों में हमे आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा भी देते है।

Teachers Day (5 September 2023) Overviews
नाम | शिक्षक दिवस |
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आधिकारिक नाम | शिक्षक दिवस |
प्रकार | राष्ट्रीय |
महत्व | शिक्षकों को सम्मान और प्रोत्साहन देने का अवसर |
तिथि | 5 सितम्बर (भारत) |
पहली बार मनाया गया | 1962 (भारत) |
मुख्य कार्यक्रम | शिक्षकों को पुरस्कार, कार्ड, फूल, सम्मान पत्र, आदि की प्रस्तुति, कवि सम्मेलन, सेमिनार, वर्कशॉप, आदि |
संबंधित | सर्वपल्ली राधाकृष्णन, कन्फ्यूशियस, UNESCO |
Teachers Day क्यों मानते है?
शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को समर्पित है और उनके जन्मदिवस के दिन ही हर वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी बहुत बड़े दार्शनिक थे और शिक्षा में अत्यंत विश्वास रखते थे. भारत में शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है. राधाकृष्णन जी स्वामी विवेकानंद जी से प्रेरित थे और उन्हें किताबों से गहरा प्रेम था।
राजनीति में आने से पहले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने अपना योगदान अध्यापन को दिया था. इस तरीके से देखा जाए तो अपने जीवन का आधे से ज्यादा समय डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने अध्ययन और अध्यापन को दिया था. डॉ सर्वपल्ली जी को एक आदर्श शिक्षक माना गया है।
कहा जाता है डॉ सर्वपल्ली जी के विद्यार्थी और मित्रों ने जब उन्हें उनका जन्मदिवस मनाने के लिए कहा तो जवाब में डॉ राधाकृष्णन जी का कहना था कि उनका जन्मदिवस शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो उन्हें बहुत गर्व होगा. शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में हर वर्ष मनाया जाने लगा।
TEACHERS DAY SPEECH IN HINDI 2023
मेरे प्रिय टीचर और मेरे प्यारे पढ़ने वाले सहपाठियों को मेरी तरफ से शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं, जैसा कि हम सब जानते हैं। कि आज 5 सितंबर
को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने के लिए हम सब यहां पर एकत्रित हुए हैं।
इसके अलावा आज डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिन भी है क्योंकि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति बनने से पहले एक प्रतिष्ठित शिक्षक के रूप में भी जाने जाते थे। इसीलिए उनका जन्मदिन के उपलक्ष में ही शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
जल जाता है वो दिए की तरह, कई जीवन रोशन कर जाता है
कुछ इसी तरह से हर गुरु, अपना फर्ज निभाता है.
शिक्षक दिवस के अवसर पर देश के सभी शिक्षकों के प्रति सम्मान करने के लिए एक बहुत ख़ास दिन होता है क्योंकि शिक्षक छात्रों के व्यक्तित्व के विकास (personality development) और उज्जवल भविष्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे सभी छात्रों को एक आदर्श नागरिक बनाते हैं।
गुमनामी के अंधेरे में था, पहचान बना दिया
दुनिया के गम से मुझे, अनजान बना दिया
उनकी ऐसी कृपा हुई के गुरू ने मुझे एक अच्छा, इंसान बना दिया.
शिक्षक छात्रों को हमेशा अपने बच्चे से बढ़कर प्यार करते हैं किसी भी छात्र में कोई भी भेदभाव नहीं करते हैं सभी छात्रों पर एक जैसा ध्यान देते हैं।
हमारे माता-पिता (parents) देश का अच्छा नागरिक बनने के लिए हम सबको स्कूल भेजते हैं हालांकि एक शिक्षक की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है एक स्टूडेंट का उज्जवल भविष्य बनाने में उस को सफल बनाने की पूरी जिम्मेदारी टीचर की ही होती है।
हम अपने शिक्षकों के द्वारा किए जाने वाले सभी कार्य को स्वीकार करते हैं, उनकी हमेशा सराहना भी करते हैं क्योंकि शिक्षा प्रदान करना एक बहुत बड़ी सेवा है और यह शिक्षा आज से नहीं बल्कि अनादिकाल से चलती आ रही है।
हमारे जीवन के जो सबसे पहले गुरु होते हैं वह हमारे माता-पिता होते हैं क्योंकि जीवन जीने की सही शिक्षा हमारे माता-पिता ही सिखाते हैं। जीवन की मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में किस तरह से सफल होना है यह सभी के शिक्षा माता-पिता के द्वारा ही मिलती हैं।
अक्षर अक्षर हमें सिखाते, शब्द शब्द का अर्थ बताते,
कभी प्यार से कभी डांट से,जीवन जीना हमें सिखाते
गुरु सभी के जीवन के लिए एक बहुत ही मूल्यवान व्यक्ति की तरह होता है हमारे शिक्षक गण हमें शिक्षा का सही ज्ञान प्राप्त करवाते हैं। हमारे हित के लिए वह हमें डांट कर सही मंजिल तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं और सही मार्गदर्शन भी देते हैं।