शब्द और पद क्या होते हैं? | शब्द और पद की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण जाने

Shabd Aur Pad Ki Paribhasha आज के इस लेख के तहत हम शब्द और पद की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण के बारे में जानेगे। हिन्दी भाषा का महत्व हमारे जीवन में क्या है। यह तो हम सभी जानते है। इस कारण हमें चाहिए की हम इस भाषा में उत्तम बने न पढ़ने बल्कि बोलने में भी की हमारा प्रत्येक शब्द  का इस्तेमाल सही स्थान पर हो। देखे जो चीज़ हमारे लिए अधिक महत्व रखती है। उसके बारे में हम सब जाने समझे और उसे उच्चतम महत्वता का स्थान दिलाते हुए आगे बढ़ाए। इस प्रकार ज़रूरी है की हम हिन्दी भाषा से जुड़ी छोटी छोटी जानकारी प्राप्त करे। तो चलिए लेख के तहत जानते है की  शब्द और पद की परिभाषा, प्रकार क्या है। हमारा अपने पाठको से निवेदन है की वह लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।

shabd aur pad ki paribhasha

Shabd Aur Pad Ki Paribhasha

जिस समय हम कुछ बोलते है तो हमारे मुंह से कुछ ध्वनि निकलती है। इस धवनि के छोटे-छोटे भाग या टुकड़ों को वर्ण कहते हैं। इन्हीं वर्णो को मिलाकर शब्द का निर्माण होता है। वर्णो का व्यवस्थित व सार्थक मिलन शब्द कहलाता है।

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जैसे-कांच, गगन, किताब, आगरा, बुधवार, विद्वान, गुलाब, पाठशाला आदि।

पद की परिभाषा

जिस समय तक शब्दों का इस्तेमाल वाक्यों में नहीं किया जाता है। तब तक वह शब्द ही नहीं कहलाए जाते हैं। शब्दों के वाक्य में इस्तेमाल होने के पश्चात वह पद बन जाते हैं।

जैसे- रागिनी पुस्तक पढ़ती है।

  • इस वाक्य में पुस्तक एक पद है।

गंगा भारत देश की सबसे पवित्र नही है।

  • इस वाक्य में गंगा पद है।

शब्द के प्रकार

शब्दों को निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया गया है।

  • विकास शब्द।
  • अविकारी शब्द।
  • विकारी शब्द
जिन शब्दों को किसी वाक्य में इस्तेमाल करने से उनके रूप में परिवर्तन हो जाता है। वह शब्द विकारी शब्द कहलाते हैं।

उदाहरण –

  • मैं, हमे, मुझे।
  • कुत्ता, कुत्तों, कुत्ते।
  • किताबें, किताब , क़िताबों।
विकारी शब्द के प्रकार

विकारी शब्द के प्रकार को चार तरह से बॉंटा गया है।

  • संज्ञा
  • सर्वनाम
  • क्रिया
  • विशेषण

अविकारी शब्द

जब शब्द को वाक्य में इस्तेमाल करने से रूप में परिवर्तन नही होता है। उन शब्दों को अविकारी शब्द कहते हैं।

उदाहरण –

  • नही, हाँ, अब, कब, जल्दी, शीघ्र, लेकिन, क्यो, में, पर , पीछे- पीछे, धीरे- धीरे, कभी- कभी, बहुत, अधिक , कम इत्यादि।

अविकारी शब्द के प्रकार

अविकारी शब्दो को चार प्रकार से विभाजित किया गया है।

  • क्रिया विशेषण
  • समुच्चय बोधक
  • सम्बंध बोधक
  • विस्मयादि बोधक

क्रिया विशेषण

Shabd Aur Pad Ki Paribhasha वह शब्द जो क्रिया की विशेषता का बोध कराते हैं। वह क्रिया विशेषण कहलाते हैं।

क्रिया विशेषण के प्रकार

क्रिया विशेषण के चार प्रकार होते हैं।

  • स्थानवाचक
  • कलवाचक
  • परिणामवाचक
  • रीतिवाचक

समुच्चय बोधक

वह शब्द जो दो अथवा दो से अधिक वाक्य, वाक्यांशों, शब्दों इत्यादि को जोड़ने का कार्य करते हैं।

जैसे – सीता और गीता पढ़ रही हैं।

 सम्बंध बोधक

वह शब्द जो संज्ञा अथवा सर्वनाम का सम्बंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ बताते है। वह सम्बन्ध बोधक कहलाते हैं।

जैसे – या , एवं और इत्यादि।

4. विस्मयादि बोधक

वह शब्द जो वाक्यों में हर्ष, शोकं, आश्चर्य, घृणा इत्यादि का भाव बताने हेतु इस्तेमाल किये जाते हैं। वह शब्द विस्मयादिबोधक कहलाते हैं।

इन शब्दों के साथ विस्मयादिबोधक चिन्ह ( ! ) का इस्तेमाल  किया जाता है।

जैसे – ओह!, अरे!, काश!, शाबास इत्यादि।

हम उम्मीद करते है, की आपको यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपको शब्द और पद की परिभाषा यानि इस लेख से सम्बंधित कोई प्रश्न है। तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है। हम आपके प्रश्न का उत्तर जल्द से जल्द एवं संतुष्टिपूर्वक अवश्य देंगे।