भारत की सरकार ने एक बार फिर किसानो के हित में एक नई योजना जिसका नाम पीएम प्रणाम योजना का संचालन किया। इस योजना के तहत किसानों पर रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी का बोझ कम किया जाएगा। दरअसल सरकार द्वारा देशभर के किसानों को सहायता पहुंचाने के लिए रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। लेकिन अब सरकार के सामने एक समस्या उत्पन्न हो गई है कि किसानों द्वारा रसायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) का उपयोग बहुत ऊँचे स्तर पर किया जाने लगा है। इसके दो नुकसान है, पहला रासायनिक उर्वरकों से तैयार होने वाले फसलें स्वास्थ्य की दृष्टि से हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचती है। तथा दूसरा केंद्र सरकार पर सब्सिडी का बोझ बढ़ता ही जा रहा है।
यदि आप भी किसान है, तो हम आपको PM PRANAM Yojana 2023 विषय में समस्त जानकारी देंगे। इसलिए आप हमारे आर्टिकल को अंत तक ज़रूर पढ़े।
PM PRANAM Yojana 2023
PM PRANAM Yojana की फुलफॉर्म पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना है। इस योजना के माध्यम से किसानों पर रसायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी का बोझ कम किया जाएगा। आपको बता दें कि 2022-23 में इसका बोझ 2.25 लाख करोड़ रूपये पड़ा था। जिसको अब कम करना है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस योजना के लिए कोई भी नया बजट निर्धारित नहीं किया जाएगा। बल्कि एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
सब्सिडी बचत में से 50% राज्यों को अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। अनुदान का 70% गांव, ब्लॉक व जिला स्तर पर रासायनिक उर्वरक के वैकल्पिक उर्वरक निर्माण के लिए किया जायेगा। बाकि 30% सब्सिडी को ऐसे किसान, किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह, पंचायतों आदि जो उर्वरक के इस्तेमाल में कमी और जागरूकता पैदा करने में शामिल होंगे ऐसे किसानो को पुरुस्कार व प्रोत्साहन के रूप में दिए जायेंगें।

PM PRANAM Yojana 2023 Highlights
प्रस्तावित योजना का नाम | पीएम प्रणाम योजना |
शुरू की जा रही है | केंद्र सरकार द्वारा |
उद्देश्य | केंद्र सरकार के ऊपर बढ़ते हुए रसायनिक उर्वरकों के सब्सिडी बोझ को कम करना |
लाभार्थी | केंद्र सरकार और देश के किसान भाई |
संबंधित विभाग | उर्वरक विभाग |
साल | 2023 |
अधिकारिक वेबसाइट | अभी ज्ञात नहीं है। |
पीएम प्रणाम योजना के उद्देश्य
केंद्र सरकार द्वारा पीएम प्रणाम योजना को शुरू करने उद्देश्य सरकार के ऊपर बढ़ती हुई केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी के बोझ को कम करना है। क्योंकि हर साल किसानों द्वारा केमिकल फर्टिलाइजर की मांग बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के ऊपर सब्सिडी का बोझ हर साल बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन अब केंद्र सरकार ने एक जागरूकता अभियान चलाने के बारे में जरूर विचार किया है ताकि इसकी मांग को कम किया जा सके। इसी उद्देश्य के साथ इस योजना को शुरू किया जाएगा।
PM PRANAM Yojana के लाभ व विशेषताएं
- PM PRANAM Yojana की फुलफॉर्म पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना है।
- इस योजना का सीधा लाभ किसान भाइयों के साथ साथ सरकार को भी मिलेगा।
- इस योजना के लिए एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिसमें किसानों को बताया जाएगा कि किस तरह से केमिकल का इस्तेमाल कम किया जाना चाहिए।
- इससे उनकी फसल भी अच्छी होगी और किसी तरह का कोई नुकसान भी नहीं होगा।
- 2022-23 मे सब्सिडी का बोझ 2.25 लाख करोड़ होने की उम्मीद है जो पिछले साल के आंकड़े से 39% अधिक होगा।
- यह अनुदान उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्तपोषित किया जाएगा।
- पहले से ही खर्च की रही सब्सिडी की 50% धनराशि राज्यों को अनुदान के रूप में दी जाएगी, जिसका प्रयोग राज्य वैकल्पिक उर्वरक, तकनिकी व किसानों एवं इससे जुड़े लोगों को प्रोत्साहन हेतु देंगें।
PM PRANAM Yojana का कार्यान्वयन
- पीएम प्रणाम योजना के लिए अलग से कोई बजट निर्धारित नहीं किया जाएगा ।
- यह उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्तपोषित की जाएगी।
- केंद्र सरकार द्वारा मौजूदा उर्वरक सब्सिडी बचत का 50% राज्य सरकारों को अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
- राज्य सरकार द्वारा अनुदान का 70 फीसदी गांव, ब्लॉक, और जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीक अपनाने और वैकल्पिक रूप से संपत्ति निर्माण के लिए उपयोग किया जाएगा।
- बचे हुए 30 फीसदी अनुदान को राज्य सरकार उन किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूह को पुरस्कार देने एवं प्रोत्साहित करने के लिए करेंगी जो उर्वरक के इस्तेमाल में कमी और जागरूकता पैदा करने के कार्य में शामिल होंगे।