नामांकन पत्र वापस करने का नियम | Nomination Withdrawal Rules in Hindi

नामांकन पत्र वापस करने से सम्बंधित जानकारी

उत्तर प्रदेश में इस माह होनें वाले पंचायत चुनाव की तारीखों घोषणा के बाद नामांकन प्रक्रिया 3 अप्रैल से शुरू हो गई है | आपको बता दें, कि यूपी में इस बार होनें वाले पंचायत चुनाव चार चरणों में 15 से 29 अप्रैल के बीच संपन्न कराये जायेंगे | इस पंचायती चुनाव के माध्यम से ग्राम प्रधान, बीडीसी सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख और प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाते हैं |

हालाँकि कई प्रत्याशी नामांकन पत्र भरनें के बाद अंतिम समय में अपना नामांकन पत्र वापस ले लेते है | नामांकन पत्र वापस लेने की क्या प्रक्रिया है, इसके बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी दे रहे है|

नामांकन पत्र (Namanakan Patra) दाखिल कैसे करे

नामांकन पत्र से सम्बंधित जानकारी (Information Related To Nomination Letter)

देश में किसी भी तरह के होनें वाले चुनावों में चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होनें के बाद प्रत्याशियों को सबसे पहले नामांकन प्रक्रिया में भाग लेना होता है अर्थात चुनाव लड़ने के लिए नामांकन कराना होता है| उम्मीदवारों को अपना नामांकन एक निर्धारित तिथि के अन्दर ही करना होता है|

नामांकन के दौरान अनेक प्रकार के दस्तावेजों को संलग्न करना होता है | प्रत्याशियों द्वारा नामांकन कराने के बाद उनकी जाँच की जाती है, ऐसे में यदि किसी प्रत्याशी द्वारा इलेक्शन कमीशन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार उपयुक्त दस्तावेज न पाए जानें पर उस प्रत्याशी का नामांकन रद्द या निरस्त कर दिया जाता है |

पंचायत चुनाव नामांकन के लिए जरूरी दस्तावेज क्या है      

नामांकन पत्र निरस्त वापस लेने के कारण (Reasons For Cancellation or Withdrawal Nomination Letter)

उत्तर प्रदेश में इस वर्ष होनें वाले पंचायती चुनाव बेहद ख़ास है क्योंकि आम तौर पर इन पंचायती चुनाव में प्रमुख राजनैतिक दल प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लेते थे, परन्तु इस बार चुनावों में देश की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ-साथ आम आदमी पार्टी (AAP) और एआईएमआईएम (AIMIM) भी चुनाव में पूरी सक्रियता दिखा रही है। ऐसे में प्रत्याशियों के बीच मुकाबला बहुत ही रोचक होगा| मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बार सबसे अधिक प्रत्याशी ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे है|

जबकि चुनावी रणनीति के अनुसार, पंचायती चुनाव के अंतर्गत विभिन्न पदों के लिए कई प्रत्याशी नामांकन कराते है और अंतिम समय में अपना नाम वापस ले लेते है| जिसके कई कारण हो सकते है, इसमें से कुछ प्रत्याशियों को धन का लालच देकर बैठा दिया जाता है और कुछ प्रत्याशियों को डरा, धमका कर नामांकन वापस लेने के लिए विवश कर दिया जाता है और इनमें से कुछ प्रत्याशियों के सभी दस्तावेज शामिल न होनें के कारण उनका नामांकन निरस्त कर दिया जाता है|            

पंचायत चुनाव के नए नियम

नामांकन पत्र वापस लेने की जानकारी (Information Regarding Withdrawal Of Nomination Letter)

  • देश में होनें वाले किसी भी तरह के चुनावों को एक निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत संपन्न कराया जाता है| जिस प्रकार नामांकन करानें की एक प्रक्रिया है, ठीक उसी प्रकार प्रत्याशियों द्वारा अपना नामांकन वापस लेने की भी प्रक्रिया है| यदि कोई प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र लेना चाहता है, तो उन्हें इस प्रक्रिया का पालन करना होता है जो इस प्रकार है-
  • कोई भी प्रत्याशी फॉर्म 5 में रिटर्निंग ऑफिसर (चुनाव नियमों, 1961 के आचरण) को नोटिस देकर अपनी उम्मीदवारी वापस ले सकता है| इसके लिए अंतिम तिथि के साथ-साथ समय निर्धारित होता है|
  • प्रत्याशी के हर नोटिस को रिटर्निंग ऑफिसर (i) उम्मीदवार, या (ii) उसके किसी प्रस्तावक, या (iii) उसके चुनाव एजेंट को पहुंचाना चाहिए। यदि प्रस्तावक या चुनाव एजेंट प्रत्याशी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित वापसी नोटिस के साथ, प्रत्याहार नोटिस जमा कर रहा है, तो उन्हें प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाले प्रस्तावक या चुनाव एजेंट को अधिकृत करने वाले प्रत्याशी से एक लिखित प्राधिकरण भी प्रस्तुत करना चाहिए।
  • पंजीकृत गैर – मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा अपना नाम वापस लेने हेतु रिटर्निंग अधिकारी को इसकी सूचना देने के लिए अपने किसी भी प्रस्तावक को अधिकृत कर सकते हैं। अंतिम रूप से, आहरण नोटिस आवश्यक रूप से उपरोक्त किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत किया जाना चाहिए और किसी अन्य तरीके से भेजा या संचार नहीं किया जा सकता है।
  • नामांकन की जांच समाप्त होने के बाद ही उम्मीदवार वापसी की सूचना दे सकता है; इस तरह की सूचना जांच की तारीख के बाद या अगले दिन, अगर यह सार्वजनिक अवकाश नहीं है, या दूसरे दिन, आरपी अधिनियम 1951 की धारा 37 के संदर्भ में जांच की तारीख के बाद दी जा सकती है|
  • जब किसी प्रत्याशी द्वारा वैध रूप से अपना नाम वापस लिया जाता है, तो उन्हें ऐसी वापसी को रद्द करने और आरपी अधिनियम, 1951 की धारा 37 (2) के उम्मीदवार के रूप में जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
  • जैसे ही वापसी के किसी भी वैध नोटिस को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा प्राप्त किया जाता है, वह अपने नोटिस बोर्ड पर फॉर्म 6 (चुनाव नियमों के आचरण, 1961) में नोटिस के रूप में प्रकाशित कर दिया जाता है।
  • यदि कोई प्रत्याशी अपनें नाम वापस लेने की सूचना रिटर्निंग अधिकारी को देना चाहता है, तो उस दिन सार्वजनिक अवकाश नहीं होना चाहिए| इसके बारें में पूरी जानकारी आरपी अधिनियम, 1951 की धारा 2 (1) (एच) में परिभाषित है।

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