आज हम बात करेंगे आई फ्लू जैसा की हम सभी जानते है, कि बरसात के मोसम में आई फ्लू होना एक आम समस्या है। इस संक्रमण में आंखों में जलन होती है। आंखें लाल दिखाई देने लगती हैं। आँखों के संक्रमण के कई कारण हो सकते हैं, पर इनके मुख्य कारण होते हैं छोटे जीवाणु और वायरस से हुआ संक्रमण। आमतौर पर यह एक एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है। यह एक फैलने वाली बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। यदिआप भी आई फ़्लू जैसी घातक संक्रमण का शिकार है। तो आज हम आपको आई फ़्लू से छुटकारा कैसे पाए के विषय में बताएंगे। इसलिए आप हमारी पोस्ट को अंत तक ज़रूर पढ़े।
आई फ्लू क्या है ( what is Eye Flu)
आई फ्लू को कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) भी कहा जाता है। बैक्टीरिया या वायरस से संक्रमण होने पर आंख की कंजक्टिवा सूज जाती है। यह एक एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है। आई फ्लू के कारण आंखों में खुजली होने लगती है, आंखें लाल हो जाती हैं। इसके कारण आंखों से चिपचिपा स्राव भी निकल सकता है।

कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण
- आँखे लाल होना
- आँखों में खुजली होना
- धुधला दिखाई देना
- आँखों से पानी आना
- आँखों में दर्द होना
- शुरुआत में यह लक्षण एक आँख में नजर आते हैं और ईलाज न करने पर दुसरे आँख में भी फ़ैल सकता हैं। कंजंक्टिवाइटिस के गंभीर अवस्था में कुछ रोगियों के आँख से खून भी निकल सकता हैं।
- आँखों से हरा या सफ़ेद चिपचिपा द्रव निकलने से पलके चिपकना कंजंक्टिवाइटिस होने का एक बड़ा लक्षण है।
- धुप या तेज रोशनी के प्रति असंवेदनशीलता जिसे फोटोफोबिया भी कहा जाता हैं।
आई फ्लू होने पर सावधानियां
- किसी व्यक्ति से हाथ नहीं मिलाना चाहिए।
- आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।
- यदि बच्चों के आंख में हो गया हो, तो उसे स्कूल नहीं भेजना चाहिए।
- आंखों को तीन-चार बार गुनगुने पानी से धोना चाहिए।
- तीन-चार दिन रोगी को आराम करना चाहिए।
- किसी दूसरे को तौलिया, रुमाल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
आई फ्लू का निदान और टेस्ट
एक डॉक्टर इसके लक्षणों की जांच करके और आँखों की खुजली, लालिमा, सूजन आदि से संबंधित कुछ प्रश्न पूछकर कंजंक्टिविटीज़ का निदान कर सकता है। जलन और एलर्जी कंजंक्टिविटीज़ के लिए उपचार एक संक्रमण से अलग है। इंफेक्टिव कंजंक्टिविटीज़ के कुछ मामलों में उपचार के बिना कुछ दिनों से 2 सप्ताह के भीतर निर्धारित किया जाता है। यदि इसके लक्षण 2 सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं, तो मरीज़ को अपने चिकित्सक को दिखाना चाहिए, जो उसके निदान का पुनर्मूल्यांकन करेगा और उपचार में सुधार करेगा। लेकिन ज्यादातर डॉक्टर इस तरह की जांच नहीं कराते हैं।
आई फ्लू होने पर क्या करें
बिना डाक्टरी सलाह से आंखों के लिए किसी भी दवा का प्रयोग न किया जाए। आंखों को साफ करने के लिए आई वाइप्स का इस्तेमाल करें। आंखों को रगड़ें नहीं, कांटेक्ट लेंस का उपयोग न करें, नुस्खे या घरेलू उपचार का उपयोग न करें, घर पर पहले से तैयार आई ड्राप का उपयोग न करें।
आई फ्लू में आँखों की देखभाल
- एंटीबायोटिक थेरेपी खत्म होने के कम से कम 24 घंटे बाद तक लेंस लगाने से बचें। फिर उस लेंस को फेंक दें और उसे नए लेंस, लेंस केस और समाधान से बदलें।
- दर्द और चिपचिपाहट को कम करने में सहायता के लिए आर्टिफिशियल टीयर आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- आँखों पर किसी भी चिपचिपे तत्व को हल्के ढंग से साफ करने के लिए गर्म पानी में डूबा हुआ साफ कपड़ा दिन में कई बार लगाया जा सकता है। आँखों में जलन से बचने के लिए इसे हल्के से करें। दोनों आँखों के लिए साफ और अलग-अलग वॉशक्लॉथ का इस्तेमाल करें।
आई फ्लू होने पर घरेलू उपचार
ठंडे या गुनगुने पानी से आंखों को धोएं
जब आप एलर्जी के संपर्क में आती हैं, तो आपका शरीर हिस्टामाइन नामक रसायन छोड़ता है। इससे आंखों में लालिमा, आंसू और खुजली होती है। शैम्पू या परफ्यूम स्प्रे जैसी हल्की जलन के कारण होने वाले आई फ्लू के लिए कभी-कभी कम से कम पांच मिनट तक ठंडे या गुनगुने पानी से आंख को धोने से असुविधा से राहत मिल सकती है।
गुलाब जल
गुलाब के जल से आँख को धोने से आँखों का इन्फेक्शन कम हो जाता है। गुलाब के जल की दो बूंद आँखों में लगाये और इसे रोजाना दिन में दो बार करने से कंजंक्टिवाइटिस की समस्या खत्म कर सकते है।
आंवले का रस
3 से 4 आंवले के फल के गूददे को पिस कर उसका रस निकाल ले। एक ग्लास पानी में उस रस को मिला कर पिये। आंवले के रस को सुबह खाली पेट में और रात में सोने से पहले दिन में दो बार इस्तेमाल करे । आँखों में संक्रमण होने पर आंवले का रस पीने से भी लाभ मिलता है।
ट्रिगर्स से बचें
आई फ्लू किसी एलर्जी के कारण ट्रिगर हो सकती है। यदि संभव हो तो उनसे बचें। बारिश के मौसम में पोलेन ग्रेन या रैगवीड लेवल हाई होने का जोखिम रहता है। इसलिए बाहर बिताए जाने वाले समय को सीमित करें। एलर्जी की दवाएं लें, जो लक्षणों को रोकने में मदद कर सकती हैं। पोलेन ग्रेन से बचने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। इससे एलर्जी को घर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है।
गर्म पानी
हलके गर्म पानी के इस्तेमाल से आँख को धोने से आँखों के ऊपर जमने वाले गंदगी हट जाती है। गर्म पानी को किसी बर्तन में निकाल कर हल्का ठंडा कर ले और उस हलके गर्म पानी से आप सीधे अपने आँखों को धो भी सकते है, जिससे आँख में जमी धुल गंदगी बाहर आ जाएगी।