आई फ्लू का इलाज| Eye Flu Type And Treatment in hindi|

हमारे देश भारत में इस समय सबसे तेजी से चलने वाला संक्रमण आई फ्लू है। आई फ्लू जिसे हम कंजक्टिवाइटिस या आँख आने के नाम से जानते है। आई फ्लू से आँखे बहुत ज़्यादा लाल हो जाती है, और बहुत ज़्यादा सूज जाती है। आमतौर पर आईफ्लू का संक्रमण पहले एक आँख में होता है। तत्पश्चात धीरे धीरे दूसरी आंख में भी इसका संक्रमण फ़ैल जाता है। इस इन्फेक्शन के कारण आँखों में काफी ज़्यादा दर्द होता है। ये इन्फेक्शन एक संक्रमित व्यक्ति से स्वास्थ्य व्यक्ति में बहुत जल्द फ़ैल जाती है। इसलिए आज हम आपको Eye Flu Treatment in hindi बताएंगे। इसलिए आप हमारे आर्टिकल को अंत तक ज़रूर पढ़े।

भारत में कितने एयरपोर्ट है 

आई फ्लू के लक्षण

  • आँखे लाल होना
  • आँखों में खुजली होना
  • आँखों से धुधला दिखाई देना
  • आँखों से पानी आना
  • आँखों में दर्द होना
  • आँखों से हरा या सफ़ेद चिपचिपा द्रव निकलने से पलके चिपकना
  • धुप या तेज रोशनी के प्रति असंवेदनशीलता जिसे फोटोफोबिया भी कहा जाता हैं।

आई फ्लू क्या है

आई फ्लू एक नेत्र रोग है जिसे वायरल कंजक्टिविटीज़ के रूप में भी जाना जाता है। यह एक आम आँखों का संक्रमण है, जिसका सामना हम अपने जीवन में कभी न कभी करते हैं। यह संक्रमण आँखों में जलन पैदा करता है और ऐसी स्थिति पैदा करता है जब किसी व्यक्ति की आँखों में दर्द होता है। वायरल कंजक्टिविटीज़ आम सर्दी के लिए जिम्मेदार वायरस में से एक से प्रभावित महामारी में हो सकता है। आई ड्रॉप, कॉसमैटिक्स या कॉन्टैक्ट लेंस में पाए जाने वाले हानिकारक रसायनों के कारण यह स्थिति हो सकती है। एक अत्यधिक संक्रामक रोग कंजक्टिविटीज़ एक सूजन या दर्द है जो कंजक्टिवा में होता है। यह एक फैलने वाली बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। एक बार यह किसी को हो जाए, तो यह उस व्यक्ति के आसपास रहने वाले लोगों में भी फैल जाता है। आँखों में संक्रमण के बाद आँखें पहले गहरे पीले रंग की दिखती हैं और फिर कुछ समय बाद आँखों का रंग बदलकर लाल हो जाता है। 

आई फ्लू के कारण

  • किसी व्यक्ति से हाथ नहीं मिलाना चाहिए।
  • आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।
  • यदि बच्चों के आंख में हो गया हो, तो उसे स्कूल नहीं भेजना चाहिए।
  • आंखों को तीन-चार बार गुनगुने पानी से धोना चाहिए।
  • तीन-चार दिन रोगी को आराम करना चाहिए।
  • किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति की तौलिया, रुमाल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

आई फ्लू के बचाव

  • बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोना।
  • धूप या धूल से बचने के लिए चश्मे का उपयोग।
  • आंखों को साफ करने के लिए उबाल कर ठंडे पानी का उपयोग।
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों और स्विमिंग पूल से बचें।
  • आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।
  • यदि बच्चों के आंख में हो गया हो, तो उसे स्कूल नहीं भेजना चाहिए।
  • कपड़े, तौलिया, टूथब्रश और मेकअप की चीजों को दूसरे के साथ शेयर न करें।

आई फ्लू के प्रकार

वायरल कंजक्टिविटीज़ (Viral Conjunctivitis)

  • वायरल कंजक्टिविटीज़ संक्रामक कंजक्टिविटीज़ का सबसे सामान्य कारण है।
  • यह संक्रमण बच्चों की तुलना में वयस्कों में भी आम है। लगभग 65-90% आई फ्लू संक्रमण एडेनोवायरस के कारण होते हैं।

बैक्टीरियल कंजक्टिविटीज़ (Bacterial Conjunctivitis) 

  • यह बैक्टीरिया विभिन्न स्रोतों से आँख को संक्रमित करते हैं। बैक्टीरिया एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, संक्रमित सतहों के संपर्क में आने या साइनस जैसे अन्य माध्यमों से फैल सकता है।
  • बैक्टीरियल कंजक्टिविटीज़ आमतौर पर एक मोटी आँख का निर्वहन या मवाद बनाता है और एक या दोनों आँखों को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • बैक्टीरियल कंजक्टिविटीज़ पैदा करने वाले सामान्य प्रकार के बैक्टीरिया में स्टैफिलोकोकस ऑरियस, हीमोफिलस इन्फ्लूएंजा, स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया और स्यूडोमोनास एरुगिनोसा शामिल हैं। बैक्टीरियल कंजक्टिविटीज़ हालांकि कंजक्टिविटीज़ का एक कम सामान्य कारण है, जो बच्चों में अधिक आम है। 

गोनोकोकल कंजक्टिविटीज़ (Gonococcal Conjunctivitis)

  • निसेरिया गोनोरिया द्वारा होने वाली यह कंजक्टिविटीज़ दुर्लभ है लेकिन नवजात शिशुओं और यौन रूप से सक्रिय युवा वयस्कों में इसे पहचाना जा सकता है।
  • एंटीबायोटिक थेरेपी इसका निर्धारित उपचार है और सीफ्रीट्रैक्सोन इसकी दवा है।

क्लैमाइडियल कंजक्टिविटीज़ (Chlamydial Conjunctivitis) 

  • क्लैमाइडियल कंजक्टिविटीज़ के अधिकांश मामले एकतरफा होते हैं और इसमें एक साथ कॉनकरंट जेनिशल इंफैक्शन होता है।

एलर्जिक कंजक्टिविटीज़ (Allergic Conjunctivitis)

  • आँखों की एलर्जी के कारण लाल आँख होना बहुत सामान्य है। पराग, जानवरों की रूसी और धूल के कीड़ों की एलर्जी से आँखों की एलर्जी शुरू हो सकती है।
  • एलर्जिक कंजंक्टिविटीज़ मौसमी या बारहमासी हो सकती है।

आई फ्लू होने पर क्या करें

बिना डाक्टरी सलाह से आंखों के लिए किसी भी दवा का प्रयोग न किया जाए। आंखों को साफ करने के लिए आई वाइप्स का इस्तेमाल करें। आंखों को रगड़ें नहीं, कांटेक्ट लेंस का उपयोग न करें, नुस्खे या घरेलू उपचार का उपयोग न करें, घर पर पहले से तैयार आई ड्राप का उपयोग न करें।

आई फ्लू का इलाज

  1. गुलाब जल
    गुलाब के जल से आँख को धोने से आँखों का इन्फेक्शन कम हो जाता है। गुलाब के जल की दो बूंद आँखों में लगाये और इसे रोजाना दिन में दो बार करने से कंजंक्टिवाइटिस की समस्या खत्म कर सकते है।
  2. गर्म पानी
    हलके गर्म पानी के इस्तेमाल से आँख को धोने से आँखों के ऊपर जमने वाले गंदगी हट जाती है। गर्म पानी को किसी बर्तन में निकाल कर हल्का ठंडा कर ले और उस हलके गर्म पानी से आप सीधे अपने आँखों को धो भी सकते है, जिससे आँख में जमी धुल गंदगी बाहर आ जाएगी।
  3. आंवले का रस
    3 से 4 आंवले के फल के गूददे को पिस कर उसका रस निकाल ले। एक ग्लास पानी में उस रस को मिला कर पिये। आंवले के रस को सुबह खाली पेट में और रात में सोने से पहले दिन में दो बार इस्तेमाल करे । आँखों में संक्रमण होने पर आंवले का रस पीने से भी लाभ मिलता है।
  4. शहद और पानी का उपयोग
    एक ग्लास पानी में 2 चम्मच शहद को मिला ले। फिर उस जल को अपने हांथो से तेज झटके के साथ खुली आँखों में मारे। शहद से आँखों को धोने से आंखों का संक्रमण दूर होता है।
  5. पालक और गाजर का रस
    पालक के 4 या 5 पत्तो को पिस ले और उसका रस निचोड़ ले। 2 गाजर को भी पिस कर रस निकाल ले। एक ग्लास में आधे कप पानी भर ले और उसमे गाजर और पालक के रस को मिला कर पीये। ऐसा रोजाना करने से आंख की संक्रमण कम होने लगता है। पालक और गाजर का रस आँखों के संक्रमण के लिए काफी लाभदायक होता है क्योकि इनमे पाए जाने वाले विटामिन आँखों के लिए काफी महत्वपूर्ण होते है।
  6. हल्दी और गर्म पानी
    2 चम्मच हल्दी के पाउडर को 2 से 3 मिनट तक गर्म करे। एक ग्लास गर्म पानी में उस हल्दी को मिला दे। रुई की मदद से आँखों को साफ़ करे। गर्म पानी में हल्दी को मिलाकर रुई से आँखों को पोछना चाहिए।