Nano Urea Kya Hai | नैनो यूरिया क्या है? जानें, नैनो यूरिया के फायदे

Nano Urea Kya Hai – अब जैसे जैसे समय निकल रहा है।  वैसे ही प्रत्येक कार्य में अधिक तर्रक्की हो रही है। जिससे अपने देशो को उन देशो में शामिल करना है। जोकि डिजिटल की दुनिया में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुकी है। तो हाल ही में इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने 31 मई को दुनिया का पहला नैनो यूरिया (Nano urea) को शुरू किया गया है। जिसके तहत किसानों को अब यूरिया बोरी में नहीं, बल्कि बंद बोतल में दिया जाएगा। तो आज के लेख के तहत जानते है की What is Nano Urea व इसके लाभ क्या है। हमारा सभी पाठको से निवेदन है की आप लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।

Nano Urea Kya Hai

नैनो यूरिया क्या है? (What is Nano Urea?)

तो आपको बता दें की नैनो यूरिया ठोस यूरिया का ही तरल (liquid) रूप है। इसके 500 मिलीलीटर की एक बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन की होती है।जो सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करता है। यह तरल यूरिया किसानों के लिए काफी सुविधाजनक है। इसके साथ ही हम आपको बताना चाहेंगे की इफको के वैज्ञानिकों ने नैनो तरल यूरिया को 94 से अधिक फसलों पर परीक्षण के बाद इजाद किया है।

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नैनो यूरिया की विशेषताएं (Features of Nano Urea)

  • तो नैनो यूरिया कम कीमत पर मिलता है।
  • इससे फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • Nano Urea का परिवहन न और भंडारण कम खर्च होता है।
  • ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाती है।
  • यह तरल यूरिया पौधों के पोषण हेतु काफी प्रभावी और असरदार है।
  • नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने में मदद प्रदान करता है। 

नैनो यूरिया की तकनीक विकसित करने में इफको की भूमिका

  • हमारा भारत देश ही नहीं बल्कि IFFCO विश्व का सबसे बड़ा उर्वरक हकारिता संस्था है। आपको बतादें की सबसे अधिक यूरिया का उत्पादन भारत में इफको ही करती है।
  • इसके साथ ही इफको ने भारत देश में में 94 से अधिक फसलों पर लगभग 11,000 कृषि क्षेत्र परीक्षण किया। जिसके बाद ही बाद नैनो यूरिया की तकनीक विकसित की गई है।
  • यह तरल यूरिया किसानों के लिए बहुत बड़ी सौगात है। इससे भारत यूरिया के क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।
  • इफको ने कहा कि उत्पाद मिट्टी में यूरिया के प्रयोग में कमी लाने की प्रधानमंत्री Nano Urea को नरेंद्र मोदी की अपील से प्रेरित होकर तैयार किया गया है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील से की उत्पाद मिट्टी में यूरिया के प्रयोग में कमी लाई जाए प्रेरित होकर यूरिया तैयार किया गया है।
  •  इफको (IFFCO) की 31 मई 2021 को हुई 50वीं वार्षिक आम बैठक में नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240 रुपए निर्धारित की है।
  • जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10 प्रतिशत कम है। इफको नैनो यूरिया का उत्पादन जून 2021 से शुरू किया  गया है।
  • गौरतलब है कि इफको की 50वीं वार्षिक आम बैठक में पूरी दुनिया के किसानों के लिए दुनिया का पहला नैनो यूरिया तरल (World’s First Nano Urea Liquid) लेकर आया है।
  • वार्षिक आम बैठक में इफको के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. यूएस अवस्थी जी द्वारा बताया जाता  है की

नैनो यूरिया तरल को स्वदेशी और प्रोप्राइटरी तकनीक के माध्यम से कलोल स्थित नैनो जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र में तैयार किया है। यह प्रोडक्ट ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की दिशा में एक सार्थक कदम है। इसके साथ ही गौरतलब है कि इफको का पहला नैनो फर्टिलाइजर है। इसके पहले भी इफको ने किसानों को खरपतवार, बीमारी और कीट से पौधों को बचाने के लिए विडीसाइड, फंगीसाइड और पेस्टीसाइड लिक्विड(तरल) के रूप में मुहैया की है।