पंचायत चुनाव के नए नियम | Gram Panchayat Election Eligibility (New Rules)

पंचायत चुनाव के नए नियम से सम्बंधित जानकारी

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव अर्थात प्रधानी के चुनाव के लिए शासन द्वारा तैयारियों का सिलसिला जारी है| इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशी भी मदाताओं से मिलकर उन्हें लुभानें का हर संभव प्रयास कर रहे है| दरअसल उत्तर प्रदेश में होने वाले इन पंचायत चुनावों को 2022 में होनें वाले विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है| जिसके कारण सभी राजनीतिक पार्टियाँ इस पंचायत चुनाव को बड़ी गंभीरता से लेते हुए  पंचायत चुनाव जीतनें की रणनीति तैयार कर रहे है|

हालाँकि इस वर्ष होनें वाले पंचायती चुनावों के लिए निर्धारित तिथि की अधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पंचायत चुनाव की अधिसूचना 15 फरवरी तक जारी होनें की संभावना है| इसके साथ ही चुनाव आयोग द्वारा प्रत्याशियों के लिए पात्रता निर्धारित करनें हेतु नये नियम लागू किये जा सकते है| पंचायत चुनाव के नए नियम से सम्बंधित जानकारी आपको यहाँ विस्तार से दे रहे है|

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पंचायत चुनाव के नए नियम से सम्बंधित जानकारी (Gram Panchayat Election New Eligibility Rules Information

पंचायत चुनावों को लेकर प्रदेश में हलचल काफी तेज हो चुकी है, इसी बीच प्रत्याशियों के लिए पात्रता निर्धारित करनें को लेकर चारो ओर चर्चा हो रही है| हालाँकि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अभी तक इसके लिए कोई नोटिफिकेशन जारी नही किया गया है| मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार नें पंचायत चुनावों 2021 में प्रधान बीडीसी, ग्राम पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख आदि सभी उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य की जा सकती है |

नये नियमों के अंतर्गत क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान पद के लिए शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल अर्थात दसवीं‚ जिला पंचायत सदस्य के लिए बारहवीं अर्थात इंटरमीडि़यट व ग्राम पंचायत सदस्य के लिए कक्षा 8 पास होना अनिवार्य किया जा सकता है |

ग्राम पंचायत चुनाव में आरक्षित वर्ग के अंतर्गत आने वाली महिला सदस्यों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं पास तथा जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़नें वाले प्रत्याशियों के लिए शैक्षिक योग्यता 12वीं पास हो सकती है| इसके साथ ही दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों को पंचायत चुनाव में अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है, कि उत्तर प्रदेश सरकार पंचायतीराज एक्ट में संशोधन हेतु कैबिनेट में प्रस्ताव ला सकती है| मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अप्रैल 2021 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां पूरी होने से पहले ही नये नियम लागू कर दिए जायेंगे|

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प्रत्याशियों की जमानत राशि से सम्बंधित जानकारी (Gram Panchayat Election Bail Amount)

उत्तर प्रदेश में होनें वाले पंचायती चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जमानत राशि को लेकर एक अहम् निर्णय लिया गया है| इस वर्ष प्रत्याशियों की जमा कराई जाने वाली जमानत राशि के साथ ही चुनावी खर्च के दायरे को न बढ़ाने का फैसला किया है|

कहनें का आशय यह है, कि इस बार चुनाव खर्च की सीमा पिछले पंचायत चुनाव के बराबर ही होगी| हालाँकि खर्च सीमा में वृद्धि न होनें से प्रत्याशियों को कुछ समस्याओं का सामना करना पद सकता है, क्योंकि पिछले पांच वर्षों में महंगाई दर काफी बढ़ चुकी है| राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव के लिए निर्धारित की गयी खर्च की सीमा और जमानत राशि इस प्रकार है-

ग्राम पंचायत सदस्य के लिए जमानत राशि500 रुपये
क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए जमानत राशि2000 रुपये
जिला पंचायत के लिए जमानत राशि4000 रुपये
प्रधान पद के लिए जमानत राशि2000 रुपये

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प्रत्याशियों के लिए निर्धारित खर्च सीमा (Gram Panchayat Election Candidate Spending Limit)

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्याशियों के लिए निर्धारित खर्च सीमा के अंतर्गत प्रधान पद के प्रत्याशी 30 हजार रुपये, ग्राम पंचायत सदस्य 5 हजार रुपये, क्षेत्र पंचायत सदस्य 25 हजार रुपये, जिला पंचायत सदस्य 75 हजार रुपये तक तक खर्च कर सकते है| हालाँकि प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद से यह सभी इसी में शामिल किये जायेंगे| इसी प्रकार अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जन जाति (ST), पिछड़ा वर्ग (OBC) और महिला प्रत्याशी के लिए जमानत की राशि इसकी आधी होगी|

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पंचायत चुनाव में आरक्षण का नियम (Reservation Rule in Panchayat Elections)

राज्य निर्वाचन आयोग (Election Commission) द्वारा पंचायत चुनावों में आरक्षण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की रणनीति बनाई गई है | इसके लिए इसमें जिस वर्ग के लिए सीट पहले आरक्षित की जा चुकी है, उस सीट को दूसरे वर्ग के लिए निर्धारित जाये | इसके पूर्व कई बार राजनीतिक दबाव के चलते एक ही वर्ग के लिए सीट आरक्षित की जाती रही है | अब इसका विशेष ध्यान रखा जायेगा, कि इसमें कोई विवाद न रहे और इसे पूरी तरह से पारदर्शी रखा जाये |

उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण की नई नीति लागू किये जानें की संभावना है| प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरक्षण को लेकर शासन द्वारा पिछले पांच चुनावों के विवरण को देखते हुए पारदर्शी व्यवस्था तैयार करने की पूरी कोशिश की जा रही है| इस वर्ष ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए चक्रानुक्रम आरक्षण लागू किया जा सकता है, जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख और बीडीसी के लिए आरक्षण में संशोधन किये जानें की संभावना है |

इस बार चुनाव में प्रत्याशियों के आरक्षण के लिए ब्लाक स्तर पर जनसँख्या को अंकित किया जाएगा| ग्राम पंचायतों की तैयार सूची के अंतर्गत 1995 से देखा जा रहा है, कि कौन सी ग्राम सभा किस वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी | अनुसूचित जाति और ओबीसी वर्ग के लिए प्रधानों की आरक्षित वर्ग की संख्या उस ब्लॉक में अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के के अनुपात में गिरते हुए क्रम में आवंटित की जाएगी|    

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पंचायत चुनाव में आचार संहिता का नियम (Rules of Code of Conduct in Panchayat Elections)

देश में आये दिन छोटे – बड़े चुनाव होते रहते है, चुनाव के दौरान किसी प्रकार की धांधली या उपद्रव या नियमों को न तोडा जा सके, इसके लिए भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा अचार संहिता का नियम लागू किया जाता है | आचार संहिता की एक गाइड लाइन होती है, जिसे चुनाव के दौरान सभी वोटर्स को और चुनाव मैदान में उतरें प्रत्याशियों को पालन करना होता है, यदि इसका कोई उल्लंघन करता है तो उसके ऊपर कार्यवाई की जाती है |

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पंचायत चुनाव में धारा 144 का नियम (Rule 144 of The Panchayat Elections)

चुनावी घोषणा के साथ ही पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू हो जाती है | यह आचार संहिता का एक भाग होता है | चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराने के लिए यह धारा लागू की जाती है | इससे प्रदेश में चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की धांधली व वोटर्स पर दबाव नहीं बन पाता है | इसका उल्लंघन करने पर संविधान द्वारा लागू नियमों के अनुसार कार्यवाई होती है | इस दौरान शस्त्र लाइसेंस (Armed License) चुनावी प्रक्रिया के पूर्व ही जमा करवा लिए जाते है |

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पंचायत भवन की अनिवार्यता (Essentials of Panchayat Bhawan)

उत्तर प्रदेश सरकार नें सभी ग्राम पंचायतो में पंचायत भवन को अनिवार्य कर दिया है| दरअसल अभी तक सभी प्रकार की बैठक या पंचायत के अन्य सभी कार्य प्रधान के घर से ही होते थे, परन्तु अब ऐसा नहीं होगा| सरकार नें इस व्यवस्था को ख़त्म करते हुए ग्राम पंचायत सदस्यों की बैठक पंचायत भवन में ही करने का आदेश जारी किया हैं| आगामी पंचायत चुनाव में चयनित प्रधान और सदस्य किसी भी प्रकार की बैठक का संचालन इन्हीं पंचायत भवनों से किया जायेगा|

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