भारत में कितने बंदरगाह है | भारत के बड़े बंदरगाह | Indian’s Harbour List in Hindi

वर्तमान मसय में हमारे भारत देश में बंदरगाहों का एक अलग ही महत्व होता है, क्योंकि इन्ही बंदरगाहों के माध्यम से प्राचीन काल से ही पड़ोसी राज्यों के साथ व्यापार करने की प्रकिया को जारी रखा गया  है | इस व्यापार को जारी रखने का प्रमुख कार्य जल मार्ग और स्थल मार्ग के द्वारा ही किया जाता था | वहीं, अब वर्तमान समय में जलयानों के माध्यम से पड़ोसी राज्यों के साथ व्यापार  व्यापार किया जाता है |

इस तरह के व्यापार करने के लिए नदी या समुद्र के तटों पर कई प्रकार के प्रबंध किये जाते है, जिससे जलयानों के आवागमन में किसी भी प्रकार की समस्या न उत्पन्न हो | अभी भारत में ऐसे बहुत से लोग है, जिन्हें भारत के बंदरगाहों से सम्बंधित अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है | इसलिए यदि आप भी इससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस पोस्ट में आपको भारत में कितने बंदरगाह है | भारत के बड़े बंदरगाह | Indian’s Harbour List in Hindi की पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है | 

भारत में कितने एयरपोर्ट है

भारत में कितने बंदरगाह है (How many Ports are there in India) ?

भारत  में 13 बड़े तथा 200 से अधिक छोटे बंदरगाह मौजूद है, जिनके माध्यम से वर्तमान समय में व्यापार किया जाता है | वहीं भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह नवी मुंबई नावा शेवा बंदरगाह है, जिसे जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के नाम से भी जाना जाता है | 

मुम्बई बन्दरगाह (Mumbai Port)

मुंबई बंदरगाह भारत में सबसे पहले स्थान पर आता है, यानि कि यह बंदरगाह भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है, जो प्रमुख रूप से महाराष्ट्र में स्थित है | इस बंदरगाह की स्थापना 26 june 1873 में की गई थी। यह एक प्राकृतिक बंदरगाह होता है, जिसके माध्यम से सर्वाधिक व्यापार किया जाता है।

न्हावाशेवा बंदरगाह (जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह) (Jawaharlal Nehru Port)

न्हावाशेवा बंदरगाह भारत में दूसरे स्थान पर आता है | यह बदंरगाह एक कृत्रिम बंदरगाह कहा जाता है | इस बंदरगाह की शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य मुंबई बंदरगाह के भार को कम करना है | यह बंदरगाह महाराष्ट्र में स्थित है |  इस बन्दगाह का निर्माण मई 1989 में किया गया था | 

कांडला बंदरगाह (Kandala Port)

कांडला बंदरगाह बंदरगाह का निर्माण 1965 में किया गया था। इस बंदरगाह को भारत का सबसे सस्ता और अमीर बन्दगाह कहा जाता है | यह बंदरगाह भारत के गुजरात राज्य के कच्छ की खाड़ी में स्थित है | कांडला बंदरगाह को नए नाम दीनदयाल उपाध्याय पोर्ट के नाम से भी जाना जाता है | 

कोचीन बंदरगाह (Kochin Port)

कोचीन बंदरगाह केरल राज्य के अरब सागर और हिंद महासागर के मार्ग में स्थित है | यह हार्ट में चौथे स्थान पर आता है | इस बंदरगाह का निर्माण 26 मई 1928 में हुआ था। यह बंदरगाह प्रमुख रूप से दो द्वीपों वेलिंगटन और वल्लार्पदम पर स्थित है । इसलिए इसे प्राक्रतिक बंदरगाह भी कहा जाता है | 

न्यू मंगलोर बंदरगाह (New Mangalore Port)

यह बन्दगाह भारत में पांचवें स्थान पर आता है | यह बंदरगाह कर्नाटक का सबसे बड़ा बंदरगाह है, जो अरब सागर के तट पर स्थित है। इस बंदरगाह का प्रारम्भ 4 मई 1974 को किया गया था | इस बंदरगाह के माध्यम से मुख्य लोह अयस्क का निर्यात किया जाता है।

पारादीप बंदरगाह (Paradeep Port)

पारादीप बंदरगाह की शुरुआत 12 मार्च 1966 में की गई थी | यह बंदरगाह प्रमुख रूप से उड़ीसा राज्य में स्थित महानदी और बंगाल की खाड़ी के संगम में स्थित है। पारादीप बंदरगाह के माध्यम से ही झारखंड और ओडिशा राज्य का मुख्यत लोहा अयस्क निर्यात किया जाता है |

हल्दिया बंदरगाह (Haldia Port)

हल्दिया बंदरगाह को “पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार” के नाम से भी जाना जाता है | यह कोलकाता के हुगली नदी के डेल्टा क्षेत्र में स्थित है।    

विशाखापट्टनम बंदरगाह (Visakhapatnam Port)

विशाखापट्टनम बंदरगाह का निर्माण 19 दिसंबर 1933 में किया गया है। यह बंदरगाह एक प्राक्रतिक बंदरगाह कहा जाता है, जो आंध्र प्रदेश में स्थित है। विशाखापट्टनम बंदरगाह एक प्रमुख बंदरगाह है, क्योंकि इस पर एक डाल्फिन नोज नामक पहाड़ी है, जिसके कारण समुद्र की तेज लहरें आने पर भी वह लहरें जलयानों से टकराने में असफल हो जाती है |

एन्नोर बंदरगाह (Ennore Port)

एन्नोर बंदरगाह की शुरुआत 22 जून 2001 में की गई थी | इस बंदरगाह की शुरुआत प्रमुख रूप से चेन्नई बंदरगाह का भार कम करने के लिए की गई थी | इससे पहले कोई भी बन्दगाह कंप्यूटराइज बंदरगाह नहीं रहा है | 

भारत के सभी राज्यों की राजधानी के नाम

चेन्नई बंदरगाह (Chennai Port)

चेन्नई बंदरगाह तमिलनाडु राज्य में स्थित है, जो मुख्य रूप से देश का सबसे पुराना कृतिम बंदरगाह बन गया है । इस बंदरगाह के माध्यम से चमड़ा, रबर, Tea, तिलहन, नारियल तथा मछली का निर्यात होता है | 

तूतीकोरिन बंदरगाह (Tuticorin Port)

 तूतीकोरिन बंदरगाह भी तमिलनाडु जैसे बड़े राज्य में स्थित है, जिसकी गहराई 12 से 15 मीटर तक पहुंच जाती है। इस बंदरगाह की इतनी अधिक गहराई होने के कारण जलयानो को पांच किलोमीटर की दूरी पर ही रोक दिया जाता है | 

मार्मुगाओ बंदरगाह (Mormugao Port)

मार्मुगाओ बंदरगाह के माध्यम से ईरान और लौह अयस्क का निर्यात के कार्य को पूरा किया जाता है | इसलिए इसे एक प्राकृतिक बंदरगाह भी कहा जाता है। मार्मुगाओ बंदरगाह गोवा के जुआरी नदी में स्थित है।  

पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह (Port Blair Port)

पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह की शुरुआत अभी कुछ समय पहले ही की गई है | इसलिए यह हाल ही में भारत का 13वा प्रमुख बंदरगाह के रूप में जाना जाने लगा है | 

भारत के प्रमुख बंदरगाह की सूची (List of Ports in India)

भारत में प्रमुख बड़े बंदरगाह कुल 13 है, जिनकी सूची नीचे इस प्रकार से दी गई है – 

नामनदी/समुद्रराज्य/के.शा.प्र.
मुंबई अरबसागरमहाराष्ट्र
पारादीपबंगाल की खाड़ीआंद्रप्रदेश, ओडिशा
चेन्नईबंगाल की खाड़ीतमिलनाडु
विशाखापट्टनमबंगाल की खाड़ीआन्ध्र प्रदेश
कांडलाकच्छ की खाड़ीगुजरात
मुर्मुगावअरबसागरगोवा
जवाहरलालनेहरुअरबसागरमहाराष्ट्र
कोचीनअरब सागरकेरल
इन्नौरबंगाल की खाड़ीतमिलनाडु
हल्दियाकोलकाता-हुगलीनदीपशिम बंगाल
न्यू तूतीकोरिनबंगाल की खाड़ीतमिलनाडु
न्यू मंगलोरअरब सागरकर्नाटक
पोर्टब्लेयरबंगाल की खाड़ीअंडमान निकोबार द्वीप समूह

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