भारत में चुनाव कौन लड़ सकता है | चुनाव लड़ने हेतु योग्यता, अधिकार और प्रक्रिया

चुनाव लड़ने से सम्बन्धित जानकारी

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए संसदीय व्यवस्था को अपनाया गया है| इस व्यवस्था के अंतर्गत देश के सभी नागरिको को अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार चलने की पूरी स्वतंत्रता प्राप्त है| संसदीय व्यवस्था के अंतर्गत जनता द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसके सदस्यों का चयन किया जाता है| वर्तमान समय में मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट आदि की तरह राजनीति को भी एक सफल करियर माना जाता है|

हालाँकि राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता है, यदि आप भी राजनीति में करियर बनाना चाहते है, तो आपके लिए सबसे पहले यह जानना आवश्यक है, कि चुनाव कौन लड़ सकता है क्योंकि राजनीति में आने के बाद चुनाव लड़ना ही सबसे अहम् कार्य होता है| तो आईये जानते है, कि चुनाव कौन लड़ सकता है और इसके लिए योग्यता, नियम आदि के बारें में पूरी जानकरी विस्तार से दे रहे है|

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भारत में चुनाव से सम्बंधित जानकारी (Election Related information in India)

यदि आपनें राजनीति के क्षेत्र में जानें के लिए पूरी तरह से मन बना लिया है, तो सबसे पहले आपके लिए यह जानना आवश्यक है कि लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, ग्राम सभा या स्थानीय निकायों में जनप्रतिनिधियों के कितने पद होते हैं। लोकसभा में 545, राज्यसभा में 245 और देश के विभिन्न राज्यों के लिए विधायक (MLA), विधान परिषद सदस्य (MLC) इसके साथ ही स्थानीय निकायों के अंतर्गत प्रधान पद , वार्ड पार्षद, जिला परिषद, नगर निगम या नगर परिषद के देशभर में अनेक पद हैं। सबसे खास बात यह है, कि इन सभी पदों के लिए योग्यता और चुनाव लड़ने के नियम अलग-अलग है|

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भारत में चुनाव के प्रकार (Types of Elections in India)

भारत में विभिन्न स्तर पर चुनाव आयोग द्वारा चुनाव संपन्न कराये जाते है, जो इस प्रकार है-

  • लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)
  • राज्य सभा चुनाव (Rajya Sabha Elections)
  • विधान सभा चुनाव (Assembly Elections)
  • विधान परिषद् चुनाव (Legislative Council Elections)
  • निकाय चुनाव (Body Election)
  • राष्ट्रपति चुनाव (President Election)
  • उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election)

इन सभी चुनवों में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव सबसे महत्वपूर्ण माने जाते है, इनका विवरण इस प्रकार है-

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लोकसभा चुनाव (Lok sabha Election)

भारत में लोकसभा चुनाव प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल पर होता है| इसके लिए देश को अलग-अलग संसदीय क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है और प्रत्येक संसदीय क्षेत्र से विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी चुनाव लड़ते है, जिसमें जनता मतदान द्वारा अपनें प्रतिनिधि का चयन करती है| संविधान के आर्टिकल 324 के अंतर्गत इस चुनाव का नियंत्रण और नियमन इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया के हाथों में होता है| इस इलेक्शन में चयनित लोग देश की पार्लियामेंट में भाग लेते हैं| आपको बता दे, कि संसद में कुल 552 सांसद होते हैं और लोकसभा में चयनित प्रतिनिधियों को सांसद (Member Of Parliament- MP) कहते हैं|

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राज्यसभा चुनाव (Rajya sabha)

संवैधानिक रूप से राज्यसभा में कुल 250 सीटें होती हैं| राष्ट्रपति इसके लिए कला- विज्ञान, साहित्य आदि क्षेत्रों से सम्बंधित 12 सदस्यों का चयन कर सकते है| राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है, जिसमें से प्रत्येक दो वर्ष में 1/3 सदस्य अवकाश प्राप्त कर लेते हैं| राज्यसभा के इलेक्शन में आम नागरिकों की कोई भूमिका नहीं होती है| राज्यसभा सांसदों का निर्वाचन विधासनभा से होता है|

विधान सभा चुनाव (Vidhan Sabha Election)

लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव भी प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल पर संपन्न कराये जाते है| राज्य की आकृति और जनसँख्या के आधार पर इन विधान सभा सीटों से अनेक क्षेत्रीय पार्टियाँ, निर्दलीय और राष्ट्रीय पार्टियों के प्रतिनिधि चुनाव लड़ते हैं | उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहाँ 484 विधानसभा सीटें है| राज्य का कोई भी नागरिक जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो तथा इलेक्शन कमीशन में अपना नाम एनरोल कराया हो, अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपने पसंदीदा प्रत्याशी को अपना वोट दे सकता है| विधानसभा में चुने गए जन-प्रतिनिधि को विधायक कहते है|

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चुनाव कौन लड़ सकता है (Who Can Contest Election)

भारत में चुनाव लड़ने के लिए सबसे पहली प्राथमिकता यह है, कि चुनाव लड़ने के लिए व्यक्ति को भारत का नागरिक होना आवश्यक है, इसके साथ ही उस व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल होना चाहिए| भारत में प्रत्येक चुनाव के लिए आयु सीमा अलग-अलग निर्धारित की गयी है| यदि आप विधान सभा का चुनाव लड़ रहे है, तो आपका नाम उस राज्य की मतदाता सूची में होना चाहिए, इसी प्रकार यदि आप लोकसभा का चुनाव लड़ रहे है, तो आपका नाम भारत के किसी राज्य की मतदाता सूची में होना आवश्यक है| यदि आप स्थानीय या निकाय चुनाव लड़ना चाहते है, तो आप का नाम सम्बंधित क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम होना चाहिए |

पंचायत अध्यक्ष और सदस्य के लिए नियम

नगर पंचायत सदस्य के चुनाव लड़ने के लिए जमानत अध्यक्ष के लिए पांच हजार और सदस्य के लिए दो हजार है। अध्यक्ष के लिए खर्च सीमा ढाई लाख और सदस्य के लिए पचास हजार अधिकतम है। साथ ही उसका कहीं पर सरकारी बकाया नहीं होना चाहिए इसके लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट और जाति प्रमाण पत्र लगाना भी जरूरी होगा । इसके साथ ही नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए उम्र 30 वर्ष और सदस्य के लिए 21 वर्ष होनी चाहिए ।

नगर पालिका अध्यक्ष और सदस्य के लिए नियम

नगर पालिका परिषद अध्यक्ष और सदस्य के चुनाव लड़ने के लिए जमानत राशि अध्यक्ष के लिए 8 हजार और सदस्य के लिए 2 हजार है। अध्यक्ष के लिए खर्च सीमा 9 से 12 लाख और सदस्य के लिए 2 लाख अधिकतम है। साथ ही उसका कहीं पर सरकारी बकाया नहीं होना चाहिए इसके लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट और जाति प्रमाण पत्र लगाना भी जरूरी होगा । इसके साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष के लिए उम्र 30 वर्ष और सदस्य के लिए 21 वर्ष होनी चाहिए ।

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चुनाव लड़ने हेतु आयु सीमा (Age Limit for Contesting Election)

भारत में प्रत्येक चुनाव के लिए आयु सीमा अलग-अलग निर्धारित की गयी है, जो इस प्रकार है-

चुनाव के प्रकार

  • राष्ट्रपति चुनाव
  • उपराष्ट्रपति चुनाव
  • लोकसभा चुनाव
  • राज्य सभा चुनाव
  • विधान सभा चुनाव
  • विधान परिषद् चुनाव
  • निकाय चुनाव

चुनाव लड़ने के लिए उम्र

भारत में चुनाव लड़ने की आयु इस प्रकार है-

चुनावआयु
लोकसभा चुनाव25 वर्ष
राज्य सभा चुनाव30 वर्ष
विधान सभा चुनाव25 वर्ष
विधान परिषद् चुनाव30 वर्ष
निकाय चुनाव21 वर्ष
राष्ट्रपति चुनाव35 वर्ष
उपराष्ट्रपति चुनाव35 वर्ष

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भारत में चुनाव लड़ने हेतु योग्यता (Ability to Contest Elections in India)

भारत में किसी भी स्तर का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी की योग्यता का निर्धारण किया गया है, जो इस प्रकार है-

1.लोकसभा चुनाव लड़ने हेतु योग्यता (Ability to Contest Lok Sabha Elections)

  • चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है|
  • लोकसभा चुनाव लड़ने हेतु उम्मीदवार की आयु 25 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए|
  • चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति पर किसी भी प्रकार का आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए|
  • चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति का नाम देश के किसी भी राज्य की मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए|

2. विधानसभा चुनाव लड़ने हेतु योग्यता (Ability to Contest Assembly Elections)

  • विधान सभा चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होनें के साथ ही उनका नाम राज्य की मतदाता सूची में शामिल होना आवश्यक है|
  • चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति की न्यूनतम आयु 25 वर्ष होना आवश्यक है|
  • चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के विरुद्ध किसी तरह का कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए|
  • चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होना आवश्यक है, यदि वह मेंटली स्वस्थ नहीं है, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकते|

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चुनाव लड़ने के नियम (Rules for Contesting Elections)

  • भारतीय संविधान में अनुच्छेद 71 और 327 में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पार्लियामेंट और प्रत्येक राज्य के लिए राज्य विधायिकाओं के चुनाव के लिए कानून बनाने का अधिकार संसद को दिया गया है|
  • भारतीय संविधान में भाग 15 के अंतर्गत अनुच्छेद 324 से लेकर अनुच्छेद 329 तक निर्वाचन के विषय में जानकारी दी गयी है| निर्वाचन आयोग को अनुच्छेद 324 के अंतर्गत निर्वाचन का अधीक्षण और निदेशन करनें के साथ ही नियंत्रित करनें का अधिकार प्राप्त है|
  • संविधान के अनुच्छेद 243 K और 243 ZA में नगर पालिकाओं, पंचायतों और अन्य स्थानीय निकायों हेतु इलेक्शन कराने के लिए नये कानून बनाने का अधिकार राज्य विधायिकाओं को प्रदान किया गया है |
  • इलेक्शन लड़ने के लिए जन-प्रतिनिधित्व कानून (Public Representation Law) बनाया गया है, इस कानून के तहत धारा 123(3) के अनुसार यदि कोई प्रत्याशी किसी मतदाता को धर्म, जाति, समुदाय या भाषा के नाम पर मतदान करनें को कहता है या दबाव बनाता है, तो ऐसी स्थिति में उस प्रत्याशी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करनें का प्राविधान है|

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चुनाव लड़ने की प्रक्रिया (Election Process)

  • सबसे पहले इलेक्शन कमीशन द्वारा चुनाव के लिए तिथियों की घोषणा की जाती है|
  • इलेक्शन लड़ने के लिए प्रत्यशियों को इलेक्शन कमीशन द्वारा तय तिथि के अंदर नामांकन फार्म भरना होता है|
  • नामांकन फार्म भरने के कुछ समय पश्चात इलेक्शन कमीशन द्वारा सभी प्रत्याशियों के लिए एक चुनाव चिन्ह निर्धारित कर दिया जाता है|
  • चुनाव चिन्ह मिलनें के पश्चात सभी प्रत्याशी इलेक्शन कमीशन द्वारा निर्धारित गाइड लाइन के अनुसार चुनाव प्रचार करते है|
  • चुनाव की प्रचार-प्रसार की समय-सीमा समाप्त होने के बाद चुनाव का प्रचार प्रत्याशी द्वारा बंद कर दिया जाता है |
  • इलेक्शन कमीशन द्वारा निर्धारित तिथि को मतदान संपन्न कराया जाता है, जिसमें सभी मतदाता अपनें पसंदीदा उम्मीदवार को मत देते है|
  • मतदान के उपरांत मतगणना कराई जाती है, इसमें जिस प्रत्याशी को सबसे अधिक मत प्राप्त होते है, उसे विजयी घोषित कर दिया जाता है |
  • सर्वाधिक मत प्राप्त करनें वाले विजयी प्रत्याशी को चुनाव आयोग द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है |
  • इसके पश्चात सभी जीते हुए प्रत्याशियों को अधिकार प्राप्त व्यक्ति से शपथ ग्रहण कराई जाती है|

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रमुख निर्देश

  • प्रत्येक उम्मीदवार को नामांकन पत्र के साथ शपथपत्र जमा करना होगा | शपथपत्र में प्रत्याशी के आरोपों को मोटे अक्षरों से लिखा जाना चाहिए |
  • प्रत्येक राजनीतिक पार्टी अपने उम्मीदवारों पर लगे आरोपों की जानकारी वेबसाइट और मीडिया के माध्यम से जनता को अनिवार्य रूप से देंगी | जब उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर देता है, उसके बाद पार्टी के द्वारा न्यूनतम तीन बार यह जानकारी देनी होगी है |
  • जनता अपने प्रत्याशी के इतिहास को जानने का अधिकार रखती है, पार्टी की वेबसाइट पर इसकी सही- सही सूचना प्रदर्शित करना होगा |

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इंद्रजीत गुप्त समिति

  • लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव का व्याय किया जायेगा।
  • ऐसे प्रत्याशी जो अपना वार्षिक आयकर रिटर्न दाखिल करने में असफल हैं, को चुनावों में आर्थिक सहायता न दी जाए।
  • 10,000 से अधिक चंदे की राशि ड्राफ्ट अथवा चेक के माध्यम से प्रदान किये जाने की व्यवस्था हो।
  • इंद्रजीत गुप्त समिति के बाद चुनाव सुधारों के लिये के. संथानम समिति का गठन हुआ।

जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम

  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अनुसार निर्वाचन क्षेत्र में मतदान पूरा होने से 48 घंटे पूर्व रेडियो, टेलीविज़न अथवा किसी अन्य प्रचार सामग्री (‘चुनावी तथ्य’) के द्वारा चुनाव प्रचार करना निषेध किया गया |
  • धारा 126 में ‘चुनावी तथ्य’ को किसी ऐसी सामग्री के रूप में परिभाषित किया गया है, जिससे चुनाव परिणाम को प्रभावित किया जा सकता है |
  • धारा 126 के प्रावधानों के अनुसार यदि किसी भी प्रकार उल्लंघन किया जाता है, तो इसके लिए अधिकतम दो वर्ष का कारावास अथवा जुर्माना या दोनों ही निर्धारित किया गया है
  • इसके अंतर्गत चुनाव आयोग टेलीविज़न/रेडियो चैनल और केबल नेटवर्क आदि के द्वारा प्रसारित या प्रदर्शित कार्यक्रमों के कंटेंट में ऐसी सभी सामग्री को प्रतिबंधित करता है, जिससे किसी दल या उम्मीदवार को बढ़ोत्तरी प्राप्त हो सके और वह चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सके | इसमें ओपनियन पोल, परिचर्चाएँ, विश्लेषण, दृश्य और ध्वनि संदेश को शामिल किया गया है |